मुख्य निर्वाचन अधिकारी डॉ. बी.वी.आर.सी. पुरुषोत्तम ने प्रदेश के सभी मान्यता प्राप्त राजनैतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ एक बैठक बुलाई। इस मौके पर, उन्होंने सभी दलों से प्रदेश में सक्रिय भागीदारी और सक्षम मतदान की अपील की।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने यह भी उजागर किया कि प्रदेश में आदर्श आचार संहिता का पालन हो रहा है, जिससे सभी राजनैतिक दलों की व्यय मॉनिटरिंग भी प्रारंभ हो गई है। उन्होंने सभी दलों को माननीय निर्वाचन आयोग की निर्देशिकाओं का पालन करने की भी सलाह दी।
इस अवसर पर अपर पुलिस महानिदेशक ए.पी. अंशुमान, अपर मुख्य निर्वाचन अधिकारी डॉ. विजय कुमार जोगदंडे, संयुक्त मुख्य निर्वाचन अधिकारी श्रीमती नमामि बंसल, श्री प्रताप शाह, और स्टेट नोडल (एक्सपेंडिचर मॉनिटरिंग) श्री मनमोहन मैनाली, सहित सभी मान्यता प्राप्त दलों के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।
Lok Sabha Elections लोक सभा चुनाव क्या है और जनता को अपनी बहुमत का प्रयोग क्यों करना चाहिए
संघीय चुनाव आयोग के दिशा-निर्देशों और नियमों का पालन करते हुए, भारतीय चुनावी प्रक्रिया में सम्पूर्ण न्याय और स्वतंत्रता की गारंटी होती है। संघीय चुनाव आयोग द्वारा निर्धारित नियमों के अनुसार, चुनाव प्रक्रिया को निरंतर और निष्पक्ष रूप से संचालित किया जाता है। यहाँ उल्लिखित कुछ महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश हैं:
1. चुनाव आयोग द्वारा निर्धारित तारीखों और समय सीमाओं का पालन करना अनिवार्य है। चुनावी प्रक्रिया के लिए संघीय चुनाव आयोग द्वारा प्रकाशित तिथियों और समय सीमाओं का ध्यान रखना आवश्यक है।
2. चुनाव प्रक्रिया में पंजीकरण, मतदान, गिनती, और परिणामों की घोषणा के लिए सभी आवश्यक व्यवस्थाएं उचित ढंग से की जानी चाहिए।
3. चुनाव प्रक्रिया के दौरान भ्रष्टाचार और गलत अभ्यासों का कोई स्थान नहीं होना चाहिए। सभी पार्टियों और उम्मीदवारों को चुनाव आयोग के नियमों का पालन करने के लिए पूरी तरह से सहमत होना चाहिए।
4. मतदाताओं को जागरूक करने और उन्हें मतदान की महत्वपूर्णता को समझाने के लिए चुनाव आयोग द्वारा अभियानों का आयोजन किया जाना चाहिए।
5. मतदाताओं के पंजीकरण की प्रक्रिया को सरल और सुगम बनाए रखने के लिए चुनाव आयोग द्वारा नवाचित तकनीक का प्रयोग किया जाना चाहिए।
6. चुनाव प्रक्रिया के दौरान सुरक्षा और निगरानी के लिए सख्त उपाय अवलम्बित किए जाने चाहिए, ताकि किसी भी गलत प्रचार या बाधाएं नहीं हो सकें।
7. चुनाव प्रक्रिया में महिलाओं की सक्रिय भागीदारी को बढ़ावा देना चाहिए और उन्हें समानता के साथ शामिल किया जाना चाहिए।
8. चुनाव प्रक्रिया में विशेष वर्गों जैसे कि वृद्ध, दिव्यांग, और अल्पसंख्यकों के मताधिकार की सुरक्षा का खास ध्यान रखा जाना चाहिए।
9. चुनाव प्रक्रिया में विभिन्न सामाजिक मामलों के उचित समाधान के लिए सक्रिय रूप से काम किया जाना चाहिए।
10. चुनाव प्रक्रिया में जानकारी की उपलब्धता, संवेदनशीलता, और पारदर्शिता को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए।
इन दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए, भारतीय चुनावी प्रक्रिया में न्याय और स्वतंत्रता की सुनिश्चितता सुनिश्चित होती है, जिससे लोकतंत्र की मजबूती को मजबूती मिलती है।