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Hazari Singh उत्तराखंड के वीर सपूत हजारी सिंह की शहादत: राष्ट्र के लिए अर्पित जीवन की अनमोल गाथा

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Hazari Singh उत्तराखंड के वीर सपूत हजारी सिंह की शहादत: राष्ट्र के लिए अर्पित जीवन की अनमोल गाथा

Hazari Singh : उत्तराखंड, जिसे ‘वीरभूमि’ के नाम से भी जाना जाता है, ने देश को एक से बढ़कर एक वीर सपूत दिए हैं, जिन्होंने राष्ट्र की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति दी है। इस राज्य के पहाड़ी इलाकों से निकले जवानों ने हमेशा ही अपने साहस और देशभक्ति का परिचय दिया है। लेकिन इस बार, उत्तराखंड ने फिर से एक वीर सपूत को खो दिया। टिहरी गढ़वाल स्थित देवप्रयाग के निवासी हजारी सिंह ने असम के मणिपुर में दुश्मनों के साथ हुई मुठभेड़ के दौरान अपनी मातृभूमि के लिए अपने प्राणों की आहुति दी। उनकी शहादत ने पूरे राज्य को शोकाकुल कर दिया है, और क्षेत्र में गहरी शोक की लहर दौड़ गई है।

हजारी सिंह: एक वीर योद्धा

हजारी सिंह उत्तराखंड के उन बहादुर जवानों में से एक थे, जिन्होंने भारतीय सेना में सेवा करते हुए अपनी मातृभूमि की रक्षा के लिए अपने जीवन का बलिदान दिया। उनका जन्म टिहरी गढ़वाल के देवप्रयाग में हुआ था, जो अपनी सुंदरता और प्राकृतिक सौंदर्य के लिए प्रसिद्ध है। लेकिन इसी धरती ने एक ऐसे सपूत को जन्म दिया, जिसने देश की सीमाओं की सुरक्षा में अपने प्राणों की आहुति दी। हजारी सिंह ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा गाँव के ही स्कूल से प्राप्त की थी, और सेना में भर्ती होकर उन्होंने अपने परिवार और राज्य का नाम रोशन किया। उनकी शहादत ने न केवल उनके परिवार, बल्कि पूरे उत्तराखंड को गर्वित किया है।

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मणिपुर में मुठभेड़: हजारी सिंह की शहादत

असम के मणिपुर में हुई इस मुठभेड़ ने हजारी सिंह की वीरता को उजागर किया है। यह मुठभेड़ एक कठिन संघर्ष था, जिसमें उन्होंने अदम्य साहस का परिचय दिया और दुश्मनों का सामना करते हुए अपने प्राणों की आहुति दी। उनके इस बलिदान ने यह साबित कर दिया कि उत्तराखंड के वीर जवान देश की सुरक्षा के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं। उनकी शहादत की खबर जैसे ही उनके गाँव में पहुंची, वहाँ शोक की लहर दौड़ गई। पूरा क्षेत्र इस अप्रत्याशित दुःख से झकझोर उठा, और लोग अपने वीर सपूत को याद करते हुए गमगीन हो गए।

शहीद की अंतिम विदाई: सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार

हजारी सिंह का पार्थिव शरीर आज उनके गांव पहुंचेगा, जहाँ उन्हें सैन्य सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी जाएगी। पूर्णानंद घाट पर उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा, जिसमें स्थानीय लोग, उनके परिवारजन, और सेना के अधिकारी शामिल होंगे। यह वह क्षण होगा जब पूरा गाँव अपने वीर सपूत को नम आँखों से विदाई देगा। उनके बलिदान ने उनके परिवार को गर्व के साथ-साथ गहरा दुःख भी दिया है, जिसे शब्दों में बयां करना मुश्किल है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की श्रद्धांजलि

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हजारी सिंह की शहादत पर गहरी संवेदना व्यक्त की है। उन्होंने कहा, “असम में माँ भारती की रक्षा करते हुए टिहरी गढ़वाल के देवप्रयाग निवासी हजारी सिंह जी के शहीद होने का समाचार अत्यंत दुःखद है। ईश्वर से प्रार्थना है कि पुण्यात्मा को श्रीचरणों में स्थान एवं शोक संतप्त परिजनों को यह असीम दुःख सहन करने की शक्ति प्रदान करें। विनम्र श्रद्धांजलि!” मुख्यमंत्री के इस संदेश ने राज्य के लोगों के मन में देशभक्ति की भावना को और प्रबल किया है, साथ ही शहीद के परिवार के प्रति उनकी संवेदनशीलता को भी दर्शाया है।

शहीद के परिवार का दुःख और गर्व

हजारी सिंह के परिवार के लिए यह समय बेहद कठिन है। उन्होंने अपने बेटे, भाई, और पिता को खो दिया है, जो एक अपूरणीय क्षति है। लेकिन उनके दिलों में गर्व भी है कि उनका प्रियजन देश के लिए शहीद हुआ। यह गर्व ही उनके दुःख को कुछ हद तक कम करता है। राज्य और देश के लोग उनके इस बलिदान को हमेशा याद रखेंगे। उनके परिवार के लिए यह एक सांत्वना है कि हजारी सिंह का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा और उनके नाम को इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में लिखा जाएगा।

उत्तराखंड: वीरता की भूमि

उत्तराखंड हमेशा से वीरता की भूमि रही है। यहां के जवानों ने देश की सेवा में अपने प्राणों की आहुति दी है और यह सिलसिला आज भी जारी है। हजारी सिंह की शहादत ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि उत्तराखंड के लोग देश की सुरक्षा के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं। राज्य की हर गली और हर घर में वीरता की कहानियां गूंजती हैं, और हजारी सिंह की शहादत ने इनमें एक और अध्याय जोड़ दिया है।

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Hazari Singh

हजारी सिंह की शहादत ने उत्तराखंड को एक और वीर सपूत खोने का दुःख दिया है, लेकिन साथ ही इस राज्य को गर्व से भी भर दिया है। उनका बलिदान न केवल उत्तराखंड बल्कि पूरे देश के लिए प्रेरणा का स्रोत है। उनकी शहादत ने यह साबित कर दिया है कि जब तक देश में ऐसे वीर जवान हैं, तब तक कोई भी दुश्मन हमारे देश की अखंडता को चुनौती नहीं दे सकता। हम सब को मिलकर उनके बलिदान को सम्मान देना चाहिए और उनके परिवार के साथ इस दुःख की घड़ी में खड़ा होना चाहिए। हजारी सिंह का जीवन और उनकी शहादत हमें हमेशा याद दिलाएगी कि देश की रक्षा के लिए कुछ भी करने का जज्बा हमारे अंदर होना चाहिए। Hazari Singh

ईश्वर से प्रार्थना है कि शहीद हजारी सिंह की आत्मा को शांति मिले और उनके परिवार को इस असहनीय दुःख को सहन करने की शक्ति प्राप्त हो। देश उनके इस बलिदान को कभी नहीं भूलेगा और उनके नाम को हमेशा गर्व के साथ याद करेगा।


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