Role of Women in Science | विज्ञान में महिलाओं की भूमिका
देहरादून। आज जहां समाज दिनोंदिन प्रगति कर रहा है वहीं महिलाएं भी समाज के प्रति अपनी जिम्मदारियों को बखूबी निभा रही है। जमींन से लेकर आसमान तक महिलाएं अपनी दृढ़शक्ति को प्रदर्शित करती हुई ये आवाज दे रही है कि ‘महिलाएं कहीं पर भी, किसी से भी कम नही है।’ जहां महिलाए आसमान में प्लेन उड़ा रही है वही जमीन में अपनी शक्ति प्रदर्शन कर रही है वहीं ‘विज्ञान में महिलाओं की अहम भूमिका है।
बता दें कि ऐसे उत्साहवर्धक कार्य डॉल्फिन (पीजी) इंस्टीट्यूट ऑफ बायोमेडिकल एंड नेचुरल साइंसेज, देहरादून में महिला अधिकारिता प्रकोष्ठ और अनुसंधान सलाहकार समिति ने 13 फरवरी 2023 को राष्ट्रीय महिला दिवस मनाया। जिसमें उन्होंने “विज्ञान में महिलाओं की भूमिका“ विषय पर पोस्टर और स्लोगन प्रतियोगिता का आयोजन किया।
ज्ञातव्य हो कि इस कार्यक्रम में विभिन्न विभागों के विद्यार्थियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। बता दें कि विभाग की सुश्री प्रकृति सिंह, बी.एससी. स्लोगन प्रतियोगिता में बागवानी सात सेम ने बाजी मारी। जिससे सिद्ध होता है कि विज्ञान में महिलाओं की भूमिका है।
वहीं फिजियोथेरेपी तृतीय वर्ष के श्री कृष्णा जोशी ने प्रथम पुरस्कार प्राप्त कर बाजी को अपने हक में किया है। जबकि शिक्षा विभाग की सुश्री श्रेष्ठा ने द्वितीय और फिजियोथेरेपी विभाग प्रथम वर्षीय श्री अंकित कुमार ने क्रमशः तृतीय पुरस्कार प्राप्त जीत कर लक्ष्य को अपने पक्ष में हासिल किया है साथ ही संस्थान की ओर से सभी प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते डॉ. बीना जोशी भट्ट, महिला अधिकारिता प्रकोष्ठ की सह-अध्यक्ष, डॉ. वर्षा पारचा, अध्यक्ष, अनुसंधान सलाहकार समिति, डॉ. श्रुति शर्मा, समन्वयक आईक्यूएसी, डॉ. हिमानी डंगवाल, डॉ. कनिका इस्सर, डॉ. दिप्ती वारिकू, डॉ. रश्मि चौहान में उपस्थित रहे।
Rural Science Congress | उत्तराखण्ड राज्य विज्ञान प्रौद्योगिकी परिषद (यूकॉस्ट) के सातवें स्थापना दिवस समारोह
राज्यपाल लेफ़्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से.नि.) ने उत्तराखण्ड राज्य विज्ञान प्रौद्योगिकी परिषद (यूकॉस्ट) के सातवें स्थापना दिवस समारोह के मौके पर रीजनल साइंस सेंटर देहरादून में आयोजित कार्यक्रम में प्रतिभाग किया।
इस दौरान राज्यपाल ने साइंस सेंटर में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस स्किल लैब का उद्घाटन किया व फ़रवरी दूसरे सप्ताह में आयोजित होने वाली “ग्रामीण विज्ञान कांग्रेस” का अनावरण किया। राज्यपाल ने कार्यक्रम में यूकॉस्ट के वार्षिक कैलेंडर एवं वार्षिक रिपोर्ट का भी विमोचन किया। इस दौरान राज्यपाल ने रीजनल साइंस सेंटर का भ्रमण कर विस्तृत जानकारी ली।
राज्यपाल ने अपने संबोधन में कहा कि यह युग आधुनिक तकनीक के साथ ही आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का है। आज नई-नई तकनीकों के जरिए देश-दुनिया में क्रांतिकारी बदलाव आ चुके हैं। उन्होंने कहा कि साइंस और टेक्नोलॉजी हमारे जीवन का अभिन्न हिस्सा बन गए हैं, विज्ञान ने हमारे दैनिक जीवन को बेहद सुगम और समृद्ध बना दिया है।
राज्यपाल ने कहा कि देश को विकसित और समृद्ध राष्ट्र बनाने के लिए हमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का रास्ता चुनना होगा। साइंस और टेक्नोलॉजी के हर क्षेत्र में भारत दुनिया के साथ कदम से कदम मिला कर आगे बढ़ रहा है।
राज्यपाल ने कहा कि दुनिया के विभिन्न देश नवीनतम तकनीकों का प्रयोग कर आगे बढ़ रहे हैं, लेकिन उन सब में भारत इस दिशा में और भी तेज़ रफ़्तार से आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि देश की एकता, अखंडता और संप्रभुता को क़ायम रखने के लिए हमारे देश की सेना भी तेज़ी से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की ओर देख रहे हैं।
राज्यपाल ने यूकॉस्ट के पदाधिकारियों को बधाई देते हुए कहा कि हम सबके लिए खुशी की बात है कि प्रदेश में पहली एआई बेस्ट साइंस लर्निंग लैब की स्थापना हुई है, उन्होंने कहा कि नई पीढ़ी को आधुनिक तकनीकी, सोच-विचार और धारणा के साथ आगे बढ़ना होगा।
राज्यपाल ने अगले सप्ताह आयोजित होने वाले ग्रामीण विज्ञान कांग्रेस हेतु यूकॉस्ट को शुभकामना देते हुए कहा कि उन्हें पूर्ण विश्वास है कि इस विज्ञान कांग्रेस में प्रदेश के सुदूरवर्ती क्षेत्रों से आए बाल वैज्ञानिक, शोधार्थी के बीच मंथन का जो अमृत निकलेगा वह उत्तराखंड को विज्ञान प्रौद्योगिकी क्षेत्र में आगे बढ़ाने में कारगर सिद्ध होगा।
इस दौरान महानिदेशक यूकॉस्ट प्रो. दुर्गेश पंत ने राज्यपाल को परिषद के क्रियाकलापों के बारे में विस्तार से अवगत कराया। कार्यक्रम में उत्तराखण्ड टेक्निकल यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रो. ओंकार सिंह, इंटेंल की सीनियर डायरेक्टर श्वेता खन्ना समेत विभिन्न संस्थानों के वैज्ञानिक, शोधार्थी और छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।