Chhal: चौकीदार का छल; वन दरोगा बनकर किया महिला आरक्षी के साथ दुष्कर्म
नेहरू कॉलोनी थाना क्षेत्र में घटित एक चौंकाने वाली घटना ने समाज को झकझोर कर रख दिया है। उपनल के माध्यम से वन विभाग में चौकीदारी कर रहे ललित बिष्ट उर्फ शुभम ने खुद को वन दरोगा (Chhal) बताकर महिला आरक्षी को झांसे में रखा और उसके साथ दुष्कर्म किया। इस घटना ने समाज में व्याप्त धोखे और छल-कपट की प्रवृत्तियों को उजागर किया है।
पहली मुलाकात और दोस्ती
पीड़िता महिला आरक्षी की मुलाकात ललित बिष्ट से श्यामपुर राणा चौक प्रेमनगर में हुई थी। प्रारंभिक बातचीत में ही शुभम ने महिला को बताया कि वह वन विभाग में दरोगा के पद पर कार्यरत है। धीरे-धीरे यह बातचीत दोस्ती में बदल गई। शुभम ने महिला से शादी का वादा किया और इस वादे को पुख्ता करने के लिए दोनों की सगाई भी करवाई गई।
सगाई और धोखे का सिलसिला
15 अप्रैल 2023 को दोनों की सगाई हुई। सगाई के बाद शुभम अक्सर महिला आरक्षी के घर आता-जाता रहा। इस दौरान उसने महिला के साथ कई बार दुष्कर्म किया। शुभम ने महिला को अपने झूठे पद और वादों के माध्यम से भ्रमित रखा। महिला आरक्षी को विश्वास था कि शुभम उससे सच्चे मन से प्रेम करता है और शीघ्र ही उससे शादी करेगा।
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धोखे का पर्दाफाश
समय बीतने के साथ महिला ने शुभम पर शादी के लिए दबाव बनाया। लेकिन शुभम ने शादी से साफ इंकार कर दिया। महिला ने शुभम के बारे में जानकारी जुटानी शुरू की। उसे तब पता चला कि शुभम वन विभाग में दरोगा नहीं बल्कि संविदा के माध्यम से चौकीदार की नौकरी कर रहा है। यह सत्य जानकर महिला आरक्षी के पैरों तले जमीन खिसक गई।
आर्थिक धोखा
महिला ने आरोप लगाया कि शुभम ने उसके साइन किए हुए चेक चोरी कर बैंक से 1.50 लाख रुपये भी निकाल लिए। इस आर्थिक धोखे ने महिला को और भी हतप्रभ कर दिया। आर्थिक धोखे के साथ-साथ भावनात्मक और शारीरिक धोखे ने महिला को बुरी तरह से तोड़ दिया।
पुलिस में शिकायत और गिरफ्तारी
महिला ने साहस बटोर कर नेहरू कॉलोनी थाना में शुभम के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई। एसओ मोहन सिंह ने बताया कि शिकायत मिलने पर तुरंत कार्रवाई की गई और आरोपी शुभम को गिरफ्तार कर लिया गया। उसे न्यायालय में पेश किया गया, जहां से उसे 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है।
समाज में धोखे की प्रवृत्ति
इस घटना ने समाज को यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि किस प्रकार लोग अपने स्वार्थ सिद्धि के लिए दूसरों के जीवन से खेलते हैं। शुभम ने जिस तरह से महिला आरक्षी को धोखे में रखा, उससे यह साफ हो जाता है कि समाज में अभी भी धोखे की प्रवृत्तियाँ कितनी मजबूत हैं। इस प्रकार की घटनाएं न केवल पीड़ित व्यक्ति को मानसिक और शारीरिक रूप से चोट पहुंचाती हैं, बल्कि समाज के प्रति विश्वास को भी कमजोर करती हैं।
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महिलाओं की सुरक्षा और सावधानी
यह घटना एक बार फिर यह संदेश देती है कि महिलाओं को अपने सुरक्षा के प्रति सजग रहना चाहिए। किसी पर भी आंख मूंदकर विश्वास करने से पहले उसकी पृष्ठभूमि और सच्चाई की जांच अवश्य करनी चाहिए। खासकर जब किसी से संबंधों की बात हो तो पूरी सतर्कता और समझदारी से काम लेना चाहिए।
प्रशासन और कानून का कर्तव्य
प्रशासन और कानून व्यवस्था की जिम्मेदारी है कि इस प्रकार की घटनाओं को रोकने के लिए कठोर कदम उठाए। दोषियों को सख्त सजा मिलनी चाहिए ताकि भविष्य में कोई और इस प्रकार का अपराध करने से पहले सौ बार सोचे। इसके साथ ही पीड़ितों को न्याय मिलना चाहिए ताकि उनका विश्वास कानून और न्याय प्रणाली में बना रहे।
ललित बिष्ट उर्फ शुभम द्वारा किया गया यह कृत्य निंदनीय है और उसे इसके लिए कठोर सजा मिलनी चाहिए। इस घटना से हमें यह सीख लेनी चाहिए कि किसी भी प्रकार के संबंध में सजगता और सतर्कता आवश्यक है। महिलाओं की सुरक्षा और सम्मान की रक्षा करना समाज का कर्तव्य है और इसके लिए सभी को मिलकर प्रयास करना चाहिए। इस प्रकार की घटनाओं से सबक लेकर हमें अपने समाज को और सुरक्षित और विश्वसनीय बनाने की दिशा में कदम उठाना चाहिए।