Assistant Professor: कुमाऊं विश्वविद्यालय के चार विद्यार्थियों (Assistant Professor) सफलता की कहानी
कुमाऊं विश्वविद्यालय के संघ कूटा (KUTA) ने उत्तराखंड लोक सेवा आयोग द्वारा अंग्रेजी विषय में चार विद्यार्थियों के असिस्टेंट प्रोफेसर (Assistant Professor) के पद पर चयनित होने पर डी.एस.बी. परिसर में कार्यरत डॉ. शाहिद हुसैन, डॉ. शैली (एस.एस.जे.), शोध छात्र भगवत जोशी और रागिनी राघव को बधाई एवं शुभकामनाएं दी हैं। इस महत्वपूर्ण अवसर पर विश्वविद्यालय के वरिष्ठ पदाधिकारी एवं प्रोफेसर भी उपस्थित थे, जिन्होंने सफल उम्मीदवारों के उज्ज्वल भविष्य की कामना की।
चयनित उम्मीदवारों की प्रोफाइल (Assistant Professor)
डॉ. शाहिद हुसैन और रागिनी राघव ने डॉ. हरिप्रिया पाठक के निर्देशन में अपने शोध कार्य पूरे किए हैं। वहीं, डॉ. शैली और भगवत जोशी प्रो. एल.एम. जोशी के निर्देशन में शोध कार्य कर रहे हैं। ये चारों उम्मीदवार न केवल अपनी मेहनत और लगन से इस मुकाम तक पहुंचे हैं, बल्कि उन्होंने विश्वविद्यालय का नाम भी रोशन किया है।
बधाई संदेश और शुभकामनाएं
इस मौके पर प्रो. डी.एस. रावत, कुलपति कुमाऊं विश्वविद्यालय, निदेशक प्रो. नीता बोरा शर्मा, पूर्व निदेशक प्रो. एल.एम. जोशी, डी.एस. डब्लू. प्रो. संजय पंत, कार्यकारी कुलसचिव श्री दुर्गेश डिमरी, कूटा अध्यक्ष प्रो. ललित तिवारी, महासचिव डॉ. विजय कुमार, डॉ. संतोष कुमार, प्रो. नीलू लोधियाल, प्रो. सुषमा टमटा, प्रो. अनिल बिष्ट, डॉ. दीपिका गोस्वामी, डॉ. दीपक कुमार, डॉ. दीपिका पंत, डॉ. सीमा चौहान, अंग्रेजी विभाग से प्रो. एल.एम. जोशी, डॉ. हरिप्रिया पाठक, डॉ. शिवांगी चनियाल, डॉ. दीपिका पंत, डॉ. दीपवाली जोशी, डॉ. रिचा पांडे, कुमाऊं विश्वविद्यालय पुरातत्व सैल नैनीताल के डॉ. बी.एस. कालकोटि, डॉ. एस.एस. सावंत आदि ने बधाई और शुभकामनाएं दीं।
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विश्वविद्यालय के योगदान की सराहना
कुमाऊं विश्वविद्यालय ने हमेशा से ही उच्च शिक्षा और शोध को प्राथमिकता दी है। यह संस्थान अपने छात्रों को सर्वश्रेष्ठ शिक्षा और शोध के अवसर प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। विश्वविद्यालय के शिक्षकों और कर्मचारियों का समर्थन और मार्गदर्शन ही इन विद्यार्थियों की सफलता का मुख्य कारण रहा है।
सफल उम्मीदवारों की यात्रा
डॉ. शाहिद हुसैन ने बताया कि उन्होंने अपने शोध कार्य के दौरान कई चुनौतियों का सामना किया, लेकिन उनके मार्गदर्शक डॉ. हरिप्रिया पाठक ने उन्हें हमेशा प्रोत्साहित किया और मार्गदर्शन दिया। इसी तरह, रागिनी राघव ने भी अपने शोध कार्य में कठिनाइयों का सामना किया, लेकिन उनकी लगन और मेहनत ने उन्हें इस मुकाम तक पहुंचाया।
डॉ. शैली और भगवत जोशी ने प्रो. एल.एम. जोशी के निर्देशन में अपने शोध कार्य पूरे किए। इन दोनों ने अपने मार्गदर्शक प्रो. जोशी की तारीफ की और कहा कि उनकी मदद और समर्थन के बिना यह सफलता संभव नहीं थी।
विश्वविद्यालय की प्रतिष्ठा
कुमाऊं विश्वविद्यालय ने हमेशा से ही अपने छात्रों को उच्च गुणवत्ता की शिक्षा प्रदान की है। यहां के शिक्षक और शोधकर्ता राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बना चुके हैं। इस विश्वविद्यालय से निकले हुए कई विद्यार्थी आज विभिन्न क्षेत्रों में महत्वपूर्ण पदों पर कार्यरत हैं।
भविष्य की योजनाएं
चयनित उम्मीदवारों ने अपनी सफलता के बाद अपनी भविष्य की योजनाओं के बारे में भी बताया। डॉ. शाहिद हुसैन ने कहा कि वे अब अपने शोध कार्य को और आगे बढ़ाना चाहते हैं और इस क्षेत्र में और भी महत्वपूर्ण योगदान देना चाहते हैं। रागिनी राघव ने कहा कि वे अपने शोध के माध्यम से समाज को लाभ पहुंचाना चाहती हैं। डॉ. शैली और भगवत जोशी ने भी अपने-अपने क्षेत्रों में महत्वपूर्ण योगदान देने की बात कही।
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निष्कर्ष Assistant Professor
कुमाऊं विश्वविद्यालय के इन चार विद्यार्थियों की सफलता न केवल उनके लिए गर्व की बात है, बल्कि यह विश्वविद्यालय और उनके शिक्षकों के लिए भी एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। उनके चयन से विश्वविद्यालय की प्रतिष्ठा में और भी वृद्धि हुई है। इस अवसर पर सभी ने सफल उम्मीदवारों को बधाई दी और उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की।
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कुमाऊं विश्वविद्यालय का संघ कूटा और इसके सभी सदस्य इन चारों सफल उम्मीदवारों को उनकी इस सफलता पर दिल से बधाई देते हैं और उनकी आगे की यात्रा के लिए शुभकामनाएं देते हैं। उनकी यह सफलता न केवल उनकी मेहनत का परिणाम है, बल्कि यह उनके मार्गदर्शकों और विश्वविद्यालय के समर्थन का भी प्रतीक है।