Devbhoomi Entrepreneurship Scheme: नैनीताल, उत्तराखंड: उत्तराखंड सरकार द्वारा शुरू की गई “देवभूमि उद्यमिता योजना” के अंतर्गत डी एस बी परिसर, नैनीताल में विद्यार्थियों को उद्यमिता के प्रति जागरूक और प्रेरित करने के उद्देश्य से दूसरे बूट कैंप का आयोजन किया गया। इस बूट कैंप का मुख्य उद्देश्य राज्य में उद्यमिता के प्रति युवाओं के आकर्षण को बढ़ाना और उन्हें अपने उद्यमी विचारों को साकार करने के लिए मार्गदर्शन देना था।
कार्यक्रम का संचालन प्रो. ललित तिवारी, निदेशक विजिटिंग प्रोफेसर प्रकोष्ठ, कुमाऊं विश्वविद्यालय नैनीताल और महासचिव, एलुमनी सेल द्वारा किया गया। प्रो. तिवारी ने उद्यमिता के महत्व पर प्रकाश डाला और विद्यार्थियों को विभिन्न क्षेत्रों में अपने स्टार्टअप शुरू करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने बताया कि उद्यमिता केवल रोजगार के अवसर उत्पन्न नहीं करती, बल्कि यह समाज में बदलाव लाने का एक सशक्त माध्यम भी बन सकती है।
इस दौरान, डॉ. विजय कुमार, नोडल अधिकारी, देवभूमि उद्यमिता केंद्र, डी एस बी परिसर नैनीताल ने भी उद्यमिता के महत्व पर अपने विचार व्यक्त किए। उन्होंने छात्रों को बताया कि उत्तराखंड राज्य में उद्यमिता विकास के लिए यह योजना चलाई जा रही है, जिसका उद्देश्य प्रदेश में युवाओं के बीच उद्यमिता के प्रति रुचि और प्रेरणा को बढ़ावा देना है।
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युवाओं को उद्यमिता की ओर प्रेरित करने की आवश्यकता
डॉ. विजय कुमार ने इस बात पर जोर दिया कि उत्तराखंड के युवा रोजगार की तलाश में रहते हैं, लेकिन अन्य राज्यों जैसे गुजरात, पंजाब और राजस्थान के युवाओं के लिए उद्यमिता सबसे पहली प्राथमिकता होती है। उन्होंने उदाहरण के तौर पर कुछ प्रमुख स्टार्टअप्स की सफलता की कहानी साझा की। उन्होंने “बायजू”, “फ्लिपकार्ट”, “जमाटो”, “ओयो”, “पेटीएम”, “पानी पूरी”, “पेपर बोट” जैसे बड़े और सफल स्टार्टअप्स को केस स्टडी के रूप में प्रस्तुत किया।
इन स्टार्टअप्स की सफलता से विद्यार्थियों को यह संदेश मिला कि उद्यमिता केवल एक जोखिम नहीं, बल्कि यह अपने विचारों को साकार करने और समाज में बदलाव लाने का एक मजबूत तरीका हो सकता है। उन्होंने विद्यार्थियों को बताया कि कैसे ये स्टार्टअप्स शून्य से शुरुआत करके आज लाखों-करोड़ों के कारोबार में तब्दील हो गए हैं और किस तरह से इनकी शुरुआत में कई चुनौतियों का सामना किया गया, लेकिन दृढ़ संकल्प और सही दिशा में मेहनत से सफलता प्राप्त की गई।
प्रेरणादायक उदाहरण और स्टार्टअप की संभावनाएं
डॉ. विजय कुमार ने विद्यार्थियों को यह समझाया कि आजकल हर युवा के पास स्टार्टअप शुरू करने के लिए बेहतरीन अवसर मौजूद हैं, खासकर डिजिटल और तकनीकी क्षेत्र में। उन्होंने स्टार्टअप्स की बढ़ती संख्या और नए-नए विचारों के साथ सफलता की कहानियों को साझा किया। इस कार्यक्रम में भाग लेने वाले विद्यार्थियों के बीच इन विचारों ने एक नई उमंग और उत्साह का संचार किया।
