DSB Campus: एक प्रेरणादायक आयोजन; उत्तराखंड राज्य स्थापना दिवस पर डीएसबी परिसर में शहीदों को श्रद्धांजलि : ukjosh

DSB Campus: एक प्रेरणादायक आयोजन; उत्तराखंड राज्य स्थापना दिवस पर डीएसबी परिसर में शहीदों को श्रद्धांजलि


DSB Campus: एक प्रेरणादायक आयोजन; उत्तराखंड राज्य स्थापना दिवस पर डीएसबी परिसर में शहीदों को श्रद्धांजलि

उत्तराखंड राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर देशभर में विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया गया, जिसमें उत्तराखंड के शहीदों को सम्मानित किया गया। ऐसे ही एक आयोजन का गवाह बना डीएसबी परिसर (DSB Campus), जहां शिक्षक, विद्यार्थी, और कर्मचारी एकत्रित होकर उन वीर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए इकट्ठे हुए, जिन्होंने राज्य के निर्माण के लिए अपने प्राणों की आहुति दी। इस कार्यक्रम में उपस्थित गणमान्य व्यक्तियों और विद्यार्थियों ने न केवल शहीदों को याद किया, बल्कि उनके बलिदान को सम्मानित करते हुए उत्तराखंड राज्य को एक बेहतर भविष्य देने का संकल्प भी लिया।

शहीदों को श्रद्धांजलि और मौन धारण

कार्यक्रम की शुरुआत राज्य के शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करने के साथ की गई। निदेशक प्रोफेसर नीता बोरा शर्मा ने कार्यक्रम का नेतृत्व किया और अन्य प्रमुख शिक्षाविदों जैसे प्रोफेसर पदम सिंह बिष्ट, प्रोफेसर ललित तिवारी, प्रोफेसर आर.सी. जोशी, और प्रोफेसर हरीश बिष्ट ने भी इस अवसर पर अपने विचार व्यक्त किए। सभी ने शहीदों की स्मृति में दो मिनट का मौन धारण कर उन्हें सम्मान दिया।

वक्ताओं ने अपने उद्बोधनों में कहा कि उत्तराखंड राज्य के गठन में शहीदों की भूमिका अमूल्य रही है। आज हमारा कर्तव्य है कि हम उनके सपनों को साकार करते हुए राज्य को विकास की ऊंचाइयों पर पहुंचाएं। इस अवसर पर दीप प्रज्वलन और पुष्प अर्पित कर शहीदों के प्रति श्रद्धा व्यक्त की गई।

अल्मोड़ा बस दुर्घटना के मृतकों को श्रद्धांजलि

इस आयोजन में अल्मोड़ा बस दुर्घटना के मृतकों को भी याद किया गया। उपस्थित जनसमूह ने उन दिवंगत आत्माओं के लिए भी मौन रखा और उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। इस दुखद घटना ने सभी को गहरी संवेदना से भर दिया, और इसे याद करते हुए वक्ताओं ने कहा कि हमें सड़क सुरक्षा और यातायात नियमों का पालन कर ऐसी दुर्घटनाओं को रोकने का प्रयास करना चाहिए।

शिक्षकों और विद्यार्थियों ने व्यक्त किए विचार

इस कार्यक्रम में उपस्थित विभिन्न शिक्षकों ने अपने विचार साझा किए और राज्य के विकास की दिशा में अपनी प्रतिबद्धता को दोहराया। प्रोफेसर रजनीश पांडे, प्रोफेसर आशीष तिवारी, प्रोफेसर सुषमा टम्टा, प्रोफेसर संजय घिल्डियाल, प्रोफेसर श्रीश मौर्य, प्रोफेसर नीलू लोधियाल और अन्य शिक्षकों ने राज्य के समर्पित नागरिक बनने और उसे प्रगति के पथ पर ले जाने की आवश्यकता पर बल दिया।

डॉ. शिवांगी, डॉ. नंदन बिष्ट, डॉ. शशि पांडे, डॉ. दीपिका पंत, डॉ. डी. परिहार, डॉ. मनोज बाफिला, डॉ. कृतिका बोरा, डॉ. भूमिका, डॉ. हरदेश, डॉ. प्रभा, डॉ. हिमानी और डॉ. हर्ष जैसे चिकित्सा क्षेत्र के प्रतिष्ठित विशेषज्ञ भी इस कार्यक्रम में शामिल हुए। उन्होंने राज्य की स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर बनाने की दिशा में काम करने का संकल्प लिया।

