Kuta कूटा ने श्री बिष्ट के निधन पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की
श्री शेर सिंह बिष्ट: एक समर्पित जीवन का अंत
कुमाऊं यूनिवर्सिटी टीचर्स एसोसिएशन (कूटा) “Kuta” ने डीएसबी परिसर के वनस्पति विज्ञान विभाग के प्रोफेसर अनिल बिष्ट के पिताजी, श्री शेर सिंह बिष्ट के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है। श्री बिष्ट का निधन अल्मोड़ा में हुआ, जहां वे थोड़े समय से बीमार चल रहे थे। 89 वर्ष की आयु में उनके निधन से परिवार, मित्र और समाज में शोक की लहर है। उनका अंतिम संस्कार अल्मोड़ा में किया जाएगा।
जीवन परिचय
श्री शेर सिंह बिष्ट एक सरल, सहज और कर्मठ व्यक्ति थे। उन्होंने अपने जीवन में अनेक कठिनाइयों का सामना करते हुए भी कभी हार नहीं मानी। उनकी मेहनत, ईमानदारी और निष्ठा ने उन्हें समाज में एक विशेष स्थान दिलाया। वे एक आदर्श परिवारिक व्यक्ति थे, जिन्होंने अपने बच्चों को उच्च शिक्षा दिलाई और समाज के प्रति कर्तव्यों का पालन करने की प्रेरणा दी।
कूटा का शोक संदेश
कूटा ने श्री बिष्ट के निधन पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की है। कूटा के सदस्यों ने परिवार के प्रति संवेदना प्रकट की और दुख की इस घड़ी में उनके साथ खड़े होने का आश्वासन दिया। कूटा के वरिष्ठ सदस्य डॉक्टर बी एस कालाकोटी, डॉक्टर एस एस सामंत, प्रोफेसर ललित तिवारी सहित अन्य सदस्यों ने अपनी संवेदनाएं प्रकट कीं।
वनस्पति विज्ञान विभाग की संवेदनाएं
वनस्पति विज्ञान विभाग के अध्यक्ष प्रोफेसर एस एस बरगली ने भी गहरा दुख व्यक्त किया है। विभाग के अन्य सदस्यों में प्रोफेसर किरण बरगली, प्रोफेसर सुषमा टम्टा, डॉक्टर नवीन पांडे, डॉक्टर हर्ष चौहान, डॉक्टर हेम जोशी, डॉक्टर प्रभा पंत, डॉक्टर हिमानी कार्की और जगदीश पपनाई शामिल हैं, जिन्होंने शोक व्यक्त करते हुए कहा कि श्री बिष्ट का योगदान हमेशा याद रखा जाएगा।
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श्री बिष्ट की विरासत
श्री शेर सिंह बिष्ट की विरासत उनके बच्चों और समाज में उनके द्वारा किए गए कार्यों में जीवित रहेगी। उन्होंने अपने बच्चों को उच्च शिक्षा दिलाने के लिए कठिन परिश्रम किया और यह सुनिश्चित किया कि वे जीवन में सफल हों। प्रोफेसर अनिल बिष्ट, जो डीएसबी परिसर के वनस्पति विज्ञान विभाग में प्रोफेसर हैं, उनके पिता के आदर्शों और मूल्यों को आगे बढ़ा रहे हैं।
समाज के प्रति योगदान
श्री बिष्ट ने अपने जीवन में समाज के विकास के लिए अनेक कार्य किए। वे हमेशा से ही समाज सेवा में रुचि रखते थे और लोगों की मदद के लिए तत्पर रहते थे। उनका योगदान विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में रहा। उन्होंने अनेक सामाजिक संगठनों के साथ मिलकर काम किया और समाज में जागरूकता फैलाने का कार्य किया।
अंत्येष्टि और श्रद्धांजलि
श्री बिष्ट का अंतिम संस्कार अल्मोड़ा में किया जाएगा, जहां उनके परिवार, मित्र और समाज के लोग उन्हें अंतिम विदाई देंगे। उनकी स्मृति में एक शोक सभा का आयोजन किया जाएगा, जिसमें उनके जीवन और कार्यों को याद किया जाएगा और उनके प्रति श्रद्धांजलि अर्पित की जाएगी।
शोक संवेदनाएं
एलुमनी सेल के डॉक्टर बी एस कालाकोटी, डॉक्टर एस एस सामंत, प्रोफेसर ललित तिवारी सहित कूटा के सदस्यों ने शोक व्यक्त किया है। प्रोफेसर नीलू लोधियाल, डॉक्टर दीपक कुमार, डॉक्टर विजय कुमार, प्रोफेसर अनिल बिष्ट, डॉक्टर दीपिका गोस्वामी, डॉक्टर संतोष कुमार, डॉक्टर दीपाक्षी जोशी, डॉक्टर पैनी जोशी, डॉक्टर सीमा चौहान, डॉक्टर उमंग सैनी, डॉक्टर दीपिका पंत, डॉक्टर नागेंद्र शर्मा, डॉक्टर युगल जोशी, डॉक्टर रितेश साह, प्रोफेसर गीता तिवारी ने भी गहरा शोक व्यक्त किया है।
निष्कर्ष
Kuta- श्री शेर सिंह बिष्ट का जीवन एक प्रेरणा का स्रोत है। उनकी मेहनत, ईमानदारी और निष्ठा ने उन्हें समाज में एक विशिष्ट स्थान दिलाया। उनका निधन समाज के लिए एक अपूरणीय क्षति है, लेकिन उनके द्वारा स्थापित किए गए आदर्श और मूल्य हमें हमेशा प्रेरित करते रहेंगे। कूटा और वनस्पति विज्ञान विभाग के सदस्यों ने उनके निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया है और उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की है। उनका योगदान और उनकी स्मृतियाँ हमेशा जीवित रहेंगी और हमें प्रेरणा देती रहेंगी।