Swargarohan Trick: स्वर्गारोहण विधि; तीर्थ-पूजा-पाठ, वर्त-नियम-उपहास और न धर्मगुरुओं का सहारा लेकर मात्र एक विश्वास और माफी से एक चोर ने स्वर्गारोहण कर दिया
Faith & Sorry : न तीर्थ-पूजा-पाठ, न वर्त-नियम-उपहास से; ब्रह्म पुत्र के इस संदेश से चोर स्वर्गशिधर गया………….
Swargarohan Trick: दुनिया का खेला भी बड़ा अजीब है लोग सोचते है हम बहुत पूजा, पाठ, तीर्थ, नियम, वर्त, उपहास अन्य तरीका जैसे पंडित, त्योतिष, नबी, गुरुद्धार, चर्च, मंदिर, मस्जिदों में जा जाकर ईश्वर को खुश कर लेंगे या पा लेंगे तो यह ईश्वर की नजर में बहुत ही गलत है क्योंकि ईश्वर को वे लोग जानते ही नही। जो उपरोक्त अंधविश्वास के रास्तों पर ईश्वर को पाने की या उसकी भक्ति करने की ईच्छा रखते है।
आदि में जब ईश्वर ने सृष्टि और ब्रह्माण्ड की रचना की तो उसमें ईश्वर ने अपनी सकल सूरत में एक मिट्टी पुतला बनाया जैसे कहा भी गया कि उसने बोल बोलकर धरती और आकाश और पंचमहाभूतों की रचना की जैसे कि आग, हवा, जल, पृथ्वी और आकाश बनाया और इन्हीं पांच तत्वों से उसने पृथ्वी के अन्दर जड़ चेतन यानि जड़ यानि पेड़ पौधें आदि चेतन यानि प्राणी जिनके अन्दर प्राण है जैसे मनुष्य, जीव, जन्तु इत्यादि।
सबसे उत्तम पुतला मनुष्य Swargarohan Trick
इस रचना में उसने सबसे उत्तम पुतला मनुष्य का बनाया और उसमें अपनी सांस यानि कहा यह जाता है कि परमेश्वर ने मिट्टी का आदम के नथनों में अपनी सांसों फंूका और पूरा अधिकार भी उसे दिया।
मगर जब आदम आकार रूपी मनुष्य अकेला रहता था तो उसे खुश देने के लिए ईश्वर घोड़े, गधे, जीव जन्तु खिलोनों के रूप उसके लिए लाया ताकि यह खुश रहे। परन्तु मनुष्य कुछ देर तक खुश रहता और फिर उदास हो जाता है।
फिर ईश्वर भी आदम को देखकर परेशान सा हो गया अंतःत उसने जब एक दिन आदम गहरी नींद में था तो ईश्वर आया और उसने उसको ही तोड़कर कर उसके लिए स्त्री का निर्माण कर दिया और जब उसकी नींद खुशी तो उसने अपने सामने एक सुंदर सी स्त्री (माधा) को पाया और उसके साथ वह खुश रहने लगा।
इससे ईश्वर की जो टेंशन थी कि मैंने मनुष्य बनाया वह अकेला विरान रहता था कि स्त्री के साथ अब वह खुश रहना लगा और उन्हें आशीष दी कि जाओ धरती में फलों फूलों ये धरती आकाश मैंने आपके लिए बनाया है और मुझे याद रखना सुबह सायं में मुझे याद करते रहना ताकि तुम फूलों फलों और तुम्हारा जीवन सुखमय हो।
परन्तु स्त्री ने ईश्वर की इस आज्ञा का उल्लंन कर दिया कि ईश्वर ने उन्हें आज्ञा दी थी कि अच्छे बुरे, पाप पुण्य का फल मत खाना और उन्हें ईश्वर इस आज्ञा को तोड़ दिया कि शैतान वहां आया और उसने उससे भ्रमा दिया और उन्होंने ईश्वर की आज्ञा तोड़ दी जिस कारण ईश्वर मनुष्य जाति से नाराज हुआ और ईश्वर ने मनुष्य के पापों के कारण मनुष्य से अपना मुंह छिपा लिया।
इसलिए आज भी बच्चे पापी पैदा होते है इसका उदाहरण कि छोटे बच्चों को कौन सिखाता है चोर करना, झूठ बोलना फिर भी वे करते है क्योंकि पापा मनुष्य के साथ इस कदर है कि उसकी औलाद भी पापी ही पैदा होती है क्योंकि पाप मनुष्य के खून में है जबकि मनुष्य का खून शुद्ध नही होगा मनुष्य मुक्ति नही पा सकता।
इस कदर ईश्वर ने सोच विचार किया मेरी प्रजा यानि मनुष्य जाति पाप के कारण नरक में जा रही है और जो मैंने स्वर्ग बनाया है यहां कोई भी नही है इसके लिए ईश्वर ने एक मनुष्य को अपनी ओर से पृथ्वी पर भेजा जो पवित्र आत्मा यानि ईश्वर की आत्मा और कुंवरी कन्या के आपसी मिलन से एक खूबसूरत बच्चे का जन्म दिया उसका नाम यीशु था और उसकी नसों में स्वयं ईश्वर का पवित्र खून का प्रवाह था और गृभ स्त्री का लिया गया।
