Skin Care त्वचा की देखभाल के लिए तीन दिवसीय कार्यशाला का समापन: प्राकृतिक और हस्तनिर्मित तकनीकों का महत्व
Skin Care कुमाऊं विश्वविद्यालय के डीएसबी परिसर में “त्वचा की देखभाल के लिए प्राकृतिक और हस्तनिर्मित पर्यावरण अनुकूल और टिकाऊ तकनीकें” विषय पर आयोजित तीन दिवसीय कार्यशाला का बुधवार को सफल समापन हुआ। इस कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य छात्रों को केमिकल फ्री स्किन केयर उत्पाद बनाने की तकनीकों से अवगत कराना और उन्हें प्राकृतिक सामग्री का उपयोग करके स्वस्थ और सुरक्षित स्किन केयर उत्पाद बनाने के लिए प्रेरित करना था।
कार्यशाला का आयोजन और उद्देश्य Skin Care
इस कार्यशाला का आयोजन कुमाऊं विश्वविद्यालय की इनोवेशन एंड इंक्यूबेशन सेल, रसायन विज्ञान विभाग, और इंटरनल क्वालिटी एश्योरेंस सेल ने मिलकर किया था। कार्यशाला का उद्देश्य छात्रों को प्राकृतिक और पर्यावरण अनुकूल स्किन केयर उत्पाद बनाने की तकनीकों से परिचित कराना था ताकि वे रासायनिक उत्पादों के नुकसान से बच सकें और स्वस्थ जीवन शैली को अपनाने के लिए प्रेरित हो सकें। Skin C
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कार्यशाला की विशेषताएं Skin Care
कार्यशाला के आखिरी दिन दिल्ली विश्वविद्यालय के मैत्रेयी कॉलेज की प्रोफेसर हेमा भंडारी ने कार्यशाला के दौरान बनाये गए स्किन केयर उत्पादों की विशेष प्रदर्शनी लगाई। प्रतिभागियों ने कार्यशाला में बनाये गए हर्बल और केमिकल फ्री साबुन, हर्बल फेशियल किट, बर्तन और फल सब्जियां साफ करने का साबुन, हर्बल लिप बाम, और लोशन बार तैयार किए। कुमाऊं विश्वविद्यालय के कुलपति डॉक्टर डीएस रावत को इन उत्पादों को समर्पित किया गया।
प्रमुख विशेषज्ञों का योगदान
कार्यशाला में प्रोफेसर हेमा भंडारी ने विशेष रूप से योगदान दिया। उन्होंने न केवल छात्रों को हर्बल और केमिकल फ्री उत्पाद बनाने की तकनीक सिखाई, बल्कि उन्होंने उन्हें इस क्षेत्र में शोध करने और स्टार्टअप शुरू करने के लिए भी प्रेरित किया। प्रोफेसर भंडारी ने कहा कि यदि कोई छात्र इस क्षेत्र में आगे बढ़ना चाहता है, तो वे अपनी तरफ से हरसंभव मदद करेंगी। Skin Care
छात्रों का उत्साह और अनुभव
कार्यशाला के समापन समारोह में छात्रों ने अपने अनुभव साझा किए। रसायन विज्ञान की छात्रा मोनिका, जीव विज्ञान के शोध छात्र गौरव रावत, और बीएससी की छात्रा दीक्षा पांडे ने फीडबैक देते हुए कहा कि कार्यशाला में शामिल होकर काम करने में आनंद आया। उन्होंने बताया कि क्लासरूम में पढ़ाई गई रासायनिक क्रियाओं का असल जिंदगी में कैसे सार्थक उपयोग हो सकता है, इसका अनुभव इस कार्यशाला के माध्यम से मिला।
समापन समारोह और सम्मान
