Arhat Tiwari selected for IISc Bangalore अरहत तिवारी का पीएचडी इंटीग्रेटेड प्रोग्राम इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस आईआईएससी बेंगलुरु में चयन
अरहत तिवारी: मेधावी छात्र की अद्वितीय सफलता
कुमाऊं यूनिवर्सिटी टीचर्स एसोसिएशन (कूटा) ने बीएससी 6 सेमेस्टर के छात्र अरहत तिवारी के इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस (आईआईएससी), बेंगलुरु (IISc Bangalore) में पीएचडी इंटीग्रेटेड प्रोग्राम में चयनित होने पर खुशी और गर्व व्यक्त किया है। अरहत की यह उपलब्धि न केवल उनके परिवार के लिए, बल्कि पूरे नैनीताल और कुमाऊं यूनिवर्सिटी के लिए गर्व का विषय है। उनके इस चयन ने विश्वविद्यालय और उनके शिक्षकों की कड़ी मेहनत और समर्पण को भी उजागर किया है।
प्रारंभिक जीवन और शिक्षा
अरहत तिवारी का जन्म नैनीताल में हुआ और उनके पिता एडवोकेट डॉक्टर कैलाश तिवारी और माता भारती तिवारी के सान्निध्य में उनका पालन-पोषण हुआ। बचपन से ही अरहत का शिक्षा के प्रति विशेष लगाव था। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा नैनीताल के प्रतिष्ठित विद्यालय से पूरी की, जहां उन्होंने हमेशा अपनी कक्षा में सर्वोच्च स्थान प्राप्त किया। उनकी लगन और मेहनत ने उन्हें बचपन से ही एक मेधावी छात्र के रूप में स्थापित कर दिया था।
विश्वविद्यालय में उत्कृष्ट प्रदर्शन
अरहत तिवारी ने कुमाऊं यूनिवर्सिटी के डीएसबी परिसर में बीएससी बायो ग्रुप में दाखिला लिया। वर्तमान में वे बीएससी 6 सेमेस्टर के छात्र हैं। उनके शिक्षकों ने उनकी मेहनत, अनुशासन और विषय की गहरी समझ की हमेशा सराहना की है। अरहत ने हर सेमेस्टर में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया और विश्वविद्यालय की प्रतिष्ठा में वृद्धि की। उनका अध्ययन के प्रति समर्पण और विज्ञान के प्रति जिज्ञासा उन्हें अपने सहपाठियों से अलग बनाती है।
आईआईएससी बेंगलुरु (IISc Bangalore) में चयन
अरहत तिवारी का इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस (आईआईएससी), बेंगलुरु के केमिकल साइंस इंटीग्रेटेड पीएचडी प्रोग्राम में चयन एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। आईआईएससी देश के सर्वश्रेष्ठ विज्ञान और अनुसंधान संस्थानों में से एक है, और यहां चयनित होना अपने आप में एक बड़ी उपलब्धि है। अरहत ने इस सफलता को प्रवेश परीक्षा और साक्षात्कार में उत्कृष्ट प्रदर्शन के माध्यम से प्राप्त किया है। उनकी इस उपलब्धि ने विश्वविद्यालय और उनके शिक्षकों को गौरवान्वित किया है।
कूटा और विश्वविद्यालय का अभिमान
कुमाऊं यूनिवर्सिटी टीचर्स एसोसिएशन (कूटा) के सदस्य और विश्वविद्यालय के अन्य पदाधिकारियों ने अरहत की इस अद्वितीय सफलता पर हर्ष व्यक्त किया है। निदेशक प्रो नीता बोरा शर्मा, डीएसडब्ल्यू प्रो संजय पंत, निदेशक विजिटिंग प्रोफेसर डायरेक्टरेट प्रो ललित तिवारी, एलुमनी सेल के डॉक्टर बी एस कालाकोटी, डॉक्टर एस एस सामंत, महासचिव, कूटा के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, प्रो नीलू लोधियाल, डॉक्टर दीपक कुमार, महासचिव डॉक्टर विजय कुमार, प्रो अनिल बिष्ट, डॉक्टर दीपिका गोस्वामी, डॉक्टर संतोष कुमार, डॉक्टर दीपाक्षी जोशी, डॉक्टर पैनी जोशी, डॉक्टर सीमा चौहान, डॉक्टर उमंग सैनी, डॉक्टर दीपिका पंत, डॉक्टर नागेंद्र शर्मा, डॉक्टर युगल जोशी, और डॉक्टर रितेश साह ने अरहत को बधाई देते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की है।
अरहत की सफलता के प्रमुख कारण
