The Kerala Story: उत्तराखंड देहरादून में धर्मांतरण का मामला, ‘द केरला स्टोरी’ की याद दिलाता है
प्रस्तावना
उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में एक ऐसा चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जो हालिया चर्चित फिल्म ‘द केरला स्टोरी’ (The Kerala Story की याद दिलाता है। यह घटना दर्शाती है कि कैसे एक मासूम छात्रा को मतांतरण और धमकियों के जाल में फंसाने की कोशिश की गई। इस लेख में हम इस घटना के हर पहलू को विस्तार से समझेंगे और इससे उत्पन्न हुए सामाजिक और कानूनी मुद्दों पर विचार करेंगे।
घटना का विवरण
देहरादून के राजपुर रोड क्षेत्र की रहने वाली एक लॉ की छात्रा के साथ यह घटना घटित हुई। पीड़ित छात्रा देहरादून के डांडा लखौंड स्थित एक लॉ कॉलेज में पढ़ाई करती है। उसकी सहपाठी, मुबीना यूसुफ, जो अनंतनाग (जम्मू-कश्मीर) के काजीगंज के निकट रेलवे स्टेशन की निवासी है, ने इस पूरे मामले की शुरुआत की। मुबीना ने करीब छह-सात महीने पहले पीड़ित छात्रा से नजदीकी बढ़ाई और उसे मुस्लिम धर्मगुरुओं की वीडियो दिखाकर मतांतरण का दबाव डालने लगी।
मतांतरण और धमकी का सिलसिला
मुबीना ने छात्रा को अपने एक रसूखदार मुस्लिम दोस्त से मिलवाने की बात कही और उस पर शादी का दबाव बनाने लगी। जब छात्रा ने मतांतरण और शादी से इनकार कर दिया, तो मुबीना ने उसे धमकाना शुरू कर दिया। मुबीना ने दावा किया कि उसके पास छात्रा की कुछ आपत्तिजनक फोटो और वीडियो हैं, जिन्हें वह इंटरनेट पर प्रसारित कर देगी। इसके अलावा, मुबीना ने गुरुग्राम जेल में बंद कुछ बदमाशों से संबंधों का हवाला देकर फोन पर जान से मारने की धमकी भी दिलवाई।
मानसिक उत्पीड़न (The-Kerala-Story) और अवसाद
इस मानसिक उत्पीड़न और धमकियों के चलते पीड़ित छात्रा अवसाद में आ गई और घर से बाहर निकलना बंद कर दिया। मुबीना ने विश्वास में लेने के लिए कई बार छात्रा के घर जाकर उसके स्वजनों से भी मुलाकात की। जनवरी 2023 में, मुबीना ने छात्रा को अपने साथ जम्मू-कश्मीर ले जाने की योजना बनाई। पीड़ित छात्रा ने अपने घर पर बताया कि वह दो-तीन दिन के लिए जम्मू-कश्मीर घूमने जा रही है, जबकि मुबीना उसे 10 दिन बाद लेकर लौटी। इस दौरान मुबीना ने छात्रा की मुलाकात अपने मुस्लिम दोस्त से कराई और उस पर शादी का दबाव बनाती रही।
पुलिस की कार्रवाई
पीड़ित छात्रा की मां अधिवक्ता हैं। जब उन्होंने बेटी को समझाकर पूरी घटना का पता लगाया, तो उन्होंने तुरंत पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। एसएसपी अजय सिंह के निर्देश पर रायपुर थाना पुलिस ने मुबीना यूसुफ के खिलाफ जबरन वसूली, आपराधिक धमकी और उत्तराखंड स्वतंत्रता अधिनियम-2018 के तहत मुकदमा दर्ज किया है। एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि छात्रा की तहरीर के आधार पर मुबीना यूसुफ के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है।
सामाजिक और कानूनी मुद्दे
यह घटना सामाजिक और कानूनी दोनों ही दृष्टिकोण से अत्यंत गंभीर है। एक ओर, यह मामला दिखाता है कि कैसे युवाओं को मानसिक और भावनात्मक रूप से कमजोर बनाकर उन्हें मतांतरण के लिए मजबूर किया जा सकता है। वहीं दूसरी ओर, यह घटना बताती है कि किस प्रकार कानून का दुरुपयोग कर निर्दोष व्यक्तियों को धमकियों के माध्यम से उनकी स्वतंत्रता छीनने का प्रयास किया जा सकता है।
धार्मिक स्वतंत्रता और अधिकार
धार्मिक स्वतंत्रता एक मौलिक अधिकार है, जिसे हर नागरिक को संविधान द्वारा प्रदान किया गया है। उत्तराखंड स्वतंत्रता अधिनियम-2018 इसी अधिकार की सुरक्षा के लिए बनाया गया है। यह अधिनियम किसी भी व्यक्ति को बलपूर्वक या धोखाधड़ी से धर्म परिवर्तन के खिलाफ सुरक्षा प्रदान करता है। इस घटना में मुबीना यूसुफ द्वारा किए गए कृत्य इस अधिनियम के उल्लंघन की स्पष्ट मिसाल हैं।
समाज की भूमिका
समाज को भी ऐसे मामलों में जागरूक और सतर्क रहना चाहिए। परिवार और दोस्तों का सहयोग महत्वपूर्ण है, क्योंकि वे ही सबसे पहले पीड़ित की मदद कर सकते हैं। इस मामले में, छात्रा की मां ने अपनी बेटी की बात सुनकर सही कदम उठाए और उसे न्याय दिलाने के लिए पुलिस की मदद ली। समाज को भी ऐसे मामलों में पीड़ितों का साथ देना चाहिए और उन्हें न्याय दिलाने के लिए हर संभव प्रयास करना चाहिए।
देहरादून में घटित यह घटना हमारे समाज के लिए एक गंभीर चेतावनी है। यह दिखाती है कि कैसे गलत इरादे वाले लोग मानसिक और भावनात्मक उत्पीड़न के माध्यम से निर्दोष व्यक्तियों को फंसा सकते हैं। इस मामले में पुलिस और प्रशासन ने सही कदम उठाते हुए मुबीना यूसुफ के खिलाफ कार्रवाई की है। हमें चाहिए कि हम ऐसे मामलों में सतर्क रहें और पीड़ितों को न्याय दिलाने में सहयोग करें। धार्मिक स्वतंत्रता का सम्मान और सुरक्षा हमारे समाज की जिम्मेदारी है और इसे हर हाल में बनाए रखना चाहिए।