Uttarakhand State Foundation Day: उत्तराखंड राज्य स्थापना दिवस: राजभवन में आयोजित स्वल्पाहार कार्यक्रम की विशेष झलक
Uttarakhand State Foundation Day: उत्तराखंड ने 9 नवंबर 2024 को अपना 24वां स्थापना दिवस धूमधाम से मनाया। इस अवसर पर पूरे राज्य में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए गए। सबसे प्रमुख कार्यक्रम राजभवन में आयोजित स्वल्पाहार कार्यक्रम रहा, जिसमें राज्य के प्रमुख गणमान्य व्यक्तियों ने भाग लिया। इस कार्यक्रम ने उत्तराखंड के विकास और भविष्य की दिशा में नई उम्मीदें जगाईं। आइए जानते हैं, इस विशेष आयोजन की प्रमुख झलकियां और उससे जुड़े पहलू।
राजभवन का स्वल्पाहार कार्यक्रम: एक परंपरा का निर्वहन
राजभवन में आयोजित इस विशेष स्वल्पाहार कार्यक्रम का उद्देश्य राज्य स्थापना दिवस की महत्ता को रेखांकित करना था। इस कार्यक्रम में उत्तराखंड के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (से नि) गुरमीत सिंह, मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी, विधानसभा अध्यक्ष श्रीमती ऋतु खंडूड़ी भूषण, मंत्रीगण, विधायकगण और वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी उपस्थित थे। इस अवसर पर राज्यपाल ने सभी को राज्य स्थापना दिवस की शुभकामनाएं देते हुए उत्तराखंड के विकास में सहयोग की अपील की।
राज्यपाल और मुख्यमंत्री का उद्बोधन
कार्यक्रम की शुरुआत में राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि उत्तराखंड एक ऐसा राज्य है जिसने अपनी स्थापना के बाद से ही प्रगति के अनेक आयाम हासिल किए हैं। उन्होंने कहा कि राज्य के समृद्ध प्राकृतिक संसाधन, संस्कृति और परंपराएं इसे विशेष बनाते हैं। राज्यपाल ने सभी नागरिकों से उत्तराखंड को आत्मनिर्भर बनाने में योगदान देने का आह्वान किया।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपने संबोधन में राज्य की जनता को राज्य स्थापना दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि उत्तराखंड ने बीते वर्षों में विकास के विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय प्रगति की है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा दिए गए नौ सुझावों को आधार बनाकर उत्तराखंड को एक आदर्श राज्य के रूप में विकसित करने के लिए प्रतिबद्ध है।
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वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों की भागीदारी
स्वल्पाहार कार्यक्रम में वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों ने भी उत्साहपूर्वक भाग लिया। इस कार्यक्रम ने राज्य के विभिन्न विभागों और उनके प्रमुखों के बीच समन्वय और सहयोग को बढ़ाने का एक अवसर प्रदान किया। साथ ही, विधायकों और मंत्रियों ने इस अवसर का उपयोग राज्य के विकास से संबंधित महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा करने के लिए किया।
राज्य की सांस्कृतिक धरोहर को दिया गया सम्मान
कार्यक्रम के दौरान उत्तराखंड की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को प्रदर्शित करने के लिए पारंपरिक संगीत और लोक नृत्यों का भी आयोजन किया गया। गढ़वाली और कुमाऊंनी लोकगीतों की प्रस्तुति ने माहौल को और भी उल्लासपूर्ण बना दिया। राज्यपाल और मुख्यमंत्री ने उत्तराखंड की सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित और बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता व्यक्त की।
विकास की दिशा में राज्य की उपलब्धियों की चर्चा
