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Max in the rain drain टनकपुर-पूर्णागिरी मार्ग पर बरसाती नाले में मैक्स जीप बही: एक महिला की मौत, पांच घायल

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Max in the rain drain टनकपुर-पूर्णागिरी मार्ग पर बरसाती नाले में मैक्स जीप बही: एक महिला की मौत, पांच घायल

Max in the rain drain: उत्तराखंड में जारी भारी बारिश के कारण पर्वतीय क्षेत्रों में दुर्घटनाओं की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है। ऐसी ही एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना टनकपुर-पूर्णागिरी मार्ग पर हुई, जहां एक मैक्स जीप बरसाती नाले में बह गई। इस हादसे में एक महिला की दुखद मृत्यु हो गई, जबकि पांच अन्य लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। प्रशासन की टीम मौके पर रेस्क्यू अभियान में जुटी हुई है और घायलों को चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के प्रयास किए जा रहे हैं।

बरसात और पहाड़ी क्षेत्रों की चुनौतियाँ

उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्रों में मानसून के दौरान भारी बरसात आम बात है, लेकिन इस बार की बारिश ने जीवन को गंभीर रूप से प्रभावित किया है। पहाड़ी क्षेत्रों में बरसात के कारण न केवल भूस्खलन का खतरा बढ़ जाता है, बल्कि नदियों और नालों का जलस्तर भी अचानक बढ़ जाता है। इस बढ़े हुए जलस्तर के कारण रास्ते बंद हो जाते हैं और लोगों को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है।

टनकपुर-पूर्णागिरी मार्ग पर स्थित बरसाती नाला भी इस बार के मानसून में उफान पर था। इसी नाले के उफान में एक मैक्स जीप बह गई, जो इस क्षेत्र की दुर्गमता और बरसात के खतरों को उजागर करती है। स्थानीय लोगों के अनुसार, यह नाला आमतौर पर एक छोटी धारा के रूप में बहता है, लेकिन बरसात के दौरान यह एक खतरनाक रूप ले लेता है, जिसे पार करना बेहद जोखिम भरा हो जाता है।

हादसे का विवरण

यह दुर्घटना उस समय हुई जब मैक्स जीप टनकपुर-पूर्णागिरी मार्ग पर जा रही थी। जीप में सवार यात्रियों को शायद इस बात का अंदाजा नहीं था कि बरसाती नाला इस कदर उफान पर होगा। जीप जैसे ही नाले के पास पहुंची, नाले का तेज बहाव जीप को बहा ले गया। इस हादसे में जीप में सवार एक महिला की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि अन्य पांच लोग गंभीर रूप से घायल हो गए।

घटना के बाद, स्थानीय प्रशासन और आपातकालीन सेवाओं की टीम ने तुरंत रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया। एसडीआरएफ (राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल) और जल पुलिस ने घटनास्थल पर पहुंचकर बचाव कार्य में जुट गए। एसडीएम आकाश जोशी के नेतृत्व में चल रहे इस रेस्क्यू ऑपरेशन में फायर ब्रिगेड और पुलिस की टीम भी शामिल है। घायलों को उप जिला चिकित्सालय में भर्ती कराया गया है, जहां उनका इलाज चल रहा है।

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प्रशासन की प्रतिक्रिया

घटना की जानकारी मिलते ही प्रशासन ने तत्परता से कार्रवाई की। एसडीएम आकाश जोशी स्वयं मौके पर मौजूद रहे और पूरे रेस्क्यू ऑपरेशन की निगरानी कर रहे हैं। एसडीआरएफ और जल पुलिस की टीम ने तेजी से बचाव कार्य शुरू किया और घायलों को सुरक्षित बाहर निकाला। प्रशासनिक अधिकारियों ने बताया कि फिलहाल यह पता नहीं चल पाया है कि जीप में कुल कितने लोग सवार थे। हालांकि, टीम द्वारा राहत और बचाव कार्य तेजी से जारी है और यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि किसी भी प्रकार की जनहानि न हो।

बरसात में यात्रा के खतरे

इस घटना ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि पहाड़ी क्षेत्रों में बरसात के दौरान यात्रा करना कितना खतरनाक हो सकता है। उत्तराखंड में मानसून के दौरान ऐसे कई हादसे होते हैं, जहां लोग पानी के बहाव में बह जाते हैं या भूस्खलन के कारण रास्ते बंद हो जाते हैं। यह घटना इस बात की भी याद दिलाती है कि बरसात के मौसम में यात्रा के दौरान अत्यधिक सावधानी बरतने की आवश्यकता है।

स्थानीय प्रशासन और सरकारी एजेंसियों द्वारा समय-समय पर यात्रियों को चेतावनी जारी की जाती है कि वे बरसात के मौसम में संवेदनशील इलाकों में यात्रा करने से बचें। इसके बावजूद, कई लोग इन चेतावनियों को नजरअंदाज कर देते हैं, जिसके परिणामस्वरूप ऐसी दुर्घटनाएं होती हैं। यह आवश्यक है कि लोग बरसात के दौरान पहाड़ी क्षेत्रों में यात्रा करते समय विशेष सावधानी बरतें और प्रशासन द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पालन करें।

सुरक्षा के उपाय और भविष्य की योजनाएँ

प्रशासन द्वारा अब इस दिशा में कदम उठाए जाने की जरूरत है कि बरसात के मौसम में होने वाली दुर्घटनाओं को कैसे रोका जाए। इसके लिए संवेदनशील इलाकों की पहचान कर वहां चेतावनी संकेत लगाए जाने चाहिए, जिससे यात्री सतर्क रहें। इसके अलावा, ऐसे इलाकों में पुल और सुरक्षित मार्ग बनाए जाने की भी आवश्यकता है, जहां बरसात के दौरान जलस्तर बढ़ने का खतरा होता है।

सरकार को चाहिए कि वह बरसात के मौसम में पहाड़ी क्षेत्रों में यात्रियों की सुरक्षा के लिए विशेष व्यवस्था करे। इसके तहत, संवेदनशील इलाकों में एसडीआरएफ और आपातकालीन सेवाओं की टीमों की तैनाती की जाए, जो आपात स्थिति में तुरंत राहत कार्य कर सकें। इसके अलावा, यात्रियों के लिए हेल्पलाइन नंबर और अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं, जिससे किसी भी आपात स्थिति में उन्हें तुरंत सहायता मिल सके।

Max in the rain drain

टनकपुर-पूर्णागिरी मार्ग पर हुई इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना ने एक बार फिर से पहाड़ी क्षेत्रों में बरसात के दौरान यात्रा के खतरों को उजागर किया है। इस हादसे में एक महिला की मौत और पांच लोगों के घायल होने से यह स्पष्ट होता है कि बरसात के मौसम में यात्रा करना कितना जोखिम भरा हो सकता है।

यह समय है कि हम सब इस घटना से सबक लें और बरसात के मौसम में यात्रा के दौरान विशेष सावधानी बरतें। प्रशासन और सरकार को भी इस दिशा में ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है, ताकि भविष्य में ऐसी दुर्घटनाओं को रोका जा सके और लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। केवल


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