अरहत तिवारी की सफलता के पीछे कई कारण हैं, जिनमें उनकी मेहनत, अनुशासन, विषय के प्रति गहरी रुचि और उनके शिक्षकों का मार्गदर्शन प्रमुख हैं। उन्होंने हमेशा अपने अध्ययन में गुणवत्ता पर ध्यान दिया और अपनी समझ को गहराई तक ले जाने का प्रयास किया। उनके इस समर्पण और मेहनत ने उन्हें आईआईएससी जैसे प्रतिष्ठित संस्थान में प्रवेश दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
परिवार का सहयोग
अरहत की सफलता में उनके परिवार का भी बड़ा योगदान रहा है। उनके पिता एडवोकेट डॉक्टर कैलाश तिवारी और माता भारती तिवारी ने हमेशा उन्हें प्रेरित किया और हर संभव सहयोग दिया। उन्होंने अरहत को शिक्षा के महत्व को समझाया और उन्हें हर कदम पर प्रोत्साहित किया। उनके परिवार ने उन्हें एक सकारात्मक और समर्थ वातावरण प्रदान किया, जिसमें वे अपने लक्ष्यों को प्राप्त कर सके।
आईआईएससी बेंगलुरु (IISc Bangalore): एक परिचय
इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस (आईआईएससी), बेंगलुरु भारत का प्रमुख विज्ञान और अनुसंधान संस्थान है। इसकी स्थापना 1909 में जमशेदजी टाटा और भारतीय सरकार के संयुक्त प्रयासों से हुई थी। आईआईएससी में विज्ञान और इंजीनियरिंग के क्षेत्र में उच्च स्तरीय शोध कार्य किया जाता है। यहां केमिकल साइंस इंटीग्रेटेड पीएचडी प्रोग्राम एक अत्यंत प्रतिष्ठित कार्यक्रम है, जिसमें चयनित होने के लिए छात्रों को उच्च स्तर की ज्ञान और कौशल की आवश्यकता होती है।
अरहत की भविष्य की योजनाएँ
अरहत तिवारी आईआईएससी में अपने अध्ययन के माध्यम से विज्ञान के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान देने का लक्ष्य रखते हैं। वे केमिकल साइंस में नए शोध कार्य करना चाहते हैं और इस क्षेत्र में नयी खोजों के माध्यम से समाज को लाभान्वित करना चाहते हैं। उनकी योजना है कि वे अपने अध्ययन और शोध के माध्यम से भारत को विज्ञान के क्षेत्र में आगे ले जाएं और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर देश का नाम रोशन करें।
विश्वविद्यालय और समाज के लिए प्रेरणा
अरहत तिवारी की सफलता कुमाऊं यूनिवर्सिटी के अन्य छात्रों के लिए प्रेरणा का स्रोत है। उन्होंने यह साबित कर दिया है कि मेहनत, लगन और सही मार्गदर्शन से किसी भी लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है। उनके इस चयन से विश्वविद्यालय के अन्य छात्र भी प्रेरित होंगे और अपने लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए अधिक मेहनत करेंगे।
कूटा का संदेश
कूटा के अध्यक्ष और अन्य सदस्यों ने अरहत की सफलता पर खुशी व्यक्त करते हुए उन्हें बधाई दी है। उन्होंने कहा कि अरहत की यह उपलब्धि विश्वविद्यालय और कूटा के लिए गर्व का विषय है। उन्होंने छात्रों को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि वे भी अरहत की तरह मेहनत और समर्पण के साथ अपने लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए प्रयास करें।
निष्कर्ष
अरहत तिवारी की सफलता एक प्रेरणादायक कहानी है जो यह दर्शाती है कि कठिन परिश्रम, समर्पण और सही मार्गदर्शन से किसी भी लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है। उनकी यह उपलब्धि न केवल उनके परिवार और विश्वविद्यालय के लिए बल्कि पूरे समाज के लिए गर्व का विषय है। हम अरहत को उनकी इस सफलता के लिए बधाई देते हैं और उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना करते हैं। उनकी यह सफलता अन्य छात्रों को भी प्रेरित करेगी और उन्हें अपने सपनों की उड़ान भरने के लिए प्रोत्साहित करेगी।