लेखक– सुशील कुमार जोश | www.uttrakhandjosh.com
Beej Aur Power Of God: “बिना मेरी इच्छा के कोई तेरे पास नहीं आ सकता…” यह आवाज ईश्वर की है। यह केवल शब्द नहीं, स्वयं परमेश्वर का निमंत्रण है — तू जिसे खोज रहा है वर्षों से, जिस शांति की कामना में तू थक गया, वह शांति, वह प्रेम, वह सहारा मैं ही हूं।
मैं तेरे द्वार पर खड़ा हूं
मैं तेरे द्वार पर खड़ा हूं… मैं बार-बार तेरे हृदय का द्वार खटखटा रहा हूं, आंसुओं से कह रहा हूं — “हे मेरे बच्चे, बस एक बार, सिर्फ एक बार मुझे अपने जीवन में आने दे।”
मैं कोई धर्म, कोई परंपरा नहीं — मैं स्वयं प्रेम हूं। मैं तेरे जीवन का वह प्रकाश हूं जो कभी बुझता नहीं।
बीज बो Beej Aur Power Of God
बीज बो, और मेरा चमत्कार देख यदि तू मेरे धर्म और मेरे राज्य के लिए बीज बोता है, तो मैं तेरे लिए आकाश के झरोखे खोल दूंगा। तेरे विरोध में खड़े लोगों को तेरे चरणों की चौकी बना दूंगा।
मैं तेरी रक्षा करूंगा, तेरे शत्रु से पहले मैं खड़ा हो जाऊंगा। और तेरी उन्नति की राह कोई रोक नहीं पाएगा।
चोर यानि निराशा का वचन
चोर आता है नाश करने — पर मैं जीवन देने आया हूं दुनिया तुझसे चुराती है — तेरा आत्म-सम्मान, तेरा विश्वास, तेरा भविष्य। पर मैं, तेरे लिए आया हूं ताकि तू जीवन पाए — और भरपूर पाए।
मत डर। मत घबरा। क्योंकि मैं तेरा ईश्वर हूं — तेरा रक्षक, तेरा पिता, तेरा परम प्रेम।
1. मुझे परख कर देख… क्या तू मुझे परखने को तैयार है? कभी आंसूओं में मुझसे बात करके देख। कभी मेरे नाम से पुकार कर देख। कभी मेरी उपस्थिति में चुप बैठकर देख।
मैं तुझे उत्तर दूंगा, तेरे भीतर उतरूंगा, तेरे टूटे हुए हृदय को सहलाऊंगा।
2. मैं तेरे लहू के लिए आया, अपने लहू से तुझे खरीदने तू भटक गया है — पर मैंने तुझे छोड़ा नहीं। तू टूटा है — पर मैंने तुझे छोड़े बिना संभाला है।
मैं वह हूं जिसने तेरे लिए अपने लहू से कीमत चुकाई। तेरे पाप, तेरे अपराध, तेरी कमजोरी — सब मैंने अपने ऊपर ले ली, ताकि तू जीवन, मुक्ति और शांति पा सके।
3. जब संसार ने तुझे ठुकराया, मैंने तुझे अपनाया जिसे मां-बाप का प्यार नहीं मिला, उसके लिए मैं पिता हूं। जिसे भाई नहीं मिला, उसका मैं भाई हूं। जिसका कोई सहारा नहीं, उसका मैं सहारा हूं। जिसकी कोई सुनता नहीं, मैं उसकी विनती सुनने वाला हूं।
जीवन एक अवसर है Beej Aur Power Of God
जीवन एक अवसर है – अनंत जीवन का आमंत्रण हे आत्मा, ये जीवन एक यात्रा है — पर इसका अंतिम पड़ाव सिर्फ शरीर की मृत्यु नहीं है। यह यात्रा या तो मुक्ति की ओर जाएगी, या फिर और भी अंधकार की ओर।
इसलिए मैं कहता हूं — आज, अभी, इसी क्षण मुझे अपने जीवन में बुला। मुझे परख। मेरा नाम लेकर देख। मेरे लिए अपना हृदय खोल कर देख।