कार्यशाला के समापन समारोह को सम्बोधित करते हुए कुलपति डॉक्टर डीएस रावत ने कहा कि कार्यशाला में भाग ले रहे शिक्षार्थियों का जोश देखकर लगता है कि कार्यशाला अपने उद्देश्य को पाने में सफल रही। उन्होंने कहा कि इस तरह के प्रयोग लगातार होते रहें इसके लिए अलग से प्रयोगशाला स्थापित करने का प्रयास किया जाएगा। उन्होंने परिसर के दूसरे विभागों से भी इस तरह की कार्यशालायें आयोजित करने का आह्वान किया। कुलपति ने कहा कि हुनर इंसान की सबसे बड़ी पहचान है और ऐसे कार्यक्रम छात्रों को अपने हुनर को पहचानने और उसे विकसित करने में मदद करते हैं।
विज्ञान संकायाध्यक्ष का दृष्टिकोण
विज्ञान संकायाध्यक्ष प्रोफेसर चित्रा पांडे ने कहा कि ऐसी कार्यशालाओं से छात्रों का रुझान विज्ञान की तरफ बढ़ेगा। उन्होंने कहा कि यह कार्यशाला कुलपति महोदय की दूरदर्शी सोच का सफल परिणाम है। उन्होंने छात्रों को प्रेरित किया कि वे इस तरह के कार्यक्रमों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लें और अपने ज्ञान को व्यावहारिक रूप में प्रयोग में लाएं। Skin Care
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विशेष अतिथियों का सम्मान
कार्यक्रम में डॉक्टर हेमा भंडारी और कुलपति प्रोफेसर डीएस रावत को शॉल उड़ाकर तथा प्रतीक चिन्ह से सम्मानित किया गया। कुलपति ने कार्यशाला के सभी प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र वितरित किए और उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की।
कार्यशाला का आयोजन और योगदान Skin Care
कार्यशाला का आयोजन कुमाऊं विश्वविद्यालय की इनोवेशन एंड इंक्यूबेशन सेल, रसायन विज्ञान विभाग, और इंटरनल क्वालिटी एश्योरेंस सेल ने मिलकर किया। इस दौरान प्रोफेसर गीता तिवारी, डॉक्टर पैनी जोशी, डॉक्टर रीना सिंह, डॉक्टर हरिप्रिया पाठक, डॉक्टर नंदन मेहरा, डॉक्टर हरदेश शर्मा, डॉक्टर नवीन पांडे, डॉक्टर हेम भट्ट, डॉक्टर निधि वर्मा, डॉक्टर बीजेन्द्र, डॉक्टर दलीप, डॉक्टर ऋचा, डॉक्टर हर्ष चौहान, प्रोफेसर आरसी जोशी, प्रोफेसर लता पांडे, प्रोफेसर सुषमा टम्टा, प्रोफेसर नीलू लोधियाल, प्रोफेसर शहराज़ अली, डॉक्टर सुहेल जावेद, डॉक्टर गिरीश खर्कवाल, डॉक्टर दीपशिखा जोशी, आंचल अनेजा, गरिमा, स्वाति, आभा, मनीषा, योगेश डॉक्टर प्रभा पंत, डॉक्टर हिमानी कार्की, स्वाति जोशी, मनीषा, आभा, गरिमा, वसुंधरा, दिशा, आनंद सहित शोध छात्र, एमएससी रसायन, और अन्य विद्यार्थी उपस्थित रहे।
Skin Care
तीन दिवसीय कार्यशाला ने छात्रों को न केवल प्राकृतिक और हस्तनिर्मित स्किन केयर (Skin Care) उत्पाद बनाने की तकनीकों से अवगत कराया, बल्कि उन्हें केमिकल फ्री जीवन शैली अपनाने के लिए भी प्रेरित किया। इस कार्यशाला ने छात्रों को व्यावहारिक ज्ञान और अनुभव प्रदान किया, जो उनकी शिक्षा और करियर में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। इस प्रकार की कार्यशालाएं न केवल छात्रों के ज्ञान को बढ़ाती हैं, बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर और रचनात्मक बनने के लिए भी प्रेरित करती हैं। कुलपति और विशेषज्ञों के सहयोग से, यह कार्यशाला सफलतापूर्वक सम्पन्न हुई और छात्रों को अपने भविष्य के लिए एक नई दिशा दी।