... ...
Happy-Diwali

AI taking away jobs : AI (एआई) नौकरियां छीन रहा है; कृत्रिम बुद्धिमत्ता के क्षेत्र में जबरदस्त प्रगति; इसके विकास में भारी निवेश

Spread the love

AI taking away jobs : AI एआई और मानव बुद्धिमत्ता: यान लेकन का दृष्टिकोण

आजकल एआई (कृत्रिम बुद्धिमत्ता) के क्षेत्र में जबरदस्त प्रगति हो रही है और इसके विकास में भारी निवेश किया जा रहा है। गूगल, ओपनएआई और मेटा जैसी बड़ी कंपनियां इस दिशा में अग्रसर हैं। हालांकि, मेटा के एआई प्रमुख यान लेकन का मानना है कि वर्तमान एआई मॉडल, जैसे कि चैटजीपीटी, कभी भी मानव स्तर की बुद्धिमत्ता प्राप्त नहीं कर सकते। यह लेख इस विषय पर यान लेकन के विचारों और उनके तर्कों की विस्तृत जानकारी प्रदान करेगा।

AI-taking-away-jobs
AI taking away jobs : AI (एआई) नौकरियां छीन रहा है; कृत्रिम बुद्धिमत्ता के क्षेत्र में जबरदस्त प्रगति; इसके विकास में भारी निवेश

एआई की सीमाएं

यान लेकन के अनुसार, एआई मॉडल में बुनियादी कमी है: वे समझ नहीं पाते। वर्तमान भाषा मॉडल (एलएलएम) केवल पाठ्य डेटा पर आधारित होते हैं और इनमें सच्ची समझ या तर्कशक्ति का अभाव होता है। लेकन का मानना है कि इस कमी के कारण एआई कभी भी मानव जैसी बुद्धिमत्ता प्राप्त नहीं कर पाएंगे।

Krtagyata कृतज्ञता की भावना हमें ईश्वर से जोड़ती है और जीवन में हमें अनंत जीवन और सत्य का अनुभव

प्रशिक्षण डेटा की सीमा

लेकन बताते हैं कि वर्तमान एआई मॉडल को विशाल मात्रा में डेटा की आवश्यकता होती है। उदाहरण के लिए, चैटजीपीटी को इतने बड़े पैमाने पर पाठ्य डेटा की जरूरत होती है जिसे पढ़ने में मानव को 20,000 साल लगेंगे। इसके विपरीत, मनुष्य और जानवर बहुत कम डेटा के साथ बहुत तेजी से समझदार हो जाते हैं। यहां तक कि पक्षी, कुत्ते, और ऑक्टोपस जैसे जीव भी थोड़ी मात्रा में डेटा के साथ तेज समझ विकसित कर लेते हैं।

जानवरों और मनुष्यों की बुद्धिमत्ता

लेकन ने बताया कि जानवर और मनुष्य केवल 2 अरब न्यूरॉन्स और कुछ ट्रिलियन पैरामीटर्स के साथ बहुत जल्दी समझदार हो जाते हैं। इसके विपरीत, वर्तमान एलएलएम में अरबों पैरामीटर्स होते हैं, फिर भी वे सच्ची समझ विकसित नहीं कर पाते। यह उनके तर्क का मुख्य बिंदु है कि एआई को मानव स्तर की बुद्धिमत्ता प्राप्त करने के लिए सही प्रशिक्षण डेटा की आवश्यकता होती है, जो अभी तक उपलब्ध नहीं है।

ICSIL Supervisor 13 Recruitment सुपरवाइजर, नर्सिंग अटेंडेंट, और सफाई कर्मचारी के 13 पदों के लिए भर्ती की पूरी जानकारी

एआई का भविष्य

जहां कुछ विशेषज्ञ और टेक कंपनियां एजीआई (आर्टिफिशियल जनरल इंटेलिजेंस) प्राप्त करने की दिशा में काम कर रहे हैं, लेकन का मानना है कि यह दृष्टिकोण गलत है। उनका तर्क है कि वर्तमान एलएलएम मॉडल इस लक्ष्य को प्राप्त करने में असमर्थ हैं। एजीआई का मतलब है कि एआई मॉडल में मानव जैसी या उससे भी अधिक बुद्धिमत्ता हो, लेकिन लेकन के अनुसार, वर्तमान तकनीकी दृष्टिकोण इस लक्ष्य को प्राप्त करने में सफल नहीं हो सकता।

निष्कर्ष

यान लेकन के अनुसार, वर्तमान एआई मॉडल में बुनियादी कमजोरियां हैं जो उन्हें मानव स्तर की बुद्धिमत्ता प्राप्त करने से रोकती हैं। उनके विचार में, इन मॉडलों में सही समझ और तर्कशक्ति का अभाव है और उन्हें सही प्रकार के प्रशिक्षण डेटा की आवश्यकता है। उनके दृष्टिकोण से, केवल डेटा की मात्रा बढ़ाकर एआई को स्मार्ट नहीं बनाया जा सकता, बल्कि इसके लिए एक नए प्रकार के दृष्टिकोण की आवश्यकता है। एआई के विकास में इन सीमाओं को समझना महत्वपूर्ण है ताकि हम इसे सुरक्षित और प्रभावी रूप से विकसित कर सकें।


Spread the love
स्किल उत्तराखण्डः युवाओं को मिले साढ़े तीन लाख रुपए मासिक वेतन के ऑफर Anti Ragging Rally डीएसबी परिसर में एंटी ड्रग्स और एंटी रैगिंग रैली: सामाजिक जागरूकता की एक महत्वपूर्ण पहल छात्रों द्वारा बनाए गए मेहंदी के डिज़ाइनों में पारंपरिक और आधुनिक दोनों प्रकार के डिज़ाइन देखने को मिले Football Tournament 76वें एचएन पांडे इंडिपेंडेंस डे चिल्ड्रन फुटबॉल टूर्नामेंट का आगाज, सैनिक स्कूल ने शानदार प्रदर्शन करते हासिल जीत Gold Price सोने के दामों में 9 फीसदी की कमी; 1 अगस्त से देश में आ जाएगा सस्ता वाला सोना ‘मरद अभी बच्चा बा’ गाना खेसारी लाल यादव और आम्रपाली दुबे की जोड़ी का एक और सुपरहिट गाना Havey Rain उत्तरकाशी में भारी बारिश से तबाही: गंगोत्री और यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग बंद, राहत कार्य जारी Manu Bhaker: कैसे कर्मयोग की शिक्षाएं मनु भाकर की सफलता की कुंजी बनीं