Earthquake News LIVE: तिब्बत और नेपाल में शक्तिशाली भूकंप के बाद बढ़ी तबाही, मृतकों की संख्या 53 पहुंची
आज तिब्बत में एक शक्तिशाली भूकंप ने भारी तबाही मचाई है। 7.1 तीव्रता के इस भूकंप ने तिब्बत के कई हिस्सों को प्रभावित किया, जिसमें अब तक 53 लोगों की मौत हो चुकी है। इसके अलावा, 62 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं और 1000 से अधिक घरों को नुकसान पहुंचा है। इस भूकंप के झटके नेपाल और भारत के कुछ हिस्सों में भी महसूस किए गए। Earthquake News LIVE
Earthquake Hits Tibet: तिब्बत में भूकंप से 53 लोगों की मौत, 60 से ज्यादा घायल: कई इमारतें ढहीं
तिब्बत में सबसे शक्तिशाली भूकंप, 5 साल में पहली बार
तिब्बत के डिंगरी काउंटी, जहां भूकंप का केंद्र था, में लगभग 62,000 लोग निवास करते हैं। यह इलाका माउंट एवरेस्ट के नजदीक है, और तिब्बत के इस हिस्से में भूकंप सामान्य रूप से आते रहते हैं। लेकिन मंगलवार का भूकंप पिछले पांच वर्षों में सबसे शक्तिशाली था। चीनी भूकंप विज्ञान केंद्र ने बताया कि यह भूकंप 7.1 तीव्रता का था, जबकि चीन ने इसे 6.8 तीव्रता का बताया है। यह भूकंप एवरेस्ट से लगभग 75 किलोमीटर दूर आया था, और इसकी गहराई केवल 10 किलोमीटर (6 मील) थी, जो इसे और भी खतरनाक बना देती है।
भूकंप के कारण मलबा और ढही हुई इमारतें
चीनी मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, भूकंप के बाद कई इमारतें गिर गईं और भारी तबाही हुई। CCTV द्वारा जारी की गई वीडियो में डिंगरी और ल्हात्से काउंटी के रास्तों पर मलबा और टूटी हुई इमारतों की तस्वीरें दिखाई गईं। ल्हात्से काउंटी में भी सैकड़ों घरों की छतें गिर गईं और दुकानें भी तबाह हो गईं।
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नेपाल और भारत में भी महसूस किए गए भूकंप के झटके
नेपाल की राजधानी काठमांडू में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए। नेपाल के सात पर्वतीय जिलों में इन झटकों का असर देखा गया, जो तिब्बत की सीमा से सटे हैं। काठमांडू की निवासी मीरा अधिकारी ने बताया कि वह अपने घर में सो रही थीं, जब भूकंप के कारण उनका बिस्तर हिलने लगा। जैसे ही उन्होंने खिड़कियों के हिलने की आवाज सुनी, वह समझ गईं कि भूकंप आ चुका है। उन्होंने तुरंत अपने बच्चे को बाहर निकालकर खुले स्थान पर पहुंचाया।
भारत के दिल्ली-एनसीआर, बिहार और पश्चिम बंगाल में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए। दिल्ली में कई लोग डर के मारे अपने घरों से बाहर भाग गए। उत्तराखंड, सिक्किम और भूटान में भी भूकंप का असर देखा गया, हालांकि इन स्थानों से किसी प्रकार के बड़े नुकसान की खबर नहीं है।
भारत, नेपाल और तिब्बत में बाद के झटके जारी रहने का खतरा
चीन के अधिकारियों ने कहा कि भूकंप के बाद 49 छोटे झटके महसूस किए गए हैं, और इन झटकों का असर तिब्बत में सबसे ज्यादा पड़ा है। स्थानीय अधिकारियों ने लोगों से सतर्क रहने और सुरक्षित स्थानों पर जाने की सलाह दी है। नेपाल और भारत में भी आपातकालीन टीमों को तैयार रखा गया है और अधिकारियों ने नागरिकों से संयम बनाए रखने की अपील की है।
भूकंप के कारण माउंट एवरेस्ट पर भी खतरा बढ़ा
तिब्बत के डिंगरी काउंटी और उसके आसपास माउंट एवरेस्ट के क्षेत्र में भूकंप के बाद परिस्थितियां और भी जटिल हो गई हैं। हालांकि, सर्दियों के मौसम में पर्वतारोहियों की संख्या कम होती है, फिर भी तिब्बत के पर्वतीय क्षेत्र में स्थित माउंट एवरेस्ट पर मौसम के कारण स्थितियां काफी चुनौतीपूर्ण हो सकती हैं।
भूकंप का कारण और वैज्ञानिक दृष्टिकोण
यह क्षेत्र भूकंपीय दृष्टि से अत्यंत सक्रिय है, क्योंकि यहां भारतीय और यूरोशियाई प्लेटें आपस में मिलती हैं, जो हिमालय पर्वत श्रृंखला के निर्माण के कारण लगातार भूगर्भीय हलचलों का कारण बनती हैं। इस टेक्टोनिक गतिविधि के कारण हिमालय के सबसे ऊंचे पहाड़ों की ऊंचाई भी लगातार बदल रही है, जो पृथ्वी की भूगर्भीय प्रक्रियाओं को दर्शाता है।
आगे की स्थिति और राहत कार्य
चीन और नेपाल में आपातकालीन राहत कार्य तेज़ी से चल रहे हैं। बचाव दल मलबे में दबे हुए लोगों को बाहर निकालने की कोशिश कर रहे हैं। चूंकि भूकंप के बाद अभी भी छोटे झटके आ रहे हैं, इसलिए अधिकारियों ने लोगों से अलर्ट रहने की अपील की है। नेपाल और भारत की सरकारें स्थिति पर कड़ी नजर बनाए हुए हैं और राहत कार्यों में पूरा सहयोग दे रही हैं।
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तिब्बत में आए 7.1 तीव्रता के भूकंप ने क्षेत्र में व्यापक तबाही मचाई है, जिसमें अब तक 53 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं और दर्जनों लोग घायल हुए हैं। इस भूकंप के झटके नेपाल और भारत के कई हिस्सों में महसूस किए गए हैं। राहत कार्य जारी है और लोग आगे की आपात स्थिति के लिए तैयार हैं। यह भूकंप तिब्बत और नेपाल की भूकंपीय स्थिति को एक बार फिर उजागर करता है, जहां लगातार भूगर्भीय हलचलें होती रहती हैं।