UGC NET Exam 2024: यूजीसी नेट जून 2024 परीक्षा रद्द: नकल विरोधी कानून की माँग तेज
यूजीसी नेट (नेशनल एलिजिबिलिटी टेस्ट) जून 2024 की परीक्षा, जो 18 जून, 2024 को आयोजित की गई थी, को (UGC NET Exam 2024) रद्द कर दिया गया है। यह निर्णय गृह मंत्रालय के भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (आई4सी) की राष्ट्रीय साइबर अपराध खतरा विश्लेषण इकाई से मिली जानकारी के आधार पर लिया गया। इस परीक्षा की सत्यता पर संभावित समझौते की खबरें मिलने के बाद यह कदम उठाया गया है। 19 जून, 2024 को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) को मिली जानकारी के अनुसार, इस परीक्षा की पारदर्शिता पर प्रश्नचिन्ह खड़ा हुआ है।
परीक्षा की पवित्रता और पारदर्शिता के लिए सरकार का त्वरित निर्णय
भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय ने तत्काल निर्णय लेते हुए यूजीसी-नेट जून 2024 परीक्षा को रद्द करने का फैसला किया। इस परीक्षा को फिर से आयोजित करने के लिए नई तारीखों की घोषणा अलग से की जाएगी। सरकार ने स्पष्ट किया है कि यह कदम परीक्षा की पारदर्शिता और पवित्रता को बनाए रखने के लिए उठाया गया है।
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गहन जांच के लिए सीबीआई को सौंपा गया मामला
इस मामले की गहन जांच के लिए इसे केंद्रीय जांच ब्यूरो (सी.बी.आई.) को सौंपने का निर्णय लिया गया है। सी.बी.आई. इस मामले की पूरी जांच कर यह सुनिश्चित करेगी कि परीक्षा प्रणाली में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी को उजागर किया जा सके और दोषियों के खिलाफ न्यायिक कार्रवाई की जा सके।
अंकित तिवारी की नकल विरोधी कानून की माँग UGC NET Exam 2024
पूर्व विश्वविद्यालय प्रतिनिधि और अधिवक्ता अंकित तिवारी ने पूरे देश में उत्तराखंड की तर्ज पर नकल विरोधी कानून लागू करने की माँग की है। उन्होंने कहा, “इस तरह की घटनाएं उच्च शिक्षा की गरिमा को ठेस पहुंचाती हैं और छात्र समुदाय का विश्वास तोड़ती हैं। इसलिए, आवश्यक है कि देशभर में सख्त नकल विरोधी कानून लागू किए जाएं ताकि परीक्षा प्रणाली की शुद्धता और पारदर्शिता सुनिश्चित की जा सके।”
नकल विरोधी कानून की आवश्यकता
अंकित तिवारी ने नकल विरोधी कानून की माँग करते हुए कहा कि उच्च शिक्षा प्रणाली की विश्वसनीयता को बनाए रखना अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने कहा, “अगर हम शिक्षा प्रणाली में पारदर्शिता और पवित्रता सुनिश्चित नहीं कर सकते, तो हमारे छात्रों का भविष्य खतरे में पड़ जाएगा।” उन्होंने उत्तराखंड में लागू नकल विरोधी कानून का उदाहरण देते हुए कहा कि इस प्रकार के सख्त कानून से परीक्षा में नकल और धांधली की घटनाओं पर लगाम लगाई जा सकती है।
छात्रों में निराशा और चिंता
यूजीसी नेट जून 2024 परीक्षा के रद्द होने के बाद छात्रों में निराशा और चिंता का माहौल है। यह परीक्षा उच्च शिक्षा में प्रवेश के लिए महत्वपूर्ण मानी जाती है और इसके रद्द होने से लाखों छात्रों का भविष्य प्रभावित हो रहा है। छात्रों ने सरकार से इस मामले में शीघ्रता से कार्यवाही करने और नई परीक्षा तिथि की घोषणा करने की माँग की है।
सरकार का आश्वासन
सरकार ने छात्रों को आश्वासन दिया है कि नई परीक्षा तिथि की जानकारी जल्द ही दी जाएगी। शिक्षा मंत्रालय ने कहा है कि परीक्षाओं की पारदर्शिता और पवित्रता को सुनिश्चित करने के लिए कड़े कदम उठाए जाएंगे। इस घटना से सीख लेते हुए सरकार ने यह भी कहा है कि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए प्रभावी उपाय किए जाएंगे।
यूजीसी नेट जून 2024 परीक्षा का रद्द होना और इसके बाद नकल विरोधी कानून की माँग एक महत्वपूर्ण विषय है जो उच्च शिक्षा की पारदर्शिता और पवित्रता से संबंधित है। अंकित तिवारी द्वारा पूरे देश में सख्त नकल विरोधी कानून की माँग ने इस मुद्दे को और भी गंभीर बना दिया है। सरकार द्वारा इस मामले की गहन जांच और नई परीक्षा तिथि की घोषणा से छात्रों को आशा है कि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सकेगा और शिक्षा प्रणाली की विश्वसनीयता को बनाए रखा जा सकेगा।