मनुष्य का खून शुद्ध करने के लिए ईश्वर ने इस बच्चे की खून की बलि चढ़ाई उस बच्चे ने आजीवन ईश्वर के वचनों की पालना की और अंन्तःत अपने जीवन सारे संसार के लिए यानि सब लोगों के लिए सूली पर दे दिया क्योंकि पाप से मुक्त होने के लिए पाक पवित्र मनुष्य की बलि चाहिए थी। जिसको उस बच्चे ने पूरी की। यानि सब लोगों के लिए ईश्वर ने उस बच्चे की बली सूली चढ़ाई दी और उस पाप बल्कि चढ़ाने के कारण ईश्वर ने मनुष्यों के लिए स्वर्ग जाने का सीध रास्ता खोल दिया गया।
उसी जगह पर दो अन्य व्यक्ति भी जो चोर थे और चोरी के कारण उनको भी क्रूस की मौत यानि सूली पर चढ़ा गया। यीशु मसीह को जब सूली पर चढ़ाया गया तो उनके दायीं और बायीं ओर दो चोर भी टांगे गये पर उन दोनों में एक चोर ने उसे विश्वास (Swargarohan Trick) किया और उससे माफी भी मांगी। क्योंकि यीशू मसीह ने पिता परमेश्वर की महिमा आजीवन की और वे अपने मुंह से यह बोलते भी रहे कि मैं ईश्वर का पुत्र हूं मुझे क्षमा करने का अधिकार है जो कोई मुझ पर विश्वास करेगा वह नाश न होगा तो उस चोर कूंस पर टंगे हुए ही विश्वास किया कि तू ही पिता परमेश्वर का पुत्र है क्योंकि मैंने गुना किये।
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मुझे चोरी के कारण क्रूस की मौत दी गयी परन्तु तूने कोई गलती नही और आजीवन पिता परमेश्वर की महिमा की और उनकी आज्ञाओं को जीवन में फोलो भी किया और उन पर चलकर लोगों को भी शांति और अंहिसा का मार्ग की ओर अग्रेसित किया इसलिए मैं विश्वास करता हूं यीशु ही परमपिता परमेश्वर का पुत्र है और मैं तेरे आगे शूली पर ही मांफी मांगता हूं कि मेरे पास अब और जीवन नही है पर तू पिता परमेश्वर का पुत्र है तो मुझे स्वर्ग अपने साथ ले जाना। Swargarohan Trick
ताकि मैं भी पिता परमेश्वर के साथ उनकी महिमा देख सकूं। और वह चोर न उसने को वर्त निमय किया और ना ही उसने उपहास किया और ना ही वह मंदिर, मजिस्द, गुरुद्वार और चर्चांे के चक्कर लगाये परन्तु एक विश्वास किया कि तू ही मसीह और तेरे आगे मैं अपने गुनाह कबूल करता हूं।
विश्वास और माफी Swargarohan Trick
और इसी विश्वास और माफी के द्वारा जैसे यीशु मसीह कहते थे मैं परमेश्वर का पुत्र हूं और मुझे अधिकार है माफ करने का, मुझे अधिकार है मुर्दों का जीवन देने का, मुझे अधिकार है बीमारों को चंगा करने का, मुझे अधिकार है कि ब्रह्मण्ड कोई भी आत्माएं, चढ़ चेतन, पंचमहाभूत यानि हवा, आग, जल, आकाश और पृथ्वी मेरा कहना मनेगी ही अगर तुम्हें भी ईश्वर की संतान होने का गौरव प्राप्त हो और विश्वास हो कि तुम्हें ईश्वर की संतान हो तो तुम पहाड को बोलो कि यहां चला जा और सागर में गिर जा तो उसे जाना ही पड़ेगा क्योंकि तुमने अपने आपको ईश्वर की संतान माना और ईश्वर की आज्ञाओं को अपने जीवन में विश्वास से ग्रहण किया कि वह है तो तुम्हारे लिए हो जायेगा और तुम्हारा आनन्द पूरा होगा। Swargarohan Trick
जैसे एक चोर सूली पर टंगा हुआ न तो उसके पास जीवन है न कोई उसका नरक के रास्ते जाने रोक सकता परन्तु ईश्वर का पुत्र यीशु मसीह को मात्र जीवन में स्वीकार किया और आपने पापों की क्षमा मांगी और वह मुक्त हो गया।
धन्यवाद सहित ईश्वर की दी हुई बुद्धि के अनुसार आप भी आपना जीवन बचा सकते है अगर आपने भी उसे ईश्वर का पुत्र स्वीकार कर लिया और अपने गुनाहों की मांफी मांग ली तो तो तूम्हें भी स्वर्ग जाने का सीधा मार्ग प्रशस्त कर दे चुका है।
धन्यवाद।