उन्होंने यह भी बताया कि राज्य सरकार उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाओं और सुविधाओं का संचालन कर रही है, जिनका लाभ युवा उद्यमियों को मिल सकता है। राज्य में स्थापित उद्यमिता केंद्र, प्रशिक्षण कार्यक्रम, वित्तीय सहायता, और नीतिगत समर्थन जैसे अवसर युवाओं को उद्यमिता के क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करते हैं।
बूट कैंप में भाग लेने वाले विद्यार्थियों ने व्यक्त की अपनी राय
इस बूट कैंप में कुमाऊं विश्वविद्यालय के विभिन्न विद्यार्थियों ने भाग लिया। कार्यक्रम में उपस्थित विद्यार्थियों ने इस कार्यक्रम को बेहद प्रेरणादायक और उपयोगी बताया। आयकन संजाना भगत, सेल्ट-योगिता पंत, स्पौशी जोशी, समिष्टा राय, कीर्ति कुलौरा, वर्षा आर्या, शिवांगी खुशी जोशी, चारु गर्कोली, सौंदर्य एकता राणा, अबौरवा अंशिका गुप्ता, गीताली बिष्ट, रितिकी मेहता, अभिषेक लोबनशी आदि विद्यार्थियों ने इस अवसर पर उद्यमिता के विषय में अपने विचार और अनुभव साझा किए।
संजाना भगत ने कहा, “इस कार्यक्रम ने हमें यह समझने का अवसर दिया कि उद्यमिता केवल व्यवसायिक दृष्टिकोण से ही नहीं, बल्कि समाज में एक बदलाव लाने का भी एक साधन है। मैं अब अपने विचारों को साकार करने के लिए प्रेरित महसूस कर रही हूं।”
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योगिता पंत ने कहा, “यह बूट कैंप मेरे लिए बहुत ही फायदेमंद था। डॉ. विजय कुमार और प्रो. ललित तिवारी के अनुभवों ने मुझे आत्मविश्वास दिया है और अब मैं अपनी उद्यमिता यात्रा की शुरुआत करने के लिए तैयार हूं।”
उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए सरकार की पहल
देवभूमि उद्यमिता योजना उत्तराखंड सरकार की एक महत्वपूर्ण पहल है, जिसका उद्देश्य प्रदेश में युवा वर्ग को उद्यमिता की ओर आकर्षित करना है। इस योजना के तहत सरकार ने कई योजनाओं और कार्यक्रमों की शुरुआत की है, जिनके माध्यम से राज्य के युवा उद्यमियों को बढ़ावा मिलता है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य प्रदेश में रोजगार के नए अवसर उत्पन्न करना है और युवाओं को अपनी नयी व्यवसायिक संभावनाओं की पहचान करने में मदद करना है।
यह योजना न केवल प्रदेश के युवाओं को स्वरोजगार के अवसर प्रदान कर रही है, बल्कि यह उन्हें व्यावसायिक दृष्टिकोण से भी सशक्त बना रही है। इसके माध्यम से राज्य में एक नए उद्यमी वर्ग का निर्माण हो रहा है, जो न केवल खुद को रोजगार देने में सक्षम है, बल्कि अन्य लोगों के लिए भी रोजगार के अवसर उत्पन्न कर रहा है।
Devbhoomi Entrepreneurship Scheme
देवभूमि उद्यमिता योजना के अंतर्गत आयोजित यह बूट कैंप उत्तराखंड में उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुआ है। इस कार्यक्रम ने विद्यार्थियों को न केवल प्रेरित किया, बल्कि उन्हें उद्यमिता के महत्व और सफलता की कहानियों से सीखने का भी अवसर दिया। सरकार की यह पहल प्रदेश के युवाओं को अपनी पहचान बनाने और नए व्यवसाय स्थापित करने के लिए प्रोत्साहित करने में सहायक सिद्ध होगी।