परिसर में स्वच्छता अभियान का आयोजन DSB Campus

कार्यक्रम का एक महत्वपूर्ण हिस्सा राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) द्वारा आयोजित एक दिवसीय स्वच्छता अभियान था। इस अभियान के अंतर्गत परिसर की सफाई की गई और करीब 10 कट्टे कचरा निकाला गया। इस स्वच्छता अभियान में डॉक्टर शशि पांडे, डॉक्टर जितेंद्र लोहनी, डॉक्टर दीपिका पंत और डॉक्टर मनोज बाफिला ने विशेष सहयोग किया।

एनएसएस के स्वयंसेवकों ने परिसर को स्वच्छ बनाने का कार्य बखूबी निभाया और स्वच्छता का संदेश समाज में फैलाने का संकल्प लिया। विद्यार्थियों ने भी इस अभियान में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया और परिसर को स्वच्छ बनाने के लिए मेहनत की।

राज्य स्थापना दिवस पर मिष्ठान वितरण और अन्य गतिविधियां

उत्तराखंड राज्य स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में कार्यक्रम के अंत में सभी प्रतिभागियों को मिष्ठान का वितरण किया गया। यह एक सुखद आयोजन था, जिसमें शिक्षक, विद्यार्थी और कर्मचारी सभी ने मिलकर राज्य स्थापना का जश्न मनाया।

डीएसबी परिसर में आयोजित इस कार्यक्रम ने न केवल शहीदों के प्रति कृतज्ञता व्यक्त की, बल्कि राज्य के विकास के लिए एकजुट होकर कार्य करने की प्रेरणा भी दी। राज्य स्थापना दिवस पर इस प्रकार के आयोजनों का महत्व इसलिए भी है क्योंकि यह समाज को शहीदों के बलिदान की याद दिलाता है और हमें अपने राज्य के उत्थान के लिए जिम्मेदार बनाता है।

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उत्तराखंड राज्य की स्थापना: एक ऐतिहासिक पृष्ठभूमि

उत्तराखंड राज्य की स्थापना 9 नवंबर 2000 को हुई थी, लेकिन इसके पीछे का संघर्ष कई वर्षों तक चला। राज्य गठन के लिए उत्तराखंड आंदोलन के दौरान सैकड़ों लोगों ने अपने प्राणों की आहुति दी। इस संघर्ष में महिलाओं और युवाओं की भी बड़ी भूमिका रही। शहीदों की इस अदम्य साहसिकता और बलिदान के परिणामस्वरूप उत्तराखंड आज एक स्वतंत्र राज्य के रूप में उभर कर सामने आया है।

इस प्रकार के कार्यक्रमों के आयोजन से शहीदों के बलिदान को याद करने और उन्हें सम्मान देने का अवसर मिलता है। आज का यह आयोजन इसी दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम था, जहां शिक्षकों, विद्यार्थियों और कर्मचारियों ने मिलकर शहीदों की स्मृति को ताजा किया।

भविष्य की दिशा: शहीदों के सपनों का उत्तराखंड DSB Campus

कार्यक्रम के अंत में वक्ताओं ने कहा कि शहीदों के सपनों को साकार करना ही हमारी सबसे बड़ी श्रद्धांजलि होगी। आज हमारे पास अवसर है कि हम उत्तराखंड को एक विकसित और समृद्ध राज्य में बदल सकें। इसके लिए हमें शिक्षा, स्वास्थ्य, स्वच्छता, और रोजगार के क्षेत्रों में सुधार लाने की आवश्यकता है।

शहीदों के सपनों का उत्तराखंड तभी बन सकता है जब हम सभी मिलकर इसके विकास के लिए प्रयास करें। इस दिशा में डीएसबी परिसर में आयोजित यह कार्यक्रम एक प्रेरणा स्रोत बनकर उभरा है, जो आने वाले समय में राज्य के विकास में अहम भूमिका निभाएगा।

DSB Campus

डीएसबी परिसर (DSB Campus) में आयोजित यह कार्यक्रम शहीदों के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि थी और राज्य स्थापना के महत्व को समझाने वाला एक प्रेरणादायक आयोजन था। इस तरह के कार्यक्रम हमें अपने कर्तव्यों की याद दिलाते हैं और हमें अपने राज्य को प्रगति के पथ पर ले जाने के लिए प्रेरित करते हैं।

आने वाले वर्षों में इस तरह के आयोजन हमें शहीदों की स्मृति को जीवित रखने और उनकी कुर्बानियों को याद करते हुए राज्य के विकास के लिए प्रतिबद्ध रहने की प्रेरणा देते रहेंगे।


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