लोकसभा चुनाव 2024 का फाइनल रिजल्ट (Defeat Union Ministers) घोषित हो चुका है। मंगलवार (4 जून 2024) से शुरू हुई मतगणना प्रक्रिया बुधवार तड़के पूरी हुई। सभी 543 सीटों पर नतीजे आ चुके हैं। भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने सबसे ज्यादा 240 सीटों पर जीत दर्ज की है, जबकि 99 सीटों पर जीत के साथ कांग्रेस दूसरे नंबर पर रही।
बीजेपी की जीत और नुकसान
इस चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने सबसे ज्यादा 240 सीटों पर जीत दर्ज की है। यह परिणाम बीजेपी के लिए उत्साहवर्धक है, लेकिन पिछले चुनावों की तुलना में उनके लिए एक धक्का भी साबित हुआ है। कई केंद्रीय मंत्रियों को हार का सामना करना पड़ा, जो बीजेपी के लिए चिंता का विषय है।
कांग्रेस की बढ़ती ताकत
कांग्रेस ने 99 सीटें जीतकर दूसरा स्थान हासिल किया है। यह उनके लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है, जो पिछले चुनावों में उनके कमजोर प्रदर्शन के बाद आई है। कांग्रेस का प्रदर्शन संकेत करता है कि पार्टी ने अपनी रणनीतियों में बदलाव किया है और जनता का विश्वास पुनः प्राप्त किया है।
अन्य प्रमुख दल
अन्य बड़े दलों की बात करें तो इंडिया गठबंधन में शामिल और यूपी में बीजेपी को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाने वाली समाजवादी पार्टी (एसपी) इस बार 37 सीटों के साथ तीसरे नंबर पर रही है। ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने 29 सीटों पर जीत दर्ज कर बड़ी कामयाबी हासिल की है, खासकर पश्चिम बंगाल में बीजेपी को नुकसान पहुंचाते हुए।
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उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी की जीत
उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी (एसपी) के मुखिया अखिलेश यादव ने शानदार जीत हासिल की। 37 सांसदों के साथ एसपी यूपी की सबसे बड़ी पार्टी बनकर सामने आई है। अखिलेश यादव ने इस जीत को दलितों, पिछड़ों, अल्पसंख्यकों समेत सभी उपेक्षित, शोषित और पीड़ित लोगों की जीत बताया। उन्होंने वादा किया कि एसपी अपने दायित्वों को निभाएगी और जनता की सेवा में तत्पर रहेगी।
अखिलेश यादव का संदेश
अखिलेश यादव ने यूपी के तमाम मतदाताओं को धन्यवाद दिया और उन्हें ‘उप्र के समझदार मतदाताओं’ का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा, “उप्र में इंडिया गठबंधन की ‘जन-प्रिय जीत’ उस दलित-बहुजन भरोसे की भी जीत है जिसने अपने पिछड़े, अल्पसंख्यक, आदिवासी, आधी आबादी और अगड़ों में पिछड़े सभी उपेक्षित, शोषित, उत्पीड़ित समाज के साथ मिलकर उस संविधान को बचाने के लिए कंधे-से-कंधा मिलाकर संघर्ष किया है जो समता-समानता, सम्मान-स्वाभिमान, गरिमामय जीवन व आरक्षण का अधिकार देता है।”
अन्य दलों की सफलता
द्रविड़ मुन्नेत्र कड़गम (डीएमके) ने इस लोकसभा चुनाव में 22 सीटों पर जीत दर्ज की है। तेलगु देशम पार्टी (टीडीपी) ने 16 सीटों पर कब्जा करके बड़ी कामयाबी हासिल की है। बिहार के सीएम नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) ने इस चुनाव में 12 सीटों पर सफलता प्राप्त की है।
महाराष्ट्र में शिवसेना और एनसीपी का प्रदर्शन
महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे की शिवसेना (उद्धव गुट) ने 9 सीटों पर जीत दर्ज की है। उनके गठबंधन सहयोगी एनसीपी (शरद पवार गुट) ने 8 सीटें जीती हैं। शिवसेना (शिंदे गुट) और लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) ने 7-7 सीटों पर जीत हासिल की है।
वाईएसआरसीपी और आरजेडी का प्रदर्शन
