Family Medicine & Primary Care: पारिवारिक चिकित्सा और प्राथमिक देखभाल: समाज के स्वास्थ्य की आधारशिला
Family Medicine & Primary Care: स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में पारिवारिक चिकित्सा और प्राथमिक देखभाल की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह न केवल बीमारी के इलाज तक सीमित है, बल्कि इसका मुख्य उद्देश्य स्वस्थ जीवनशैली को बढ़ावा देना और रोगों की रोकथाम करना भी है। हाल ही में, उत्तराखंड के एम्स ऋषिकेश में पारिवारिक चिकित्सा एवं प्राथमिक देखभाल पर दो दिवसीय 6वें राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया गया, जिसमें देशभर के डॉक्टर्स ने भाग लिया। राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने इस सम्मेलन के समापन कार्यक्रम में भाग लेकर डॉक्टर्स को उनके सराहनीय कार्यों के लिए सम्मानित किया और इस महत्वपूर्ण विषय पर अपने विचार साझा किए।
पारिवारिक चिकित्सा और प्राथमिक देखभाल का महत्व Family Medicine & Primary Care
राज्यपाल ने अपने संबोधन में कहा कि “पारिवारिक चिकित्सा और प्राथमिक देखभाल स्वास्थ्य सेवाओं की आधारशिला है।” इसका अर्थ है कि यह चिकित्सा प्रणाली का वह प्रमुख अंग है, जिस पर पूरे परिवार के स्वास्थ्य की जिम्मेदारी होती है। पारिवारिक चिकित्सक, परिवार के सभी सदस्यों की स्वास्थ्य स्थितियों को समझते हैं और उसी के आधार पर बेहतर इलाज प्रदान करते हैं। यह चिकित्सा केवल रोग के इलाज तक सीमित नहीं होती, बल्कि रोगों से बचाव, स्वास्थ्य परामर्श, और एक स्वस्थ जीवनशैली को बढ़ावा देने का कार्य भी करती है।
आज के दौर में, जहां बीमारियों का प्रसार तेजी से हो रहा है, राज्यपाल ने जोर दिया कि “इलाज की आवश्यकता कम और बचाव एवं काउंसलिंग की अधिक जरूरत है।” पारिवारिक चिकित्सा में इसका खास ध्यान रखा जाता है कि व्यक्ति को केवल बीमारी के समय ही चिकित्सा सहायता न दी जाए, बल्कि नियमित परामर्श और निगरानी से उसे बीमार होने से पहले ही बचाया जाए। उदाहरण के तौर पर, खान-पान, तनाव, घरेलू समस्याओं और मानसिक स्वास्थ्य के बारे में भी पारिवारिक चिकित्सक से सलाह ली जा सकती है।
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ग्रामीण और दूरदराज क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार
राज्यपाल ने इस बात पर भी विशेष जोर दिया कि यदि डॉक्टर समाज और परिवारों के बीच जाकर सतत निगरानी और काउंसिलिंग करें, तो बीमारियों का खतरनाक रूप लेने से पहले ही उनका समाधान किया जा सकता है। खासतौर पर ग्रामीण और दूरदराज के क्षेत्रों में, जहां जागरूकता की कमी के कारण लोग गंभीर अवस्था में ही डॉक्टर के पास पहुंचते हैं, वहां प्राथमिक देखभाल को मजबूत बनाना अत्यंत आवश्यक है।
ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच बढ़ाना देश के स्वास्थ्य ढांचे को सुदृढ़ करने के लिए आवश्यक है। राज्यपाल ने कहा, “हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि सभी नागरिकों को गुणवत्तापूर्ण और सुलभ स्वास्थ्य सेवाएं मिलें।” इससे न केवल बीमारियों को जल्दी पहचानने और उनका इलाज करने में मदद मिलेगी, बल्कि यह स्थानीय स्तर पर स्वास्थ्य जागरूकता भी बढ़ाएगा।
एम्स, ऋषिकेश की सराहनीय पहल Family Medicine & Primary Care
इस सम्मेलन के दौरान, राज्यपाल ने एम्स ऋषिकेश के फैमिली मेडिसिन और सोशल आउटरीच सेल की सराहना की, जो उत्तराखंड के सुदूरवर्ती क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं को लोगों के घर तक पहुंचाने का कार्य कर रहा है। इस कार्यक्रम के अंतर्गत 1.5 लाख से अधिक मरीजों को उनके घरों पर ही चिकित्सा सेवा प्रदान की गई है। यह पहल बेहद महत्वपूर्ण है, क्योंकि इससे ग्रामीण और दूरदराज क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को भी स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ मिल रहा है।
