Election Result: 4 जून का इलेक्शन रिजल्ट खोलेगा झूठे भविष्य वक्ताओं और भगवा ब्रिगेड की पोल
लोकसभा चुनाव 2024 के एक्ज़िट पोल परिणामों ने भारतीय राजनीति में गहरा प्रभाव डाला है। एक ओर जहाँ अधिकांश सर्वेक्षणों ने बीजेपी-नेतृत्व वाले एनडीए की भारी जीत की भविष्यवाणी की है, वहीं विपक्षी दलों ने इन परिणामों को ‘झूठा’ और ‘धोखाधड़ी’ करार दिया है। आगामी 4 जून को चुनाव परिणाम (Election Result) सामने आएंगे और यह देखा जाएगा कि बीजेपी की तैयारियाँ कितनी कारगर रहीं। इस लेख में हम इन एक्ज़िट पोलों, भाजपा की चुनावी तैयारियों और 4 जून 2024 के संभावित परिणामों का गहराई से विश्लेषण करेंगे।
एक्ज़िट पोल के परिणाम
अधिकांश प्रमुख सर्वेक्षणों के अनुसार, बीजेपी और उसके सहयोगी दलों को 300 से अधिक सीटें मिलने की संभावना जताई गई है। यह परिणाम भाजपा समर्थकों के लिए उत्साहजनक हैं, जबकि विपक्षी खेमे में निराशा और अविश्वास की भावना है। एनडीए की कुल सीटों की संख्या 360 से अधिक होने की संभावना है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि मोदी सरकार तीसरी बार सत्ता में आ सकती है।
विपक्षी दलों की प्रतिक्रिया
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने एक्ज़िट पोल को ‘मोदी मीडिया पोल’ करार देते हुए दावा किया कि इंडिया गठबंधन 295 सीटें जीतेगा। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने एक्ज़िट पोल को ‘बोगस’ और ‘चुनावी धांधली को सही ठहराने का प्रयास’ बताया। उन्होंने इसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ‘मानसिक खेल’ की रणनीति का हिस्सा बताया, जो प्रशासनिक ढांचे और नौकरशाही को यह संदेश देने के लिए हैं कि मोदी फिर से प्रधानमंत्री बनने वाले हैं।
शिवसेना (यूबीटी) के नेता संजय राउत ने भी एक्ज़िट पोल को ‘कॉर्पोरेट खेल और धोखाधड़ी’ करार दिया। उन्होंने दावा किया कि मीडिया कंपनियों पर दबाव है और इंडिया गठबंधन 295 से 310 सीटें जीतकर सरकार बनाएगा। उन्होंने सवाल उठाया कि क्या ये कंपनियाँ मुफ्त में एक्ज़िट पोल करती हैं?
भाजपा ने इस चुनाव के लिए व्यापक और सुव्यवस्थित तैयारियाँ की हैं। इन तैयारियों में बूथ प्रबंधन से लेकर राज्य स्तर तक के कार्यक्रम शामिल हैं। भाजपा ने 80 सीटें जीतने के लक्ष्य के साथ बूथ प्रबंधन, पन्ना प्रमुख, युवा, महिला, किसान, अधिवक्ता और प्रबुद्धों के सम्मेलन आयोजित किए। इन सम्मेलनों और कार्यक्रमों के माध्यम से हर वर्ग के मतदाताओं को साधने की कोशिश की गई।
Exit Poll 2024 Updates: भारतीय राजनीति में नई हलचल पैदा; एक्ज़िट पोल पर उठे सवाल और राजनीतिक तनाव
एक साल पहले से शुरू हुई तैयारियाँ
भाजपा ने एक साल पहले से ही सभी लोकसभा सीटों पर जनता से संपर्क करने के लिए 45 से अधिक तरह के कार्यक्रम शुरू किए। इन कार्यक्रमों के माध्यम से हर वर्ग के युवा, महिला और पुरुष मतदाताओं को साधने की कोशिश की गई। संपर्क अभियानों के अलावा, भाजपा ने सांसदों के टिकट काटने से लेकर 2019 में हारी हुई सीटों, कम मार्जिन से जीती सीटों के लिए अलग रणनीति तैयार की।
सांसदों के टिकट काटकर जीत की रणनीति (Election Result)
भाजपा के रणनीतिकारों ने हार की हर आशंका को चिह्नित किया। जरूरत पड़ी तो कई मौजूदा सांसदों का टिकट काटने में भी संकोच नहीं किया। कुल 17 सांसदों का टिकट काटकर भाजपा ने उनकी सीटों पर जीत पक्की करने के लिए रणनीति बनाई। इन सांसदों की सीटों पर हार-जीत के नतीजे के आधार पर भाजपा की उस रणनीति की भी परीक्षा होगी।