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DSB Camps Plantaion डीएसबी परिसर में हरेला महोत्सव पर पौधारोपण कार्यक्रम: प्रकृति संरक्षण की ओर एक कदम


DSB Camps Plantaion डीएसबी परिसर में हरेला महोत्सव पर पौधारोपण कार्यक्रम: प्रकृति संरक्षण की ओर एक कदम

आज डीएसबी परिसर में हरेला महोत्सव (DSB Camps Plantaion) के अवसर पर एक विशेष पौधारोपण कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य पर्यावरण को हरा-भरा बनाना और प्रकृति के संरक्षण के प्रति मानव की जिम्मेदारी को निभाना था। इस पौधारोपण अभियान में बांज, तेजपत्ता, अंगो और चिनार के पौधे लगाए गए।

हरेला महोत्सव का महत्व

हरेला महोत्सव उत्तराखंड में मनाया जाने वाला एक महत्वपूर्ण त्योहार है जो प्रकृति और हरियाली के प्रति प्रेम और सम्मान को दर्शाता है। इस त्योहार का उद्देश्य पर्यावरण संरक्षण और वृक्षारोपण के महत्व को जन-जन तक पहुंचाना है। यह पर्व हमें याद दिलाता है कि पर्यावरण की सुरक्षा हमारी प्राथमिक जिम्मेदारी है और इसके लिए हर संभव प्रयास करना चाहिए।

पौधारोपण कार्यक्रम का आयोजन

डीएसबी परिसर में आयोजित इस पौधारोपण कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के निदेशक, विजिटिंग प्रोफेसर निदेशालय, चीफ प्रॉक्टर प्रोफेसर हरीश बिष्ट, डॉक्टर सीमा चौहान, डॉक्टर नवीन पांडेय, डॉक्टर संदीप मैंडोली, डॉक्टर नंदन मेहरा, डॉक्टर उजमा, दिव्या पांगती, स्वाति जोशी, आनंद कुमार, दिशा उप्रेती, नंदा बल्लभ पालीवाल, कुंदन सिंह सहित अन्य कई प्रमुख सदस्य शामिल रहे।

बांज, तेजपत्ता, अंगो और चिनार के पौधे

कार्यक्रम के दौरान बांज, तेजपत्ता, अंगो और चिनार के पौधे रोपित किए गए। इन पौधों का चयन उनके पर्यावरणीय महत्व और उनके द्वारा प्रदान की जाने वाली अनेक सुविधाओं के कारण किया गया था।

  • बांज: यह वृक्ष न केवल छाया प्रदान करता है बल्कि मिट्टी की उर्वरता बढ़ाने में भी सहायक होता है। बांज के पत्तों का उपयोग चारा के रूप में भी किया जाता है।
  • तेजपत्ता: इसका उपयोग मसाले के रूप में किया जाता है और यह पौधा औषधीय गुणों से भरपूर होता है।
  • अंगो: यह पौधा भी औषधीय गुणों से युक्त है और इसके फल और पत्ते कई तरह की स्वास्थ्य समस्याओं के उपचार में सहायक होते हैं।
  • चिनार: चिनार का वृक्ष अपनी खूबसूरती और छाया के लिए प्रसिद्ध है। यह पौधा पर्यावरण की शुद्धि में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

प्रकृति संरक्षण की दिशा में एक कदम

इस पौधारोपण कार्यक्रम का उद्देश्य केवल पौधे लगाना नहीं था, बल्कि इसके माध्यम से पर्यावरण संरक्षण और प्रकृति के प्रति जागरूकता फैलाना भी था। पौधारोपण के दौरान उपस्थित सभी सदस्यों ने इस बात पर जोर दिया कि पौधे लगाना महत्वपूर्ण है, लेकिन उनसे भी अधिक महत्वपूर्ण उनकी देखभाल करना है। सभी को अपने लगाए पौधों की नियमित देखभाल करने और उन्हें बड़ा होने तक संरक्षण देने की अपील की गई।

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सहभागिता और सामूहिक प्रयास

इस कार्यक्रम में सभी सदस्यों की सक्रिय भागीदारी ने इसे सफल बनाया। निदेशक, प्रोफेसर, डॉक्टर और छात्रों ने मिलकर पौधे लगाए और पर्यावरण संरक्षण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दिखाई। इस सामूहिक प्रयास ने यह साबित किया कि यदि हम सब मिलकर प्रयास करें तो पर्यावरण की सुरक्षा और संरक्षण संभव है।

भविष्य की योजनाएं

हरेला महोत्सव के तहत आयोजित इस पौधारोपण कार्यक्रम के बाद, परिसर में नियमित रूप से वृक्षारोपण और पर्यावरण संरक्षण के अन्य कार्यक्रम आयोजित करने की योजना बनाई गई है। इसके तहत:

  1. पौधों की देखभाल: सभी लगाए गए पौधों की नियमित देखभाल और सिंचाई की जाएगी ताकि वे स्वस्थ और मजबूत बन सकें।
  2. जागरूकता अभियान: छात्रों और स्थानीय समुदाय के बीच पर्यावरण संरक्षण के महत्व को लेकर जागरूकता अभियान चलाए जाएंगे।
  3. नए पौधों का रोपण: हर साल हरेला महोत्सव के अवसर पर नए पौधों का रोपण किया जाएगा ताकि परिसर में हरियाली बनी रहे।
  4. पर्यावरण शिक्षा: छात्रों को पर्यावरण शिक्षा के महत्व को समझाने के लिए विशेष कार्यशालाओं और सेमिनारों का आयोजन किया जाएगा।

संदेश

हरेला महोत्सव पर आयोजित इस पौधारोपण कार्यक्रम ने एक महत्वपूर्ण संदेश दिया है कि प्रकृति का संरक्षण और पर्यावरण की सुरक्षा हमारी प्राथमिक जिम्मेदारी है। हमें यह समझना होगा कि पृथ्वी हमारी मां है और इसे हरा-भरा बनाए रखना हमारा कर्तव्य है।

DSB Camps Plantaion डीएसबी परिसर में हरेला महोत्सव पर पौधारोपण कार्यक्रम: प्रकृति संरक्षण की ओर एक कदम

डीएसबी परिसर में हरेला महोत्सव पर आयोजित पौधारोपण कार्यक्रम एक सराहनीय पहल है जो पर्यावरण संरक्षण और हरियाली को बढ़ावा देने के लिए प्रेरित करता है। इस प्रकार के कार्यक्रम न केवल पर्यावरण को सुरक्षित रखते हैं बल्कि समाज में जागरूकता फैलाने का भी काम करते हैं। हमें इस प्रकार की पहलों में सक्रिय भागीदारी करनी चाहिए और अपने पर्यावरण को संरक्षित रखने के लिए हर संभव प्रयास करना चाहिए।

प्रकृति के प्रति हमारी जिम्मेदारी को निभाने के लिए इस प्रकार के सामूहिक प्रयासों की बहुत आवश्यकता है। हरेला महोत्सव पर पौधारोपण कार्यक्रम ने यह साबित कर दिया है कि हम सब मिलकर पर्यावरण को सुरक्षित और संरक्षित रख सकते हैं। इसलिए, आइए हम सब मिलकर पौधे लगाएं और अपने पर्यावरण को हरा-भरा बनाएं।


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