स्वल्पाहार कार्यक्रम के दौरान, उत्तराखंड की विभिन्न विकास योजनाओं और परियोजनाओं की समीक्षा की गई। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बताया कि राज्य सरकार ने पिछले कुछ वर्षों में शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, और पर्यटन के क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण पहल की हैं। उन्होंने राज्य के सभी क्षेत्रों में समग्र और संतुलित विकास की आवश्यकता पर जोर दिया।
प्राकृतिक संसाधनों और पर्यावरण संरक्षण पर जोर
राज्यपाल ने अपने भाषण में उत्तराखंड के प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि राज्य की हरियाली, जल स्रोत और पर्वतीय परिदृश्य इसे विशेष बनाते हैं, और इनकी सुरक्षा के लिए सभी नागरिकों को अपनी भूमिका निभानी चाहिए। मुख्यमंत्री धामी ने भी राज्य में ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान की सफलता को रेखांकित करते हुए पर्यावरण संरक्षण के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई।
पलायन रोकने के लिए नई योजनाओं की घोषणा
मुख्यमंत्री ने राज्य में बढ़ते पलायन की समस्या पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि राज्य सरकार ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार सृजन और बुनियादी सुविधाओं के विकास के लिए नई योजनाओं पर काम कर रही है। उन्होंने प्रवासी उत्तराखंडियों से अपील की कि वे अपने गांवों की समृद्धि में योगदान दें और राज्य के विकास में अपनी भूमिका निभाएं।
होम स्टे योजना के माध्यम से पर्यटन को बढ़ावा
उत्तराखंड की पर्यटन नीति के अंतर्गत होम स्टे योजना को और अधिक सशक्त किया जाएगा। मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में होम स्टे के माध्यम से स्थानीय युवाओं को रोजगार के अवसर प्रदान किए जा रहे हैं। इस योजना के तहत पारंपरिक तिबारी वाले घरों को संरक्षित कर उन्हें पर्यटन के केंद्र में लाया जा रहा है।
स्वच्छता और प्लास्टिक मुक्त उत्तराखंड का संकल्प
स्वल्पाहार कार्यक्रम में पर्यावरणीय मुद्दों पर भी चर्चा हुई। राज्यपाल और मुख्यमंत्री ने राज्य को प्लास्टिक मुक्त बनाने के लिए जनता से सहयोग की अपील की। मुख्यमंत्री ने कहा कि चार धाम यात्रा मार्ग पर प्लास्टिक कचरे के निस्तारण के लिए विशेष अभियान चलाए जा रहे हैं, ताकि यात्रा के दौरान पर्यटकों को स्वच्छ और सुरक्षित वातावरण मिल सके।
महिला सशक्तिकरण और स्थानीय उत्पादों को प्रोत्साहन
राजभवन में आयोजित इस कार्यक्रम में महिला स्वयं सहायता समूहों और स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने पर भी चर्चा की गई। राज्य सरकार द्वारा ग्रामीण महिलाओं को स्वरोजगार के अवसर प्रदान करने के लिए विशेष योजनाएं चलाई जा रही हैं। मुख्यमंत्री ने बताया कि महिला स्वयं सहायता समूहों द्वारा निर्मित उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए यात्रा मार्गों पर स्टॉल स्थापित किए जा रहे हैं।
राज्य स्थापना दिवस (Uttarakhand State Foundation Day) के अवसर पर नई उम्मीदें
राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर राजभवन में आयोजित स्वल्पाहार कार्यक्रम ने उत्तराखंड के विकास और प्रगति की दिशा में एक नई ऊर्जा का संचार किया। राज्यपाल और मुख्यमंत्री द्वारा दिए गए संदेशों ने यह स्पष्ट किया कि उत्तराखंड सरकार राज्य की जनता की भलाई के लिए निरंतर प्रयासरत है। इस कार्यक्रम ने न केवल राज्य के विकास के लिए नई योजनाओं की रूपरेखा प्रस्तुत की, बल्कि जनभागीदारी के महत्व को भी रेखांकित किया।
इस प्रकार, यह आयोजन न केवल एक औपचारिकता थी, बल्कि उत्तराखंड के समग्र विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम था। जनता और सरकार के बीच सहयोग से राज्य को आत्मनिर्भर और प्रगतिशील बनाने का सपना साकार किया जा सकता है।