राज्यपाल ने विशेष रूप से टेलीमेडिसिन और ड्रोन तकनीक के माध्यम से दूरस्थ क्षेत्रों में चिकित्सा सुविधाएं पहुंचाने की भी प्रशंसा की। यह तकनीकी नवाचार न केवल आधुनिक चिकित्सा सेवाओं को दूरदराज के क्षेत्रों तक पहुंचाने में सहायक है, बल्कि यह समय और संसाधनों की बचत भी करता है। इसके साथ ही, कम्युनिटी वेलनेस कार्यक्रमों के माध्यम से गांव और मलिन बस्तियों में स्वास्थ्य जागरूकता को बढ़ावा देने का कार्य भी किया जा रहा है।
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पारिवारिक चिकित्सा और प्राथमिक देखभाल में सुधार के लिए आवश्यक कदम
पारिवारिक चिकित्सा और प्राथमिक देखभाल को और भी अधिक सशक्त बनाने के लिए कुछ आवश्यक कदम उठाने की जरूरत है। सबसे पहले, चिकित्सकों को नियमित रूप से सामुदायिक सेवाओं में भाग लेना चाहिए और लोगों को स्वास्थ्य संबंधी जानकारी देना चाहिए। इसके अलावा, प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाओं को विशेष रूप से ग्रामीण और दूरदराज के क्षेत्रों में सुदृढ़ करने की आवश्यकता है, ताकि वहां के लोगों को भी गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा सुविधाएं मिल सकें।
राज्यपाल ने इस अवसर पर यह भी सुझाव दिया कि अगर डॉक्टर्स सामुदायिक स्तर पर नियमित निगरानी और काउंसलिंग करें, तो कई बीमारियों को गंभीर होने से पहले ही रोका जा सकता है। पारिवारिक चिकित्सकों को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि वे न केवल बीमारियों का इलाज करें, बल्कि लोगों को स्वस्थ जीवनशैली अपनाने के लिए प्रेरित भी करें।
मेडिसिन के साथ मेडिटेशन का महत्व Family Medicine & Primary Care
सम्मेलन में उपस्थित परमार्थ निकेतन के प्रमुख चिदानंद सरस्वती ने भी अपने विचार साझा किए और कहा कि मेडिसिन के साथ-साथ मेडिटेशन भी आवश्यक है। आज के तनावपूर्ण जीवन में, मानसिक शांति और संतुलन बनाए रखना उतना ही जरूरी है जितना कि शारीरिक स्वास्थ्य। मेडिटेशन व्यक्ति के मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है और तनाव को कम करने में मदद करता है।
पारिवारिक चिकित्सकों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि वे अपने मरीजों को मानसिक स्वास्थ्य के महत्व के बारे में जागरूक करें और उन्हें मेडिटेशन जैसी विधियों को अपनाने के लिए प्रोत्साहित करें।
सम्मेलन का सार
इस राष्ट्रीय सम्मेलन के समापन के दौरान, अध्यक्ष एकेडमी ऑफ फैमिली फिजीशियन ऑफ इंडिया डॉ. रमन कुमार ने भी पारिवारिक चिकित्सा की महत्ता पर अपने विचार व्यक्त किए। एम्स निदेशक प्रो. मीनू सिंह ने सम्मेलन में देशभर से आए डॉक्टर्स का स्वागत किया और इस सम्मेलन को सफल बनाने के लिए आभार व्यक्त किया। Family Medicine & Primary Care
यह सम्मेलन पारिवारिक चिकित्सा और प्राथमिक देखभाल के महत्व को रेखांकित करने के साथ-साथ डॉक्टर्स को उनके समाज और देश के लिए की जा रही सेवाओं के लिए प्रेरित करने का एक महत्वपूर्ण मंच बना।
Family Medicine & Primary Care
पारिवारिक चिकित्सा और प्राथमिक देखभाल न केवल बीमारियों के इलाज में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं, बल्कि रोगों की रोकथाम और स्वास्थ्य जागरूकता को बढ़ावा देने का कार्य भी करती हैं। इस सम्मेलन ने इस बात पर जोर दिया कि कैसे पारिवारिक चिकित्सक और प्राथमिक देखभाल सेवाएं हमारे समाज को स्वस्थ और समृद्ध बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दे सकते हैं। ग्रामीण और दूरदराज के क्षेत्रों में इन सेवाओं की पहुंच बढ़ाकर हम सभी नागरिकों को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान कर सकते हैं, जिससे समाज के प्रत्येक व्यक्ति का स्वास्थ्य सुनिश्चित हो सके। Family Medicine & Primary Care
इस तरह के सम्मेलनों का आयोजन स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ करने और नई चिकित्सा विधियों को साझा करने का महत्वपूर्ण माध्यम है।