Professor Dr Priti Saxena: कुमाऊं विश्वविद्यालय की पूर्व छात्रा प्रो. प्रीति सक्सेना बनीं हिमाचल प्रदेश नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी, शिमला की कुलपति
कुमाऊं विश्वविद्यालय की पूर्व छात्रा प्रो. प्रीति सक्सेना (Professor Dr Priti Saxena) को हिमाचल प्रदेश नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी (HPNLU), शिमला की कुलपति नियुक्त किया गया है। हिमाचल प्रदेश के मुख्य न्यायाधीश और विश्वविद्यालय के चांसलर ने इस संबंध में औपचारिक आदेश जारी किए हैं। यह नियुक्ति न केवल विश्वविद्यालय और हिमाचल प्रदेश के लिए गर्व का विषय है, बल्कि कुमाऊं विश्वविद्यालय के पूर्व छात्रों और शैक्षणिक जगत के लिए भी एक प्रेरणादायक घटना है।
कुमाऊं विश्वविद्यालय से शुरू हुआ था शैक्षणिक सफर Professor Dr Priti Saxena
प्रो. प्रीति सक्सेना का शैक्षणिक सफर कुमाऊं विश्वविद्यालय, नैनीताल से शुरू हुआ, जहां से उन्होंने कानून में पीएचडी की। उन्होंने अपने अकादमिक जीवन में उच्चतम स्तर की शिक्षा प्राप्त की और आगे चलकर कानून के क्षेत्र में अनुसंधान और शिक्षण के जरिए महत्वपूर्ण योगदान दिया। उनकी कड़ी मेहनत और उत्कृष्ट शोध ने उन्हें देश के प्रतिष्ठित संस्थानों में एक प्रभावी शिक्षाविद् के रूप में स्थापित किया।
अकादमिक उपलब्धियां और शोध कार्य
प्रो. सक्सेना का शैक्षणिक जीवन उल्लेखनीय उपलब्धियों से भरा हुआ है। उन्होंने विभिन्न राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय शोध पत्रिकाओं में 140 से अधिक शोध पत्र प्रकाशित किए हैं। उनके शोध मानवाधिकार, कानून और सामाजिक न्याय के विविध पहलुओं पर केंद्रित रहे हैं। प्रो. सक्सेना ने बीबीयू (बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय) और मानवाधिकार आयोग में भी महत्वपूर्ण पदों पर काम किया है, जहां उन्होंने अपनी विशिष्टता और नेतृत्व क्षमता का प्रदर्शन किया।
उनका यह अनुभव कानून के क्षेत्र में न केवल शोध और शिक्षण के लिए बल्कि प्रशासनिक दक्षता के लिए भी अत्यंत महत्वपूर्ण साबित हुआ है। यह नियुक्ति उनकी प्रतिभा, शोध-योग्यता और नेतृत्व की एक महत्वपूर्ण पहचान है। Professor Dr Priti Saxena
कुमाऊं विश्वविद्यालय शिक्षक संघ (कूटा) की ओर से बधाई
प्रो. सक्सेना की इस उपलब्धि पर कुमाऊं विश्वविद्यालय शिक्षक संघ (कूटा) ने उन्हें हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं दी हैं। कूटा के अध्यक्ष प्रो. ललित तिवारी ने कहा कि यह नियुक्ति कुमाऊं विश्वविद्यालय और यहां के छात्रों के लिए एक गौरवशाली क्षण है। उन्होंने कहा कि प्रो. प्रीति सक्सेना की इस उपलब्धि से न केवल विश्वविद्यालय के छात्रों को प्रेरणा मिलेगी, बल्कि यह दिखाता है कि संस्थान के पूर्व छात्र किस प्रकार राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपना नाम रोशन कर रहे हैं।
कूटा की ओर से प्रो. नीलू, डॉ. विजय कुमार, डॉ. संतोष कुमार, डॉ. दीपक कुमार, डॉ. दीपाक्षी जोशी, डॉ. अनिल बिष्ट, डॉ. पैनी जोशी, डॉ. सीमा चौहान और डॉ. दीपिका पंत सहित कई शिक्षकों ने खुशी व्यक्त की है। एलुमनी सेल के अध्यक्ष डॉ. बीएस कालाकोटी और डॉ. एसएस सामंत ने भी कहा कि यह नियुक्ति कुमाऊं विश्वविद्यालय के पूर्व छात्रों के लिए एक प्रेरणादायक उदाहरण है।
गौरवपूर्ण उपलब्धि: नैनीताल से शिमला तक का सफर
नैनीताल के एक छात्र के रूप में प्रो. प्रीति सक्सेना ने अपने करियर की शुरुआत की और अब वह हिमाचल प्रदेश नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी की कुलपति के रूप में कार्यभार संभालेंगी। यह सफर न केवल उनकी व्यक्तिगत उपलब्धि है, बल्कि यह दर्शाता है कि लगन और परिश्रम के साथ किसी भी छात्र के लिए संभावनाओं के द्वार खुले हैं।
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उनकी इस नियुक्ति ने यह साबित कर दिया है कि छोटे शहरों के विश्वविद्यालयों के छात्र भी अपने प्रतिभा और मेहनत के दम पर उच्चतम शैक्षणिक और प्रशासनिक पदों तक पहुंच सकते हैं। Professor Dr Priti Saxena
एचपीएनएलयू में नई दिशा देने की उम्मीद
हिमाचल प्रदेश नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी (HPNLU), शिमला, देश के उभरते हुए कानूनी शिक्षा संस्थानों में से एक है। प्रो. प्रीति सक्सेना से यह उम्मीद की जा रही है कि वे अपने अनुभव और शोध-क्षमता का उपयोग कर विश्वविद्यालय को एक नई दिशा देंगी। उनका ध्यान न केवल कानून के क्षेत्र में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने पर होगा, बल्कि वे छात्रों में नैतिक मूल्यों और सामाजिक जिम्मेदारी का भी विकास करेंगी।
एचपीएनएलयू जैसे संस्थानों में नेतृत्व करना एक चुनौतीपूर्ण कार्य होता है, लेकिन प्रो. सक्सेना के शोध और प्रशासनिक अनुभव से यह उम्मीद की जा रही है कि वे विश्वविद्यालय को एक उच्च शैक्षणिक स्तर पर पहुंचाएंगी। Professor Dr Priti Saxena
प्रेरणा स्रोत और आदर्श Professor Dr Priti Saxena
प्रो. प्रीति सक्सेना की सफलता उन सभी छात्रों के लिए प्रेरणा का स्रोत है, जो बड़े सपने देखने और उन्हें पूरा करने की हिम्मत रखते हैं। उनकी उपलब्धि यह संदेश देती है कि सच्ची मेहनत और समर्पण से कोई भी लक्ष्य हासिल किया जा सकता है। उन्होंने न केवल कुमाऊं विश्वविद्यालय का नाम रोशन किया है, बल्कि यह भी दिखाया है कि शिक्षा और नेतृत्व का मेल किसी भी संस्थान को नई ऊंचाइयों पर ले जा सकता है।