देहरादून: भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) के भारतीय मृदा और जल संरक्षण संस्थान (IISWC) ने देहरादून जिले के कंसि ब्लॉक, चकराता हिल्स स्थित सरकारी उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, समलता में कृषि शिक्षा दिवस (Agricultural Education Day 2024) का आयोजन किया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य छात्रों को कृषि और इससे संबंधित क्षेत्रों के महत्व के बारे में जागरूक करना था। यह आयोजन आईआईएसडब्ल्यूसी द्वारा चलाए जा रहे जनजातीय उप-योजना (TSP) के तहत किया गया, जो भारत के आदिवासी किसानों और छात्रों के लिए विभिन्न लाभकारी योजनाओं को लागू करता है।
उद्घाटन भाषण में कृषि शिक्षा का महत्व Agricultural Education Day 2024
कार्यक्रम का उद्घाटन डॉ. एम. मधु, निदेशक, आईआईएसडब्ल्यूसी ने किया। उन्होंने अपनी उद्घाटन भाषण में प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन में संस्थान की भूमिका को रेखांकित किया और कृषि शिक्षा के महत्व को समझाया। डॉ. मधु ने छात्रों से अपील की कि वे अपने शिक्षकों और वैज्ञानिकों के साथ मिलकर मृदा और जल संरक्षण के बारे में गहरी जानकारी प्राप्त करें। उन्होंने बताया कि कृषि के क्षेत्र में जागरूकता और शिक्षा बहुत महत्वपूर्ण है, विशेष रूप से आदिवासी क्षेत्रों में।
टीएसपी और एससीएसपी कार्यक्रमों के बारे में जानकारी
कार्यक्रम में डॉ. एम. मुरुगानंदम, टीएसपी और एससीएसपी समन्वयक (मुख्यालय) ने भाग लेने वाले छात्रों का स्वागत किया और टीएसपी कार्यक्रमों के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने बताया कि ये कार्यक्रम आदिवासी किसानों और छात्रों के लिए विशेष रूप से लाभकारी हैं, और ये कृषि क्षेत्र में नवाचार को बढ़ावा देने के उद्देश्य से हैं। उन्होंने विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग, गणित (STEM) और कला (STEAM) शिक्षा का जिक्र करते हुए कृषि के क्षेत्र में नवाचार की बढ़ती भूमिका पर भी चर्चा की और छात्रों को इस क्षेत्र में करियर की संभावनाओं के बारे में जानकारी दी। Agricultural Education Day 2024
कृषि शिक्षा दिवस और इसके महत्व पर चर्चा
डॉ. रामनजीत सिंह, वरिष्ठ वैज्ञानिक (एग्रीकल्चर) और टीएसपी नेता ने कृषि शिक्षा दिवस के महत्व को समझाया और छात्रों को कृषि को उच्च शिक्षा के विषय के रूप में चुनने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि कृषि क्षेत्र में रोजगार की बहुत संभावनाएं हैं और यह क्षेत्र विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।
विशेषज्ञों द्वारा प्रस्तुतियाँ Agricultural Education Day 2024
कार्यक्रम के दौरान कई विशेषज्ञों ने कृषि शिक्षा और इसके विभिन्न क्षेत्रों के बारे में विशेष प्रस्तुतियाँ दी। डॉ. चरण सिंह, मानव संसाधन विकास और सामाजिक विज्ञान विभाग के प्रमुख ने कृषि शिक्षा के इतिहास और महत्व पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने बताया कि कृषि केवल एक पेशा नहीं है, बल्कि यह हमारे समाज और राष्ट्र के विकास के लिए आवश्यक है।