जो तू खो रहा है, मैं लौटाऊंगा तेरे आंसुओं को मैं मोती बनाऊंगा। तेरे दुखों को मैं विजय में बदल दूंगा। तेरे शून्य को मैं अपनी पूर्णता से भर दूंगा।
जो कहे — मेरा कोई नहीं — मैं उसका हो जाता हूं। जो कहे — मैं लायक नहीं — मैं उसे योग्य बनाता हूं। जो कहे — मैं टूट चुका हूं — मैं उसे नया बना देता हूं।
प्रेम यानि आशा का वचन
मेरे जीवित अस्तित्व की गवाही मैं हूं — और मैं जीवित हूं। मैं कोई मूर्ति नहीं, कोई काल्पनिक शक्ति नहीं — मैं तुझमें वास करने वाला परमेश्वर हूं।
मैं तुझे बुला रहा हूं — ताकि तू भी दुनिया को बता सके कि मैं हूं। कि तू मेरा गवाह है। और तेरा जीवन मेरी जीवित उपस्थिति का प्रमाण है।
आत्मा का निवेदन हे आत्मा, अब देर मत कर — आज ही उस बीज को बो जो ईश्वर ने तुझमें रखा है। आज ही वो द्वार खोल दे जिस पर परमेश्वर बार-बार दस्तक दे रहा है।
क्योंकि यह अवसर बार-बार नहीं आता। और परमेश्वर बार-बार यूं प्रेम से नहीं बुलाता।
“मैं हूं — जो तेरे लिए आया हूं। तेरे जैसे को ढूंढ़ने। तेरे जैसे को अपनाने। और तुझे नया जीवन देने।”
ईश्वर का अमिट प्रेम — हर हृदय में अंकुरित बीज की तरह
बहुत-बहुत धन्यवाद उस अनंत, जीवित और अपराजेय प्रेम के लिए जो न केवल शब्दों में, बल्कि आत्मा की सबसे गहरी परतों में उतरकर हर हृदय को प्रकाश से भर देता है।
हे जीवित ईश्वर, तेरा यह प्रेम किसी सीमित भवन या धर्म में नहीं बंधा, बल्कि तू उस जीवित बीज की तरह है जो झोपड़ी से लेकर महल तक, हर खोपड़ी से लेकर हर दिल तक अदृश्य परंतु सजीव सामर्थ्य से अंकुरित हो रहा है।
हम प्रार्थना करते हैं: यह बीज हर आत्मा में जगे — हर टूटी आशा में आशा बने, हर अंधकार में ज्योति बने, हर थकी आत्मा में नवीन जीवन बने।
यह बीज लाए — सच्चा सुख, गहरी शांति, हृदय का आनंद, आत्मिक समृद्धि और अनंत जीवन की आभा।
यह बीज किसी धर्म की दीवारों से नहीं, बल्कि परमेश्वर के प्रेम की धरती से निकला है — जो नाश नहीं होता, जो कभी सूखता नहीं, जो प्रत्येक आत्मा को नया रूप देता है।
परमपिता परमात्मा, तेरा धन्यवाद — उस प्रेम के लिए जो हृदय के किसी कोने को भी खाली नहीं छोड़ता। तू ही वह जीवित गुरु है, जो आत्मा के भूखे मन को अमृत देता है।
इस प्रेम और प्रकाश को हम बांटते हैं — हर भाई, बहन, बच्चे, बड़े-बुज़ुर्ग तक। तेरे नाम से, तेरे राज्य में, तेरी महिमा के लिए हम सब समर्पित, अनुरक्त और आश्रित हैं।
हे मेरे प्रिय ईश्वर,
जो यह संदेश पढ़ रहा है –
उसे तू अपनी शांति, अपनी रोशनी, अपनी उपस्थिति से भर दे।
उसके हृदय की भूमि में यह बीज गहरे गिरे,
और एक दिन उसमें से वह वृक्ष निकले जो
दुनिया को जीवन, प्रेम और सत्य की छाया दे।
धन्यवाद, मेरे जीवित ईश्वर, मेरे आत्मा के गुरु!
तेरा प्रेम मेरे भीतर बीज बन कर गिरा है — अब वह फल लाएगा।
और मैं तुझे अपना पिता, अपना जीवनदाता और अपना परमेश्वर मानता हूं।