Earthquake Hits Tibet: तिब्बत में भूकंप से 53 लोगों की मौत, 60 से ज्यादा घायल: कई इमारतें ढहीं : ukjosh

Earthquake Hits Tibet: तिब्बत में भूकंप से 53 लोगों की मौत, 60 से ज्यादा घायल: कई इमारतें ढहीं


Earthquake Hits Tibet: तिब्बत के तिंगरी जिले में मंगलवार, 6 जनवरी 2025 को एक शक्तिशाली भूकंप ने तबाही मचा दी। भूकंप ने तिब्बत, नेपाल, भूटान और भारत के कई हिस्सों में जोरदार झटके भेजे, जिससे 53 लोगों की मौत हो गई और 60 से ज्यादा लोग घायल हो गए। इस भूकंप की तीव्रता 6.8 थी और यह सुबह 9:05 बजे (0105 GMT) के आसपास आया। इस भूकंप का केंद्र तिब्बत के तिंगरी में था, जो एवरैस्ट क्षेत्र का उत्तरी प्रवेश द्वार है।

भूकंप का केंद्र और तीव्रता

चीन के भूकंप नेटवर्क केंद्र (CENC) द्वारा जारी की गई जानकारी के अनुसार, इस भूकंप की गहराई 10 किलोमीटर (6.2 मील) थी। भूकंप का असर तिब्बत के अलावा नेपाल, भारत और भूटान में भी महसूस किया गया। भूकंप की तीव्रता और इसके झटके इतनी भयानक थे कि आसपास के इलाकों में कई इमारतें ढह गईं और लोग भारी नुकसान का शिकार हुए।

Free Diabetic Diet Chart: निःशुल्क डायबिटीज़ डाइट चार्ट: स्वस्थ जीवन के लिए महत्वपूर्ण सुझाव

तिब्बत में हुए नुकसान की जानकारी

चीन की सरकारी टेलीविजन चैनल CCTV ने बताया कि तिब्बत के तिंगरी इलाके के करीब पांच किलोमीटर के दायरे में कई गांवों को भारी नुकसान हुआ। इन गांवों में रहने वाले लोग घरों के मलबे में दब गए, जिसके कारण कई लोगों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हुए। तिंगरी जिले से करीब 380 किलोमीटर दूर ल्हासा, तिब्बत की राजधानी स्थित है। इस भूकंप के बाद राहत और बचाव कार्य तेज़ी से शुरू कर दिए गए हैं, लेकिन इलाके की दुर्गम स्थिति के कारण बचाव कार्य में चुनौतियां आ रही हैं।

नेपाली और भारतीय क्षेत्रों में भी भूकंप का असर

इस भूकंप के झटके नेपाल और भारत के कई हिस्सों में महसूस किए गए। नेपाल के हिमालय क्षेत्र और भारतीय राज्य बिहार, उत्तर प्रदेश, और दिल्ली-एनसीआर में भी लोगों ने भूकंप के तेज झटके महसूस किए। नेपाल और भारत में भी नुकसान की रिपोर्टें सामने आई हैं, हालांकि अभी तक किसी बड़े नुकसान की जानकारी नहीं आई है। दिल्ली में सुबह के समय कार्यालयों और घरों में लोग भूकंप के झटकों से सहम गए, लेकिन किसी प्रकार की बड़ी हानि नहीं हुई।

तिब्बत में भूकंप के इतिहास पर एक नजर Earthquake Hits Tibet

अमेरिकी भूगर्भीय सर्वेक्षण (USGS) के अनुसार, तिब्बत क्षेत्र में पिछले 100 वर्षों में 10 से अधिक भूकंप आए हैं, जिनकी तीव्रता 6 या उससे अधिक रही है। इस क्षेत्र की भूगर्भीय स्थिति बहुत ही सक्रिय है, जहां भारतीय प्लेट और यूरेशियाई प्लेट एक-दूसरे से टकराती हैं, जिससे हिमालय पर्वत श्रृंखला का निर्माण हुआ है। यही कारण है कि यहां पर अक्सर भूकंप आते हैं, जो कभी-कभी बेहद शक्तिशाली हो सकते हैं। तिब्बत और नेपाल क्षेत्र भूकंपीय दृष्टि से बहुत संवेदनशील हैं, क्योंकि यह इलाका प्लेटों के टकराने वाले क्षेत्रों के पास स्थित है। Earthquake Hits Tibet

