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EMI Card |EMI कार्ड अब भी क्रेडिट लेने के मामले में पसंद किए जाते

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EMI Card |EMI कार्ड अब भी क्रेडिट लेने के मामले में पसंद किए जाते

  • उधार लेने वालों में सिर्फ़ 18% लोग डेटा गोपनीयता दिशा-निर्देशों के बारे में समझते हैं
  • EMI कार्ड अब भी क्रेडिट लेने के मामले में पसंद किए जाते हैं, यह होम क्रेडिट इंडिया के “हाउ इंडिया बॉरोज़ सर्वेक्षण 2023” से साबित होता है
  • 2023 में उधार लेने के लिए कंज़्यूमर ड्यूरेबल और बिज़नेस की ज़रूरतें अब भी मुख्य कारण बनी हुई हैं।
  • फ़ाइनैंशियल सर्विसेस के डिजिटलाइज़ेशन की बढ़ती स्वीकृति की वजह से उधार लेने वालों में से 29% लोग ऑनलाइन लोन का विकल्प चुनते हैं। 51% अपने अगले लोन के लिए ऑनलाइन चैनलों पर जाना चाहते हैं।
  • उधार लेने वालों में सिर्फ़ 18% डेटा गोपनीयता के नियमों के बारे में समझते हैं, उनमें से ज़्यादातर (88%) इस मामले में सिर्फ़ ऊपरी समझ रखते हैं।
  • 47% उधार लेने वालों का मानना है कि उधार देने वाले ऐप ज़रूरी डेटा से ज़्यादा डेटा जमा करते हैं; जबकि 51% उधार लेने वालों का मानना है कि उधार देने वाले ऐप/कंपनियों को कस्टमर के व्यक्तिगत डेटा के इस्तेमाल में पारदर्शिता बनाए रखनी चाहिए
  • देहरादून में, 28% उधार लेने वाले लोन कंपनियों की ओर से अपने व्यक्तिगत डेटा के इस्तेमाल के बारे में जागरूकता दिखाते हैं, जो इस तरह की समझ दिखाने वाले शीर्ष 5 शहरों में से एक है।
  • इंटरनेट और डेटा क्रांति के कारण डिजिटल उधार को जारी रखने के बारे में 71% आशावादी हैं।

देहरादून| अग्रणी ग्लोबल कंज़्यूमर फ़ाइनैंस प्रोवाइडर की स्थानीय शाखा, ‘होम क्रेडिट इंडिया’ ने अपना वार्षिक कार्यक्रम “हाउ इंडिया बॉरोज़-सर्वेक्षण 2023” लॉन्च किया, जिसका उद्देश्य लगातार विकसित हो रहे कंज़्यूमर के उधार लेने से जुड़े व्यवहार को समझना है। EMI Card 

EMI Card
EMI Card

2021 के बाद से, उधार लेने का चलन घर चलाने से लेकर स्मार्टफ़ोन और घरेलू उपकरणों (2023 में 44%) जैसे कंज़्यूमर ड्यूरेबल ख़रीदने में बदल गया था। हालाँकि कंज़्यूमर ड्यूरेबल लोन में 9% की कमी आई, लेकिन बिज़नेस से संबंधित उधार में 5% की बढ़ोतरी हुई यानी इसकी वजह से कुल 19% मध्यम वर्ग ने एक नए बिज़नेस का विस्तार करने या शुरू करने के लिए उधार लिया।

अध्ययन में ज़्यादातर उधार लेने वाले ऑनलाइन काम करना पसंद करते हैं, 48% अपनी व्यक्तिगत ख़रीदारी के लिए ऑनलाइन ख़रीदारी पर भरोसा करते हैं। इनमें से 44% उधार लेने वाले फ़ाइनैंशियल ट्रैंज़ेक्शन के लिए ऑनलाइन बैंकिंग पर भरोसा करते हैं। हर दिन के फ़ाइनैंशियल अपडेट के लिए आधे से ज़्यादा लोगों (54%) के लिए मोबाइल बैंकिंग आसान है।

