रुद्रप्रयाग:– उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में शिक्षा के क्षेत्र में एक नई क्रांति की शुरुआत हुई है। उत्तराखंड मानव सेवा समिति, नई दिल्ली ने राइंका रतूड़ा में एक “डिजिटल शैक्षणिक उन्नयन कार्यक्रम” (Digital Education) आयोजित किया, जिसके अंतर्गत जिले के 18 राजकीय इंटर कॉलेजों (राइंका) को डिजिटल शिक्षण सामग्री वितरित की गई। इस पहल का उद्देश्य छात्र-छात्राओं को बेहतर शिक्षा प्रदान करने के लिए स्कूलों को आधुनिक तकनीक से लैस करना है।
कार्यक्रम का विधिवत शुभारंभ मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ) डॉ. जी.एस. खाती, मुख्य शिक्षा अधिकारी (सीईओ) प्रमेंद्र बिष्ट, मानव सेवा समिति के अध्यक्ष बी.एन. शर्मा और जिला शिक्षा अधिकारी (डीईओ) बेसिक अजय चौधरी ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया।
मुख्य अतिथि डॉ. जी.एस. खाती ने मानव सेवा समिति के इस प्रयास की सराहना करते हुए कहा कि यह पहल निश्चित रूप से विद्यालयों के शिक्षकों और छात्रों के लिए अत्यंत लाभकारी सिद्ध होगी। उन्होंने शिक्षकों से आह्वान किया कि वे डिजिटल उपकरणों की सहायता से बच्चों के भविष्य को संवारने के लिए स्वयं भी कड़ी मेहनत करें, ताकि बच्चे जीवन में सफलता प्राप्त कर सकें।
मुख्य शिक्षा अधिकारी प्रमेंद्र बिष्ट ने मानव सेवा समिति का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि समिति का यह प्रयास जनपद के स्कूलों में सार्थक साबित होगा। उन्होंने कहा कि डिजिटल उपकरणों के माध्यम से शिक्षा को और अधिक रोचक तथा प्रभावी बनाया जा सकता है, जिससे छात्रों को सीखने में आसानी होगी।
डीईओ बेसिक अजय चौधरी ने कहा कि आज का युग डिजिटल युग है और ऐसे में ये उपकरण बच्चों के लिए अत्यंत उपयोगी सिद्ध होंगे। उन्होंने बताया कि डिजिटल शिक्षा से छात्रों को नवीनतम जानकारी प्राप्त करने और दुनिया के साथ जुड़ने का अवसर मिलेगा।
मानव सेवा समिति, नई दिल्ली के अध्यक्ष बी.एन. शर्मा ने बताया कि उनकी संस्था प्रदेश के 80 विद्यालयों में डिजिटल उपकरण वितरित करेगी। इस कार्यक्रम की शुरुआत रुद्रप्रयाग जनपद के 18 विद्यालयों में सामग्री वितरण के साथ की गई है। उन्होंने बताया कि प्रत्येक विद्यालय को डेस्कटॉप कंप्यूटर, प्रोजेक्टर, साउंड सिस्टम और अन्य सहायक उपकरण सहित कुल 14 डिजिटल उपकरण दिए गए हैं। उन्होंने यह भी बताया कि प्रत्येक विद्यालय को दिए गए एक सेट की कीमत लगभग डेढ़ लाख रुपये है, और इस प्रकार 18 विद्यालयों को कुल मिलाकर लाखों रुपये की सामग्री वितरित की गई है।
कार्यक्रम का संचालन मानव सेवा समिति के सदस्य और पत्रकार श्यामलाल सुंदरियाल ने किया। उन्होंने सभी अतिथियों का आभार व्यक्त किया और मानव सेवा समिति के अध्यक्ष द्वारा दिए गए सहयोग के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया। उन्होंने कहा कि मानव सेवा समिति का यह प्रयास शिक्षा के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो निश्चित रूप से छात्रों के भविष्य को उज्ज्वल बनाने में सहायक होगा।
इस अवसर पर डॉ. हेमा पुष्पवाण, सुजीत, राइंका के प्रधानाचार्य दिलवर भंडारी, पत्रकार विनोद कप्रवान, पीताम्बर थपलियाल सहित बड़ी संख्या में प्रधानाचार्य, शिक्षक एवं छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।
डिजिटल उपकरणों से शिक्षा में आएगा बदलाव:
मानव सेवा समिति द्वारा वितरित किए गए डिजिटल उपकरणों से रुद्रप्रयाग के स्कूलों में शिक्षा के तौर-तरीकों में बड़ा बदलाव आने की उम्मीद है। अब शिक्षक छात्रों को बेहतर ढंग से समझाने के लिए मल्टीमीडिया प्रेजेंटेशन, ऑनलाइन शैक्षिक सामग्री और अन्य डिजिटल संसाधनों का उपयोग कर सकेंगे। इससे छात्रों को विषय को समझने में आसानी होगी और उनकी सीखने की क्षमता में वृद्धि होगी।
छात्रों में उत्साह: Digital Education
डिजिटल उपकरण मिलने से स्कूलों के छात्रों में काफी उत्साह है। उनका कहना है कि अब उन्हें पढ़ाई में और अधिक मजा आएगा और वे नई चीजें सीखने के लिए उत्साहित हैं। छात्रों का मानना है कि डिजिटल शिक्षा से उन्हें भविष्य में बेहतर अवसर मिलेंगे।
शिक्षकों में खुशी:
डिजिटल उपकरण मिलने से शिक्षक भी काफी खुश हैं। उनका कहना है कि अब वे छात्रों को बेहतर ढंग से पढ़ा सकेंगे और उन्हें आधुनिक शिक्षा प्रदान कर सकेंगे। शिक्षकों का मानना है कि डिजिटल शिक्षा से छात्रों को 21वीं सदी के लिए तैयार करने में मदद मिलेगी।
मानव सेवा समिति का उद्देश्य:
मानव सेवा समिति एक गैर-सरकारी संगठन है जो शिक्षा, स्वास्थ्य और सामाजिक कल्याण के क्षेत्र में काम करता है। समिति का उद्देश्य गरीब और जरूरतमंद लोगों की मदद करना है। शिक्षा के क्षेत्र में, समिति स्कूलों को डिजिटल उपकरण और अन्य शैक्षिक सामग्री प्रदान करती है। समिति छात्रों को छात्रवृत्ति भी प्रदान करती है।
Digital Education
उत्तराखंड मानव सेवा समिति द्वारा रुद्रप्रयाग के स्कूलों में डिजिटल उपकरण वितरित करने का कार्यक्रम एक सराहनीय पहल है। इस पहल से जिले के स्कूलों में शिक्षा के स्तर में सुधार होगा और छात्रों को बेहतर भविष्य के लिए तैयार करने में मदद मिलेगी। यह उम्मीद की जानी चाहिए कि मानव सेवा समिति भविष्य में भी इस तरह के कार्यक्रम आयोजित करती रहेगी और शिक्षा के क्षेत्र में अपना योगदान देती रहेगी। इस पहल से अन्य संगठनों को भी प्रेरणा मिलेगी और वे भी शिक्षा के क्षेत्र में अपना योगदान देने के लिए आगे आएंगे।