Doon University Dehradun: उत्तराखंड के दून विश्वविद्यालय में गुरुवार को एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम आयोजित हुआ, जिसमें राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से.नि.) और मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने ‘सिलक्यारा विजय अभियान’ की प्रथम वर्षगाँठ और 19वें राज्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी सम्मेलन-2024 में भाग लिया। इस मौके पर राज्यपाल और मुख्यमंत्री ने सिलक्यारा विजय अभियान पर आधारित पुस्तकों का विमोचन किया और सिलक्यारा रेस्क्यू अभियान पर बनी लघु फिल्म का भी अवलोकन किया। इस अवसर पर राज्यपाल और मुख्यमंत्री ने सिलक्यारा टनल रेस्क्यू अभियान को लेकर अपनी विचारधारा साझा की और राज्य के विकास में विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार के महत्व को रेखांकित किया।
सिलक्यारा विजय अभियान: एक ऐतिहासिक रेस्क्यू ऑपरेशन
राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह ने सिलक्यारा विजय अभियान को राज्य आपदा प्रबंधन क्षमता का उत्कृष्ट उदाहरण बताया। उन्होंने कहा कि यह अभियान पूरे विश्व के पर्वतीय देशों के लिए एक आदर्श बन चुका है। सिलक्यारा टनल में फंसे 41 श्रमिकों का सफलतापूर्वक बचाव, जिसमें किसी भी श्रमिक को खरोंच तक नहीं आई, यह एक अभूतपूर्व घटना थी। इस रेस्क्यू ऑपरेशन में 17 देशों के एक्सपर्ट्स ने अपनी जान जोखिम में डालकर श्रमिकों को बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। राज्यपाल ने इस रेस्क्यू को धैर्य, नेतृत्व, समन्वय और संकल्प का बेहतरीन उदाहरण बताया और इसके दस्तावेजीकरण को एक ऐतिहासिक कार्य मानते हुए इसे भविष्य के लिए प्रेरणा का स्रोत बताया।
उन्होंने यह भी कहा कि भारत की क्षमता को पूरी दुनिया ने कोविड-19 महामारी के दौरान देखा था, और सिलक्यारा रेस्क्यू भी उसी क्षमता का एक और शानदार उदाहरण है। उन्होंने राज्य में प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण के लिए भी सुझाव दिए और जल प्रबंधन में स्थानीय समुदायों की भागीदारी को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर बल दिया। राज्यपाल ने इस अवसर पर जल संसाधनों के संरक्षण की दिशा में राज्य सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों की सराहना की, जैसे राजभवन में जल संचयन की योजना, जो प्रभावी परिणाम दे रही है।
जलवायु परिवर्तन और जल संसाधनों की सुरक्षा Doon University Dehradun
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सिलक्यारा रेस्क्यू अभियान को आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में एक नया अध्याय बताया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में और केंद्र सरकार के सहयोग से 17 दिनों तक लगातार चले इस अभियान में 41 श्रमिकों को सुरक्षित बाहर निकाला गया। यह अभियान सामूहिक समर्पण, तकनीकी दक्षता और एकजुटता का बेहतरीन उदाहरण बना। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सिलक्यारा रेस्क्यू अब वैश्विक स्तर पर आपदा प्रबंधन पर अध्ययन और शोध का विषय बन चुका है। Doon University Dehradun
मुख्यमंत्री ने 19वें राज्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी सम्मेलन की महत्ता पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि इस सम्मेलन का उद्देश्य विज्ञान और नवाचार को प्रोत्साहित करना और युवा वैज्ञानिकों को प्रेरित करना है। पिछले 19 वर्षों में इस सम्मेलन ने राज्य में नवाचार, शोध पत्रों के प्रस्तुतीकरण और सामाजिक महत्व के विषयों पर चर्चा के लिए एक मजबूत मंच तैयार किया है। मुख्यमंत्री ने इस वर्ष सम्मेलन के प्रमुख विषय जल और प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण पर केंद्रित किया है, जो जलवायु परिवर्तन और बढ़ती जनसंख्या के दृष्टिकोण से अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि राज्य का जल संसाधन अत्यधिक मूल्यवान है और इसे सुरक्षित रखना हमारी जिम्मेदारी है।
विज्ञान और प्रौद्योगिकी में भारत की भूमिका
मुख्यमंत्री ने भारत के विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में किए गए योगदान की सराहना की। उन्होंने कहा कि भारत ने कई दशकों से नित नए कीर्तिमान स्थापित किए हैं, चाहे वह कोरोना वैक्सीन का निर्माण हो या ब्रह्मांड के रहस्यों का पता लगाना। भारतीय विज्ञान ने हमेशा दुनिया को नई दिशा दिखाई है, और यह सिलसिला अब भी जारी है। भारत के महान खगोलशास्त्री जैसे आर्यभट्ट, आचार्य कणाद और महर्षि सुश्रुत के सिद्धांतों पर आधुनिक विज्ञान आधारित है, और यह हमारी वैज्ञानिक धरोहर का हिस्सा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में विज्ञान और प्रौद्योगिकी क्षेत्र में अनेक कार्य किए गए हैं और भारत में गुड गवर्नेंस के लिए विज्ञान का व्यापक उपयोग हो रहा है।
उत्तराखंड में विज्ञान और नवाचार का भविष्य
मुख्यमंत्री ने उत्तराखंड में विज्ञान और नवाचार को बढ़ावा देने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। देहरादून में देश की पांचवीं साइंस सिटी का निर्माण तेज़ी से हो रहा है, जो राज्य के विज्ञान क्षेत्र में एक बड़ा योगदान होगा। इसके अलावा, राज्य के हर जनपद में साइंस और इनोवेशन सेंटर, लैब्स ऑन व्हील्स और STEM लैब्स के माध्यम से विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार के क्षेत्र में विश्व स्तरीय इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने राज्य के विश्वविद्यालयों और संस्थाओं से आग्रह किया कि वे बालिकाओं को साइंस और टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में विशेष रूप से प्रोत्साहित करें, ताकि वे इस क्षेत्र में उत्कृष्टता हासिल कर सकें।
मुख्यमंत्री ने राज्य सरकार के प्रयासों को साझा करते हुए कहा कि सरकार उत्तराखंड की भौगोलिक विशेषताओं को ध्यान में रखते हुए पर्यटन, कृषि और पर्यावरण के लिए उन्नत तकनीकों का उपयोग सुनिश्चित कर रही है। उनका उद्देश्य यह है कि विज्ञान और प्रौद्योगिकी के माध्यम से राज्य के लोगों का जीवन स्तर बेहतर किया जाए। उन्होंने यह भी कहा कि सम्मेलन में किए गए सभी सुझावों को सरकार अमल में लाकर राज्य के समग्र विकास को गति प्रदान करेगी।
सिलक्यारा विजय अभियान और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी सम्मेलन 2024 ने उत्तराखंड में विज्ञान, नवाचार और आपदा प्रबंधन के महत्व को एक नई दिशा दी है। यह राज्य के विकास में विज्ञान और प्रौद्योगिकी के योगदान को प्रोत्साहित करने का एक अहम कदम है। राज्य सरकार द्वारा उठाए गए कदम जैसे साइंस सिटी का निर्माण और विज्ञान के क्षेत्र में नवाचार को बढ़ावा देना, भविष्य में उत्तराखंड को विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में एक मजबूत स्थान दिला सकते हैं।