भारत और नेपाल के लिए भी चेतावनी

नेपाल और भारत में 2015 में आए एक भयंकर भूकंप की यादें ताजा हो गईं, जब नेपाल में 7.8 तीव्रता के भूकंप ने भारी तबाही मचाई थी। उस भूकंप में करीब 9,000 लोग मारे गए थे और 22,000 से अधिक लोग घायल हुए थे। इसके अलावा लाखों घर नष्ट हो गए थे। इस बार के भूकंप ने भी यह साबित कर दिया है कि इस क्षेत्र में भूकंप का खतरा कभी भी मंडरा सकता है, और इसके लिए उपयुक्त तैयारी जरूरी है।

Hairfall Baldness Sebhooric: बाल झड़ना और गंजापन; सेबोरिक उपचार होम्योपैथी से बिना साइड इफेक्ट्स, 100% परिणाम

भूकंप के बाद राहत और बचाव कार्य

भूकंप के बाद तिब्बत, नेपाल, और भारत में राहत और बचाव कार्य तेज़ी से चल रहे हैं। चीन और नेपाल दोनों ही देशों ने अपने-अपने क्षेत्रों में बचाव दल भेजे हैं, और घायल लोगों को अस्पतालों में भेजा जा रहा है। तिब्बत के ग्रामीण क्षेत्रों में फंसे हुए लोगों तक राहत पहुँचाने के लिए हवाई जहाज और हेलिकॉप्टर का इस्तेमाल किया जा रहा है।

तिब्बत के इस इलाके में सड़कें और संचार नेटवर्क पहले से ही कमजोर हैं, जिसके कारण राहत कार्य में देरी हो रही है। नेपाल और भारत के अधिकारियों ने भी अपनी सीमाओं पर निगरानी बढ़ा दी है और अपने नागरिकों को सतर्क रहने की सलाह दी है।

भूकंप का वैज्ञानिक विवरण

इस भूकंप का केंद्र तिब्बत के तिंगरी जिले में स्थित था, जो नेपाल और तिब्बत की सीमा के पास है। यह क्षेत्र भूगर्भीय दृष्टि से अत्यधिक सक्रिय है, क्योंकि यहां भारतीय प्लेट और यूरेशियाई प्लेट मिलती हैं। इस भूकंप के कारण हिमालय क्षेत्र में ऊंचाई में बदलाव भी हो सकता है, क्योंकि इन प्लेटों के टकराने से पर्वतों का निर्माण होता है और कभी-कभी उनकी ऊंचाई में उतार-चढ़ाव भी होता है।

Earthquake Hits Tibet

इस भूकंप ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि हिमालयी क्षेत्र में भूकंप का खतरा हमेशा बना रहता है। तिब्बत, नेपाल, और भारत के लोग भूकंप के खतरे के प्रति हमेशा सतर्क रहते हैं, लेकिन इस तरह के भूकंपों की संभावना को पूरी तरह से नकारा नहीं किया जा सकता। इस घटना ने यह भी दर्शाया है कि भूकंप के समय त्वरित राहत और बचाव कार्यों की अहमियत कितनी अधिक है।

अब तक, 53 मौतों की पुष्टि हो चुकी है, जबकि 60 से अधिक लोग घायल हुए हैं। उम्मीद की जा रही है कि समय रहते राहत कार्यों के चलते और भूकंप प्रभावित इलाकों में सहायता पहुंचाने से अधिक नुकसान को रोका जा सकेगा


Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

वीर नारियों की समस्याओं के समाधान के लिए असम राइफल्स का नया कदम इलेक्ट्रिक मोबिलिटी के इस नए युग में, एका मोबिलिटी की पहल भारत को स्थायी परिवहन के क्षेत्र में वैश्विक नेतृत्व प्रदान करने के लिए तैयार है। Best Salons New Style Unisex Salon in Dehradun City, Dehradun बाल झड़ना और गंजापन; सेबोरिक उपचार होम्योपैथी से बिना साइड इफेक्ट्स, 100% परिणाम Technological Innovation: Launch of the “Eternal Guru” AI Chatbot Kasturi Winter Kauthig 2024: A Celebration of Uttarakhand’s Rich Culture and Heritage CM ने हरिद्वार में मारा 6; कुम्भ नगरी में राष्ट्रीय खेलों की तैयारी शुरू; खिलाडियों ने जताई खुशियां भारत में क्रिसमस को हर धर्म और समुदाय के लोग उत्साह के साथ मनाते हैं।