देहरादून: भारतीय कृषि को आधुनिक बनाने की दिशा में एक बड़ी पहल के तहत उनती एग्री और मारुत ड्रोन्स ने हिमाचल प्रदेश और पंजाब में ‘ड्रोन यात्रा’ (Drone Revolution) की शुरुआत की है। इस अभियान का उद्देश्य 15,000 से अधिक किसानों, ग्रामीण महिलाओं और युवाओं को ड्रोन टेक्नोलॉजी के फायदों से अवगत कराना और इसके उपयोग को बढ़ावा देना है।
यह यात्रा ऊना से शुरू होकर 15 दिनों तक चलेगी, जिसमें हिमाचल के दो जिले और पंजाब का एक जिला कवर किया जाएगा। अंतिम पड़ाव होशियारपुर होगा, जो दोनों राज्यों की सीमा पर स्थित है। इस दौरान, विशेषज्ञों की टीम रोजाना 4-5 गांवों में प्रदर्शन करेगी, ताकि किसान आधुनिक कृषि तकनीकों को समझ सकें और अपने उत्पादन को अधिक कुशलता से बढ़ा सकें।
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किसानों के सामने प्रमुख चुनौतियाँ और ड्रोन टेक्नोलॉजी का समाधान Drone Revolution
➡️ बढ़ती लागत का बोझ: महंगे उर्वरक, कीटनाशक और श्रमिकों की कमी से किसानों पर कर्ज का दबाव बढ़ता जा रहा है।
➡️ जल संकट: पानी की अधिक खपत वाली फसलों, जैसे धान, के कारण भूजल स्तर तेजी से घट रहा है।
➡️ मौसमी अनिश्चितता: अनियमित वर्षा और जलवायु परिवर्तन से फसलों को नुकसान हो रहा है।
ड्रोन टेक्नोलॉजी से समाधान:
✔ 95% तक कम पानी की खपत: मैनुअल छिड़काव की तुलना में ड्रोन छिड़काव में प्रति एकड़ सिर्फ 10 लीटर पानी लगता है।
✔ 8 मिनट में छिड़काव: जहां पहले प्रति एकड़ 2-2.5 घंटे लगते थे, ड्रोन से यह कार्य मात्र 8 मिनट में पूरा हो जाता है।
✔ सटीक छिड़काव: ड्रोन से कीटनाशक और उर्वरक सीधे फसलों पर गिरते हैं, जिससे मिट्टी और पर्यावरण पर नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ता।
✔ कृषि सब्सिडी का लाभ: किसान सरकार द्वारा दी जाने वाली ड्रोन सब्सिडी से इस टेक्नोलॉजी को अपनाने में रुचि दिखा रहे हैं।
मारुत ड्रोन्स और उनती एग्री की सोच
मारुत ड्रोन्स के सीईओ प्रेम कुमार विस्लावत ने कहा,
“यह ड्रोन यात्रा, प्रधानमंत्री मोदी की ‘विकसित भारत संकल्प यात्रा’ से प्रेरित है, जिसने पूरे देश में सरकारी योजनाओं को लोगों तक पहुँचाने का कार्य किया है। हम भी इसी उद्देश्य से किसानों को ड्रोन टेक्नोलॉजी से जोड़ने का प्रयास कर रहे हैं, ताकि वे अपनी पैदावार बढ़ा सकें और खेती को अधिक लाभदायक बना सकें।”
यूएएमएमसीएल के संस्थापक श्री ज्योति सरूप ने बताया,
“हम हिमाचल और पंजाब के किसानों को ड्रोन टेक्नोलॉजी अपनाने के लिए प्रोत्साहित करने हेतु प्राथमिक कृषि ऋण समितियों (PACS) के सहयोग से प्रदर्शन कर रहे हैं। हमारा उद्देश्य इस तकनीक को जमीनी स्तर तक पहुँचाना है।”
ड्रोन यात्रा के बाद अगला कदम Drone Revolution
- जम्मू-कश्मीर में दूसरा चरण: हिमाचल और पंजाब के बाद, यह यात्रा जल्द ही जम्मू-कश्मीर में शुरू की जाएगी।
- ड्रोन पायलट प्रशिक्षण: तलवाड़ा (पंजाब) में ‘उनती मारुत ड्रोन अकादमी’ की स्थापना की गई है, जो ग्रामीण युवाओं को ड्रोन ऑपरेटर बनने का प्रशिक्षण देगी।
यह अभियान न केवल किसानों की आर्थिक स्थिति को सुधारने में मदद करेगा, बल्कि 2047 तक ‘विकसित भारत’ के लक्ष्य को पूरा करने की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण योगदान देगा।
क्या आप भी ड्रोन टेक्नोलॉजी को अपनाना चाहते हैं? इस यात्रा का हिस्सा बनें और अपनी कृषि को स्मार्ट बनाएं!