नई दिल्ली – भारतीय अधिकारियों ने मंगलवार को देश में मानव मेटाप्न्युमोवायरस (HMPV) (HMPV human metapneumovirus) के पहले मामलों की पुष्टि की है। भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) के अनुसार, अब तक सात लोग इस वायरस से संक्रमित पाए गए हैं। ये मामले विभिन्न शहरों में पाए गए हैं, जिसमें नागपुर, बेंगलुरु, अहमदाबाद, चेन्नई और सलेम शामिल हैं।
बुधवार को नागपुर शहर में दो HMPV संक्रमणों की पुष्टि हुई, जबकि बेंगलुरु में भी दो मामलों की रिपोर्ट आई है। अहमदाबाद, चेन्नई और सलेम में एक-एक मामला सामने आया है। संक्रमितों में एक तीन महीने की बच्ची भी शामिल है, जो सोमवार को HMPV पॉजिटिव पाई गई थी। वहीं, एक आठ महीने के लड़के में HMPV और श्वसन सिंसीटियल वायरस (RSV) दोनों की उपस्थिति पाई गई है।
HMPV के लक्षण और प्रभाव HMPV human metapneumovirus
मानव मेटाप्न्युमोवायरस (HMPV) एक श्वसन संक्रमण है, जो हर उम्र के व्यक्तियों को प्रभावित कर सकता है। हालांकि, यह छोटे बच्चों, बुजुर्गों और जिनकी प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर है, उन्हें गंभीर बीमारी का खतरा अधिक होता है। सामान्य लक्षणों में खांसी, बुखार, नाक बंद होना और सांस लेने में कठिनाई शामिल हैं।
इस वायरस को 2001 में पहली बार पहचाना गया था, और तब से यह दुनिया भर में फैल चुका है। हालांकि, विशेषज्ञों का कहना है कि इससे जुड़ी चिंताओं के बावजूद इसे एक नई महामारी के रूप में देखे जाने की आवश्यकता नहीं है।
भारतीय स्वास्थ्य मंत्रालय का बयान HMPV human metapneumovirus
भारतीय स्वास्थ्य मंत्री जे. पी. नड्डा ने सोमवार को कहा कि HMPV कोई नया वायरस नहीं है। उन्होंने बताया कि वायरस लंबे समय से दुनियाभर में मौजूद है, और भारतीय स्वास्थ्य मंत्रालय और निगरानी नेटवर्क इस स्थिति पर करीबी नजर रखे हुए हैं।
“हमारे स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने स्पष्ट किया है कि HMPV का संक्रमण आमतौर पर हल्का और स्व-सीमित होता है, और अधिकांश मामले बिना किसी विशेष उपचार के ठीक हो जाते हैं,” नड्डा ने कहा। उन्होंने यह भी बताया कि जिन लोगों को यह संक्रमण हुआ है, उनका हाल ही में विदेश यात्रा करने का कोई इतिहास नहीं है।
उन्होंने यह भी बताया कि भारत सरकार ने राज्यों से श्वसन संबंधी बीमारियों की निगरानी बढ़ाने और HMPV के संक्रमण को रोकने के उपायों के बारे में जन जागरूकता फैलाने का अनुरोध किया है।
HMPV के प्रसार को रोकने के उपाय
भारतीय सरकार ने नागरिकों से अनुरोध किया है कि वे HMPV के प्रसार को रोकने के लिए सावधानियां बरतें। इनमें खांसते या छींकते समय मुँह और नाक ढकने, बार-बार हाथ धोने और भीड़-भाड़ वाले स्थानों पर मास्क पहनने जैसी सामान्य सावधानियाँ शामिल हैं।
इसके अलावा, स्वास्थ्य मंत्रालय ने यह भी स्पष्ट किया कि HMPV संक्रमण आमतौर पर गंभीर नहीं होता है और भारत की स्वास्थ्य प्रणाली इस संक्रमण से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार है।
वैश्विक स्थिति और विशेषज्ञों की राय
HMPV के मामलों में हाल ही में चीन में वृद्धि देखी जा रही है, जिस पर पूरी दुनिया की निगाहें टिकी हैं। हालांकि, अमेरिकी विशेषज्ञ डॉ. कार्ला गार्सिया कॅरेनो, जो बच्चों के चिकित्सा केंद्र, प्लानो, टेक्सास में संक्रमण नियंत्रण के निदेशक हैं, ने सीबीएस न्यूज को बताया कि इस वायरस को लेकर चिंता की कोई बात नहीं है।
“यह वायरस पहले से ही प्रचलित है, और लोगों में इसकी कुछ हद तक प्रतिरक्षा है,” उन्होंने कहा। डॉ. कॅरेनो ने यह भी बताया कि HMPV वायरस का म्यूटेशन (परिवर्तन) बहुत कम होता है, जबकि COVID-19 के वायरस की म्यूटेशन दर अधिक होती है, जिससे उसे हर बार नष्ट करना मुश्किल हो जाता है।
विशेषज्ञों का कहना है कि HMPV संक्रमण का सामान्य उपचार है और ज्यादातर मामलों में लोग बिना किसी विशेष चिकित्सा के ठीक हो जाते हैं। इसलिए इस वायरस को लेकर घबराने की कोई आवश्यकता नहीं है।
भारत में स्वास्थ्य सुरक्षा और निगरानी
भारत में स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि HMPV के मामलों में कोई असामान्य वृद्धि नहीं देखी जा रही है और देश की स्वास्थ्य प्रणालियाँ इस वायरस के प्रसार को नियंत्रित करने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। मंत्रालय ने यह भी कहा कि वायरस से संक्रमित अधिकांश लोग जल्दी ठीक हो जाते हैं, और इसमें कोई खास चिंता का विषय नहीं है।
भारत सरकार ने पड़ोसी देशों और चीन की स्थिति पर भी नजर रखने का निर्देश दिया है और अधिकारियों ने कहा कि इस समय स्थिति पूरी तरह से नियंत्रण में है।
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इस स्थिति में, भारतीय नागरिकों को वायरस से बचने के उपायों के बारे में जागरूक किया जा रहा है, ताकि संक्रमण के प्रसार को कम किया जा सके और स्वास्थ्य प्रणालियों पर दबाव न बढ़े।
HMPV human metapneumovirus
हालांकि भारत में HMPV के कुछ मामले सामने आए हैं, लेकिन विशेषज्ञों और स्वास्थ्य अधिकारियों के अनुसार इस वायरस को लेकर चिंता की कोई बात नहीं है। यह एक पुराना वायरस है और ज्यादातर मामलों में संक्रमित लोग सामान्य रूप से ठीक हो जाते हैं। भारत की स्वास्थ्य प्रणाली इस स्थिति का उचित प्रबंधन करने के लिए पूरी तरह से तैयार है, और नागरिकों से उम्मीद की जा रही है कि वे सुरक्षा उपायों का पालन करेंगे, ताकि वायरस का प्रसार रोका जा सके।