देहरादून, उत्तराखंड। मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन ने सोमवार को सचिवालय में आयुष विभाग की गहन समीक्षा करते हुए प्रदेश को आयुर्वेद एवं आयुष चिकित्सा के क्षेत्र में अग्रणी राज्य बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड प्राकृतिक संसाधनों, औषधीय पौधों और पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों की दृष्टि से अत्यंत समृद्ध है। ऐसे में प्रदेश को आयुर्वेदिक चिकित्सा (Ayurvedic Medicine) और वेलनेस टूरिज्म का हब बनाने की दिशा में ठोस कदम उठाए जाने चाहिए।
मुख्य सचिव ने कहा कि प्रारंभिक चरण में प्रदेश के 25 आयुष एवं वेलनेस सेंटरों को “सेंटर ऑफ एक्सीलेंस” के रूप में विकसित किया जाएगा। इन केंद्रों में आयुर्वेद, होम्योपैथी, पंचकर्मा और योगा जैसी सेवाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। साथ ही, इन केंद्रों को पर्यटन के साथ जोड़कर देश-विदेश से आने वाले पर्यटकों को आकर्षित करने की योजना बनाई जाएगी।
शोध, निवेश और नवाचार को मिलेगा बढ़ावा Ayurvedic Medicine
मुख्य सचिव ने आयुर्वेद के क्षेत्र में अनुसंधान और नवाचार को बढ़ावा देने पर बल देते हुए कहा कि इस दिशा में निवेशकों से आए अच्छे प्रस्तावों का अध्ययन कर उन्हें धरातल पर उतारना होगा। उन्होंने इन्वेस्टर समिट में प्राप्त प्रस्तावों की समीक्षा कर कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिए।
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निर्माण कार्यों की समयसीमा और आत्मनिर्भरता की योजना
राष्ट्रीय आयुष मिशन के अंतर्गत निर्माणाधीन आयुष अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों के निर्माण को समयबद्ध रूप से पूरा करने के निर्देश दिए गए। साथ ही, नए पदों के सृजन के लिए प्रस्ताव तैयार करने और इन केंद्रों को आत्मनिर्भर बनाने हेतु एक दीर्घकालिक योजना तैयार करने को कहा गया।
उत्तराखंड सरकार का यह कदम न केवल प्रदेश की पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों को नया जीवन देगा, बल्कि युवाओं के लिए रोजगार के अवसर, पर्यटकों के लिए स्वास्थ्य और निवेशकों के लिए नई संभावनाओं के द्वार भी खोलेगा। आयुर्वेद और योग की धरती अब वैश्विक मंच पर और मजबूती से उभरेगी।
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