नई दिल्ली: म्यांमार में गुरुवार तड़के एक शक्तिशाली भूकंप (Earthquake in Myanmar) आया, जिससे कई इलाकों में भारी दहशत का माहौल बन गया। यूएस जियोलॉजिकल सर्वे (USGS) के अनुसार, भूकंप की तीव्रता 6.5 रिक्टर स्केल मापी गई और इसका केंद्र मांडले क्षेत्र के पास था। झटके बांग्लादेश, भारत और थाईलैंड तक महसूस किए गए।
भूकंप का असर और नुकसान Earthquake in Myanmar
भूकंप के तेज झटकों के कारण कई इमारतों में दरारें आ गईं, और कुछ इलाकों में बिजली आपूर्ति ठप हो गई। हालांकि, अब तक किसी बड़े जानमाल के नुकसान की पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन स्थानीय प्रशासन सतर्कता बरत रहा है और राहत कार्यों में जुटा हुआ है।
लोगों में दहशत, सड़कों पर रात बिताने को मजबूर
भूकंप के झटकों के बाद म्यांमार के कई शहरों में लोग घरों से बाहर निकल आए और खुले स्थानों में पनाह ली। यंगून और मांडले में कई इलाकों में भय का माहौल देखने को मिला। स्थानीय निवासी म्यांमार सरकार से सुरक्षा उपायों को बढ़ाने की मांग कर रहे हैं।
पड़ोसी देशों में भी महसूस किए गए झटके
भूकंप का असर बांग्लादेश और पूर्वोत्तर भारत में भी देखने को मिला। असम, मणिपुर, नागालैंड और पश्चिम बंगाल में हल्के झटके महसूस किए गए, जिससे कुछ समय के लिए जनजीवन प्रभावित रहा। Earthquake in Myanmar
विशेषज्ञों की चेतावनी – और झटकों की संभावना
भूवैज्ञानिकों के अनुसार, म्यांमार भूकंपीय रूप से संवेदनशील क्षेत्र में स्थित है, जहां इस तरह के झटके पहले भी आते रहे हैं। विशेषज्ञों ने आफ्टरशॉक्स (भूकंप के बाद के झटकों) की संभावना जताई है, जिससे लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है।
सरकार ने दिए राहत कार्यों के निर्देश
म्यांमार सरकार ने राहत और आपदा प्रबंधन टीमों को चौबीसों घंटे सतर्क रहने के निर्देश दिए हैं। स्थानीय प्रशासन भूकंप प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण कर रहा है और जरूरतमंदों को राहत सामग्री उपलब्ध कराने में जुटा है।
भूकंप के बाद क्या करें? Earthquake in Myanmar
विशेषज्ञों ने लोगों को भूकंप के बाद सुरक्षित स्थानों पर रहने, ऊंची इमारतों से दूर रहने और अफवाहों से बचने की सलाह दी है। आपदा प्रबंधन एजेंसियां लोगों को जागरूक करने और आपातकालीन सहायता मुहैया कराने के लिए काम कर रही हैं।
म्यांमार में आए इस भूकंप ने एक बार फिर इस क्षेत्र की भूकंपीय संवेदनशीलता को उजागर किया है और भविष्य में बेहतर आपदा प्रबंधन की जरूरत पर बल दिया है।