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Epic Award: समावेशन के क्षेत्र में अद्वितीय योगदान; हल्द्वानी के कृतेश बिष्ट को ईपिक अवार्ड……

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Epic Award: हल्द्वानी के युवा उद्यमी और समाजसेवी कृतेश बिष्ट ने इंग्लैंड में प्रतिष्ठित ईपिक अवार्ड (Epic Award) जीतकर उत्तराखंड और देश का मान बढ़ाया है। उन्हें यह सम्मान “इंक्लूजन चैंपियन” के रूप में समानता और समावेशन के क्षेत्र में उनके उल्लेखनीय योगदान के लिए प्रदान किया गया।

शिक्षा और कौशल विकास में अद्वितीय पहल Epic Award

कृतेश बिष्ट ने अपनी संस्था “इन स्टूडेंट” के माध्यम से वंचित और ग्रामीण क्षेत्रों के छात्रों के लिए शिक्षा और कौशल विकास के कई प्रभावशाली प्रोजेक्ट शुरू किए हैं।

  • स्किल पोर्ट और इक्वल ऑपर्च्युनिटीज प्रोजेक्ट के माध्यम से हजारों छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और बेहतर करियर के अवसर प्रदान किए गए हैं।
  • इन परियोजनाओं ने छात्रों को आत्मनिर्भर बनने और अपने भविष्य को उज्ज्वल बनाने का अवसर दिया है।
अवार्ड जीतने पर कृतेश का संदेश

पुरस्कार ग्रहण करते हुए कृतेश ने कहा,

“यह अवार्ड मेरे साथ उन सभी लोगों का है जिन्होंने इस सफर में मेरा साथ दिया। समावेशन केवल एक लक्ष्य नहीं, यह हमारी जिम्मेदारी है।”
उनकी इस प्रेरणादायक सोच ने उनके कार्यों को वैश्विक स्तर पर मान्यता दिलाई है। Epic Award

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पारिवारिक पृष्ठभूमि और शिक्षा Epic Award

कृतेश बिष्ट हल्द्वानी के रीवा एनक्लेव फेस 2, बिठौरिया नंबर 1 निवासी हैं।

  • उनके पिता, दिनेश बिष्ट, एसजेबीएम फाउंडेशन के अध्यक्ष हैं। Epic Award
  • माता, चंद्रिका बिष्ट, सुवर्णा एंटरप्राइजेज में डिजाइनर हैं।
  • बहन, गौरी बिष्ट, पंतनगर विश्वविद्यालय में स्नातक शिक्षा ग्रहण कर रही हैं।
  • कृतेश ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा आर्यमान विक्रम बिरला स्कूल, हल्द्वानी से प्राप्त की।
  • स्नातक की पढ़ाई दिल्ली विश्वविद्यालय से पूरी की और वर्तमान में वे बर्मिंघम विश्वविद्यालय, ब्रिटेन में स्नातकोत्तर कर रहे हैं।
कूटा अध्यक्ष ने दी बधाई

कूटा अध्यक्ष प्रो. ललित तिवारी और महासचिव डॉ. विजय कुमार ने कृतेश को इस उपलब्धि पर बधाई दी और इसे हल्द्वानी के लिए गर्व का क्षण बताया।

छोटे शहर से वैश्विक पहचान Epic Award

कृतेश की इस सफलता ने यह साबित कर दिया कि छोटे शहरों के युवा भी वैश्विक स्तर पर अपनी पहचान बना सकते हैं। उनके समर्पण और मेहनत ने न केवल उनके शहर का नाम रोशन किया, बल्कि युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत भी बने।

हल्द्वानी के इस होनहार युवा ने अपने शहर, राज्य और देश को समर्पित करते हुए संदेश दिया कि मेहनत और लगन से हर सपना साकार किया जा सकता है।


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