आंध्र प्रदेश में वाईएसआरसीपी को इस बार काफी नुकसान हुआ है। उन्हें लोकसभा की महज 4 सीटों पर ही जीत मिली। बिहार में राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) ने 4 सीटों पर जीत हासिल की है। सीपीआई (एमाले) को भी 4 सीटों पर जीत मिली है।
अन्य दलों की सीटें
आम आदमी पार्टी (आप) और झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) ने 3-3 सीटों पर जीत दर्ज की है। अन्य दलों में इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग को 3 सीटें, जनसेना पार्टी को 2 सीटें, सीपीआई (एमएल)(एल) को 2 सीटें, जेडी(एस) को 2 सीटें, विदुथलाई चिरुथैगल काची (वीसीके) को 2 सीटें, सीपीआई को 2 सीटें, आरएलडी को 2 सीटें और नेशनल कॉन्फ्रेंस को 2 सीटें मिली हैं।
एक सीट जीतने वाले दल
असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम, यूनाइटेड पीपुल्स पार्टी लिबरल, असम गण परिषद, हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (सेक्युलर), केरल कांग्रेस, क्रांतिकारी समाजवादी पार्टी, वॉयस ऑफ द पीपल पार्टी, जोराम पीपुल्स मूवमेंट, शिरोमणि अकाली दल, राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी, भारत आदिवासी पार्टी, सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा, मरूमलार्ची द्रविड़ मुनेत्र कड़गम, आजाद समाज पार्टी (कांशीराम), अपना दल (सोनीलाल), आजसू पार्टी और 7 निर्दलीय उम्मीदवारों को एक-एक सीट मिली है।
केंद्रीय मंत्रियों की हार
इस चुनाव में कई केंद्रीय मंत्रियों को हार का सामना करना पड़ा है, जिनमें से कुछ प्रमुख नाम इस प्रकार हैं:
- स्मृति ईरानी (अमेठी सीट) – कांग्रेस उम्मीदवार किशोरी लाल शर्मा से 1.6 लाख वोटों से हार गईं।
- राजीव चंद्रशेखर (तिरुवनंतपुरम सीट) – कांग्रेस के शशि थरूर से 16,077 वोटों से हार गए।
- अजय मिश्रा टेनी (खीरी सीट) – समाजवादी पार्टी के उत्कर्ष वर्मा से हार गए।
- सुभाष सरकार (बांकुरा सीट) – तृणमूल कांग्रेस के अरूप चक्रवर्ती से 32,778 वोटों से हारे।
- अर्जुन मुंडा (खूंटी सीट) – 1.4 लाख वोटों से हार गए।
- कैलाश चौधरी (बाड़मेर सीट) – तीसरे स्थान पर रहे।
- एल मुरुगन (नीलगिरी सीट) – डीएमके के ए राजा से 2,40,585 वोटों से हारे।
- निसिथ प्रमाणिक (कूच बिहार सीट) – टीएमसी उम्मीदवार से 39,000 वोटों से हारे।
- संजीव बालियान (मुजफ्फरनगर सीट) – समाजवादी पार्टी के हरेंद्र सिंह मलिक से 24,000 से अधिक मतों से हार गए।
- भगवंत खूबा (बीदर सीट) – सागर खंड्रे से हार गए।
- कौशल किशोर (मोहनलालगंज सीट) – समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार आर.के. से हार गए।
- महेंद्र नाथ पांडे (चंदौली सीट) – सपा के बीरेंद्र सिंह से 21,565 वोटों से हारे।
- कपिल पाटिल (भिवंडी सीट) – एनसीपी के सुरेश गोपीनाथ म्हात्रे से हारे।
- रावसाहेब दानवे (जालना सीट) – कांग्रेस के कल्याण वैजनाथ राव काले से 109,958 वोटों से हारे।
- भारती पवार (डिंडोरी सीट) – एनसीपी के भास्कर भगारे से 1,13,199 वोटों से हारे।
निष्कर्ष
लोकसभा चुनाव 2024 का परिणाम भारतीय राजनीति के बदलते परिदृश्य को दर्शाता है। बीजेपी ने सर्वाधिक 240 सीटें जीती हैं, लेकिन कई केंद्रीय मंत्रियों की हार ने पार्टी के लिए चिंताएं बढ़ा दी हैं। कांग्रेस ने 99 सीटें जीतकर अपनी स्थिति मजबूत की है। अन्य दलों का प्रदर्शन भी महत्वपूर्ण रहा, खासकर समाजवादी पार्टी और तृणमूल कांग्रेस का।
ये चुनाव परिणाम देश की राजनीतिक दिशा में महत्वपूर्ण बदलाव ला सकते हैं और आगामी वर्षों में नई नीतियों और रणनीतियों के विकास का संकेत देते हैं।