Chachi तंत्र-मंत्र के नाम पर चाची ने दी दो मासूमों की बलि; समाज को पीछे धकेलता एक और हादसा
तंत्र-मंत्र और अंधविश्वास: समाज को पीछे धकेलता एक और हादसा
भारत जहां एक ओर वैज्ञानिक प्रगति और आधुनिकता की ओर बढ़ रहा है, वहीं दूसरी ओर कुछ अंधविश्वास और तंत्र-मंत्र के कुप्रभाव आज भी समाज को जकड़े हुए हैं। ऐसे ही एक दिल दहला देने वाले मामले ने उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले के खतौली थाना क्षेत्र के कैलावड़ा कलां गांव में सभी को झकझोर कर रख दिया। इस घटना में तंत्र-मंत्र के नाम पर दो मासूम बच्चों की बलि दी गई, जिसमें आरोपी और कोई नहीं बल्कि उन्हीं के परिवार के सदस्य थे।
घटना का विवरण
17 मई को सात वर्षीय केशव का शव उसके घर में संदूक के नीचे संदिग्ध परिस्थितियों में पाया गया। इस घटना ने पुलिस और ग्रामीणों के बीच हड़कंप मचा दिया। जांच के दौरान पता चला कि इस हत्या के पीछे उसकी चाची अंकिता का हाथ है, जिसने तंत्र-मंत्र के चक्कर में पड़कर यह भयावह कदम उठाया। पुलिस की जांच में यह भी सामने आया कि एक महीने पहले केशव के छोटे भाई की भी इसी प्रकार हत्या की गई थी।
पुलिस की जांच और खुलासे
पुलिस ने गहन जांच के बाद बच्चे की चाची अंकिता और उसकी मां को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में अंकिता ने खुलासा किया कि वह एक तांत्रिक के प्रभाव में आकर इस घृणित कार्य को अंजाम दे रही थी। तांत्रिक ने उसे बताया था कि उसके ऊपर उसकी मृत ताऊ की लड़की कोमल का साया है, जिसे भगाने के लिए किसी बच्चे की बलि देनी पड़ेगी। इस अंधविश्वास के चलते अंकिता ने पहले केशव के छोटे भाई की हत्या की और जब प्रेतात्मा का साया दूर नहीं हुआ, तो उसने केशव की भी जान ले ली।
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अंधविश्वास और तंत्र-मंत्र का प्रभाव
यह घटना समाज में अंधविश्वास और तंत्र-मंत्र के कुप्रभाव को उजागर करती है। आज भी ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में लोग तंत्र-मंत्र और झाड़-फूंक के चक्कर में पड़कर भयावह कार्यों को अंजाम देते हैं। शिक्षा और वैज्ञानिक सोच के अभाव में लोग तंत्र-मंत्र को समस्या का समाधान मानते हैं, जबकि यह केवल भ्रम और धोखा होता है।
समाज के लिए चेतावनी
यह घटना एक चेतावनी है कि हमें अपने समाज से अंधविश्वास और तंत्र-मंत्र जैसी कुरीतियों को समाप्त करना होगा। इसके लिए आवश्यक है कि हम शिक्षा और वैज्ञानिक सोच को बढ़ावा दें। समाज के प्रत्येक व्यक्ति को यह समझना होगा कि तंत्र-मंत्र और झाड़-फूंक के चक्कर में पड़कर हम न केवल अपने परिवार बल्कि समाज को भी नुकसान पहुंचा रहे हैं।
निष्कर्ष
मुजफ्फरनगर जिले के कैलावड़ा कलां गांव की इस घटना ने यह स्पष्ट कर दिया है कि तंत्र-मंत्र और अंधविश्वास किस प्रकार हमारे समाज को पीछे धकेल रहे हैं। बच्चों की निर्मम हत्या ने समाज को झकझोर कर रख दिया है और यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि आखिर कब तक हम ऐसे अंधविश्वासों के गुलाम बने रहेंगे। आवश्यकता है कि हम वैज्ञानिक दृष्टिकोण अपनाएं और समाज में जागरूकता फैलाएं ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न घटें।
समाधान
अंधविश्वास और तंत्र-मंत्र के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए शिक्षा प्रणाली में सुधार करना होगा। स्कूलों और कॉलेजों में वैज्ञानिक दृष्टिकोण को बढ़ावा देने के साथ-साथ तंत्र-मंत्र और अंधविश्वास के दुष्प्रभावों पर विशेष ध्यान देना चाहिए। इसके अलावा, सरकार और गैर-सरकारी संगठनों को मिलकर ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में जागरूकता अभियान चलाने चाहिए, ताकि लोग तंत्र-मंत्र के जाल में न फंसें।
समाज में व्याप्त अंधविश्वास और तंत्र-मंत्र के प्रति जागरूकता फैलाना अत्यंत आवश्यक है। मीडिया, साहित्य और फिल्म उद्योग को भी इस दिशा में कदम उठाने चाहिए, ताकि लोगों को सही दिशा में सोचने और समझने में मदद मिल सके।
अंततः, हमें यह समझना होगा कि अंधविश्वास और तंत्र-मंत्र के चक्कर में पड़कर हम अपने ही परिवार और समाज को हानि पहुंचा रहे हैं। हमें मिलकर इस समस्या का समाधान करना होगा और एक ऐसा समाज बनाना होगा जो वैज्ञानिक सोच और तार्किकता पर आधारित हो। तभी हम वास्तविक प्रगति की दिशा में आगे बढ़ सकेंगे।