Uttarkashi Tour: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने श्रीमद्भागवत कथा में लिया भाग: आस्था और समर्पण का परिचय
Uttarkashi Tour: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हाल ही में उत्तरकाशी भ्रमण के दौरान श्री शक्ति मंदिर और काशी विश्वनाथ मंदिर का दर्शन किया। इस दौरान उन्होंने राज्य और देश के विकास तथा जन कल्याण के लिए प्रार्थना की। मुख्यमंत्री ने वहां सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान यज्ञ में भाग लिया, जिसमें उन्होंने श्रद्धालुओं के साथ जमीन पर बैठकर कथा श्रवण किया। इस आयोजन में उन्होंने धार्मिक आयोजनों की महत्ता को स्वीकारते हुए उन्हें जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने का साधन बताया। Uttarkashi Tour
शक्ति मंदिर में कथा ज्ञान यज्ञ और मुख्यमंत्री का सहभागिता Uttarkashi Tour
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का उत्तरकाशी दौरा भावपूर्ण श्रद्धा और भक्ति से भरा हुआ रहा। शक्ति मंदिर के पुजारी रहे स्वर्गीय मुरारी लाल भट्ट की पुण्यतिथि के उपलक्ष्य में उनके परिजनों द्वारा इस कथा ज्ञान यज्ञ का आयोजन किया गया था। इस अवसर पर प्रसिद्ध आचार्य डॉ. शशांक शेखर ने श्रीमद्भागवत कथा का वाचन किया। मुख्यमंत्री ने श्रद्धा के साथ व्यासपीठ का अभिनंदन किया और कथा श्रवण के उपरांत अपने विचार व्यक्त किए। उन्होंने इस तरह के धार्मिक आयोजनों की महत्ता पर जोर दिया और कहा कि यह हमें जीवन को संवारने और उसे एक नई दिशा देने में मदद करते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा, “हम सभी पर भगवान की अनंत कृपा है जो हमें इस तरह के धार्मिक आयोजनों को संपन्न कराने के लिए प्रेरित करती है।” Uttarkashi Tour
देवभूमि की पवित्रता और धार्मिक परंपराओं का संरक्षण Uttarkashi Tour
अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने उत्तराखंड की धार्मिक परंपराओं की रक्षा और देवभूमि की पवित्रता बनाए रखने की प्रतिबद्धता जताई। उन्होंने कहा कि सरकार देवभूमि के चारों धामों के नाम का दुरुपयोग रोकने के लिए कदम उठा रही है। इसके तहत, राज्य सरकार ने कैबिनेट में प्रस्ताव पारित कर दिया है ताकि राज्य की धार्मिक धरोहर को संरक्षित किया जा सके और किसी भी प्रकार के गलत प्रयोग से इसे बचाया जा सके। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि उत्तराखंड देश का पहला राज्य है जिसने समान नागरिक संहिता लागू करने की दिशा में कदम बढ़ाया है।
राज्य में कानून का पालन और सख्त कार्यवाही
धार्मिक और सामाजिक संतुलन बनाए रखने के लिए मुख्यमंत्री ने राज्य में धर्मांतरण कानून का सख्ती से पालन सुनिश्चित करने की भी बात कही। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में अवैध अतिक्रमण, खाद्य सामग्री में मिलावट और अन्य अनैतिक गतिविधियों को किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि इन मामलों में कानून के अनुसार सख्त कार्यवाही की जाएगी ताकि राज्य की सामाजिक और सांस्कृतिक संरचना सुरक्षित रहे। इसके अलावा, मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि नकल पर रोक लगाने के लिए राज्य में विशेष कानून लागू किए गए हैं, जिसका परिणाम यह है कि साढ़े अठारह हजार से अधिक युवाओं को उनके प्रतिभा के आधार पर रोजगार प्राप्त हुआ है।
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कथा के माध्यम से समाज को सकारात्मक संदेश
मुख्यमंत्री ने श्रीमद्भागवत कथा को समाज में सकारात्मकता का संचार करने का माध्यम बताया। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के आयोजनों से लोगों को एकजुट होकर धार्मिक मूल्यों की रक्षा करने की प्रेरणा मिलती है। श्रीमद्भागवत कथा, जिसमें भगवान श्रीकृष्ण के उपदेशों का वर्णन होता है, लोगों को जीवन में सद्मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करती है। यह केवल एक धार्मिक आयोजन ही नहीं बल्कि समाज को नैतिक और आध्यात्मिक दृष्टि से मजबूत बनाने का माध्यम है।
समर्पण और सहभागिता: एक अनुकरणीय पहल
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के इस कथा में जमीन पर बैठकर अन्य श्रद्धालुओं के साथ कथा सुनने का यह कदम एक उदाहरण स्थापित करता है। इस घटना ने राज्य की जनता को यह संदेश दिया कि सच्ची भक्ति और आस्था के लिए ऊंच-नीच का कोई भेदभाव नहीं होता। यह कदम मुख्यमंत्री के विनम्र और सर्वधर्म समभाव को दर्शाता है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री के समन्वयक किशोर भट्ट ने मुख्यमंत्री का स्वागत किया और उनके समर्पण की सराहना की। कथा में अन्य प्रमुख लोगों में कीर्तेश्वरी भट्ट, नवीन भट्ट, रामेश्वर भट्ट, रुद्री प्रसाद भट्ट, संतोष भट्ट, भागेश्वरी नौटियाल, राकेश सेमवाल, देवेश सेमवाल, रंजना, राजेश सेमवाल, और ज्योति डोभाल उपस्थित थे।
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मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का यह धार्मिक यात्रा और श्रीमद्भागवत कथा में भाग लेना राज्य की जनता के बीच एक सकारात्मक संदेश का संचार करता है। उन्होंने उत्तराखंड को न केवल एक धार्मिक भूमि बल्कि एक सभ्य समाज के रूप में संवारने का संदेश दिया। धर्म और राजनीति का सामंजस्य स्थापित कर, मुख्यमंत्री ने राज्य में धार्मिक स्वतंत्रता और नैतिकता को बनाए रखने की आवश्यकता पर बल दिया। Uttarkashi Tour