डॉ. जे.एम.एस. तोमर, पौध विज्ञान विभाग के प्रमुख ने वनस्पति विज्ञान और बागवानी को पहाड़ी क्षेत्रों के लिए व्यापारिक अवसरों के रूप में प्रस्तुत किया। वहीं, डॉ. अम्बरीश कुमार, प्रमुख वैज्ञानिक (SWCE) ने आधुनिक कृषि में कृषि ड्रोन के उपयोग के बारे में छात्रों को बताया।
छात्रों के लिए व्यावहारिक अनुभव Agricultural Education Day 2024
कार्यक्रम में शामिल 36 छात्रों ने संस्थान के संग्रहालय का दौरा किया। यहां, डॉ. अभिमन्यु झाझरिया, वैज्ञानिक (वरिष्ठ स्तर, कृषि अर्थशास्त्र) ने मृदा और जल संरक्षण तकनीकों के बारे में छात्रों को जानकारी दी। छात्रों ने संस्थान की केंद्रीय मृदा परीक्षण प्रयोगशाला का भी दौरा किया, जहां डॉ. त्रिशा रॉय (वैज्ञानिक, वरिष्ठ स्तर, मृदा), श्रीमती सरिता गुप्ता (सीटीओ) और श्रीमती हन्ना पामेई (तकनीशियन) ने उन्हें मृदा परीक्षण की प्रक्रिया के बारे में विस्तार से बताया।
स्कूल प्रिंसिपल का योगदान
स्कूल के प्रधानाचार्य श्री जगत राम डोभाल ने छात्रों को शैक्षिक दौरे के महत्व को बताते हुए इस कार्यक्रम के आयोजन के लिए आईआईएसडब्ल्यूसी का आभार व्यक्त किया। उन्होंने छात्रों को इस प्रकार के आयोजनों के माध्यम से अपने ज्ञान में वृद्धि करने के लिए प्रेरित किया। कार्यक्रम में लगभग 50 लोगों की सक्रिय भागीदारी रही, जिसमें छात्र, शिक्षक, स्कूल स्टाफ और आईआईएसडब्ल्यूसी के अधिकारी शामिल थे।
छात्र अनुभव और पुरस्कार वितरण
कार्यक्रम के समापन पर छात्रों ने संस्थान में अपने द्वारा सीखे गए व्यावहारिक अनुभवों को साझा किया। उन्होंने बताया कि इस कार्यक्रम ने कृषि के बारे में उनकी समझ को बहुत बढ़ाया है और उन्हें कृषि क्षेत्र में करियर बनाने के लिए प्रेरित किया है।
कार्यक्रम का समापन छात्रों को स्कूल यूनिफॉर्म किट वितरित करने से हुआ। डॉ. रामनजीत सिंह ने कार्यक्रम का समापन करते हुए सभी योगदानकर्ताओं का आभार व्यक्त किया और इस कार्यक्रम को सफल बनाने में उनके प्रयासों की सराहना की।
आईआईएसडब्ल्यूसी की पहल
यह कार्यक्रम आईआईएसडब्ल्यूसी की कृषि शिक्षा के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है। संस्थान का लक्ष्य आदिवासी छात्रों में कृषि के प्रति जागरूकता पैदा करना और उन्हें इस क्षेत्र में आने वाली विभिन्न करियर संभावनाओं से अवगत कराना है। संस्थान ने यह सुनिश्चित किया है कि आदिवासी क्षेत्रों के छात्र आधुनिक कृषि तकनीकों के बारे में जानें और उन्हें इस क्षेत्र में रोजगार के अवसर प्रदान करें।
आईआईएसडब्ल्यूसी द्वारा आयोजित यह कार्यक्रम आदिवासी छात्रों को कृषि और इससे संबंधित विषयों के प्रति आकर्षित करने के उद्देश्य से किया गया था। यह पहल न केवल कृषि शिक्षा को बढ़ावा देती है, बल्कि यह ग्रामीण और आदिवासी क्षेत्रों में युवाओं को एक सशक्त करियर के रूप में कृषि के क्षेत्र में स्थापित होने के लिए प्रेरित करती है।
Agricultural Education Day 2024
आईसीएआर-आईआईएसडब्ल्यूसी का कृषि शिक्षा दिवस कार्यक्रम एक सफल प्रयास था, जिसने छात्रों को कृषि क्षेत्र के महत्व और इसके विकासात्मक पहलुओं के बारे में नई जानकारी दी। यह पहल भविष्य में आदिवासी छात्रों के लिए एक प्रेरणा स्रोत बन सकती है, जो कृषि और संबंधित क्षेत्रों में अपने करियर को आकार देने के लिए तैयार होंगे