Digital Financial Transactions Consumer borrowering How India Borrowerspreer app
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एक और प्रमुख आकर्षण फ़ाइनैंशियल सर्विसेस के डिजिटलाइज़ेशन की बढ़ती स्वीकृति है। HIB 2023 के अनुसार, एक-चौथाई से ज़्यादा उधार लेने वाले लोगों ने लोन लेने के लिए ऑनलाइन चैनल का विकल्प चुना। टेली कॉलिंग के ज़रिए शुरू किए गए लोन में 3% की वृद्धि हुई (2022 में 16% से 2023 में 19%), जबकि POS/ बैंक शाखाओं के ज़रिए लोन में 4% की गिरावट देखी गई (56% से 51%)।

डिजिटल ट्रांज़िशन के अनुरूप, आधे से ज़्यादा उधार लेने वाले (51%) POS/ बैंकों के साथ किसी भी आमने-सामने की बातचीत के बिना मोबाइल ऐप पर भविष्य के अपने सारे लोन आवेदन पूरा करने में दिलचस्पी रखते हैं। ऑनलाइन लोन माध्यमों के लिए वरीयता मुख्य रूप से छोटे शहर के युवा और आकांक्षी उधार लेने वालों को मिली है, जिसमें देहरादून 61%, लुधियाना 59%, अहमदाबाद 56% और चंडीगढ़ 52% जैसे शहर शामिल हैं।

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EMI Card (49%) सबसे पसंदीदा माध्यम बने

एम्बेडेड फ़ाइनैंस ने हाल के वर्षों में 50% उधार देने वालों के साथ ई-शॉपिंग के दौरान इसे अपनाया है। हालाँकि, BNPL और PPI प्रोडक्ट्स पर कड़े RBI नियमों के कारण उधार देने वालों के बीच प्रोडक्ट्स की वृद्धि 2022 से 10% कम हो गई है। इसे प्राथमिकता दी जाती है क्योंकि यह उधार लेने की प्रक्रिया को तेज़ बनाता है और ई-कॉमर्स शॉपिंग को आसान बनाता है। दृढ़ विश्वास और तेज़ी-से डिस्बर्सल के कारण क्रेडिट लेने के लिए EMI कार्ड (49%) सबसे पसंदीदा माध्यम बने हुए हैं।

कंज़्यूमर अध्ययन पर बोलते हुए, होम क्रेडिट इंडिया के मुख्य मार्केटिंग ऑफ़िसर, आशीष तिवारी ने कहा, “होम क्रेडिट इंडिया में, हम फ़ाइनैंशियल साक्षरता को बढ़ावा देने और व्यक्तियों को सूचित विकल्प बनाने के उद्देश्य से सशक्त बनाने के लिए समर्पित हैं। सर्वेक्षण न सिर्फ़ आज के उधार लेने वालों की प्राथमिकताओं पर प्रकाश डालता है, बल्कि डेटा गोपनीयता के बारे में ज़्यादा से ज़्यादा जागरूकता की ज़रूरत पर भी ज़ोर देता है। जैसा कि हम इस डिजिटल युग में ध्यान से देखते हैं, होम क्रेडिट सभी के लिए एक ज़िम्मेदार और समावेशी वित्तीय भविष्य सुनिश्चित करते हुए, भरोसेमंद, पारदर्शी और सुलभ फ़ाइनैंशियल समाधान देने के लिए प्रतिबद्ध है।”

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HIB अध्ययन दिल्ली-एनसीआर, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई, बेंगलुरु, हैदराबाद, पुणे, अहमदाबाद, लखनऊ, जयपुर, भोपाल, पटना, रांची, चंडीगढ़, लुधियाना, कोच्चि और देहरादून सहित 17 शहरों में आयोजित किया गया था। इस नमूने में लगभग 1,842 लोग शामिल हुए, जिसमें 18 से 55 वर्ष की आयु वर्ग के उधार लेने वाले हैं और जिनकी औसत आय 31,000 प्रति माह।

जैसा कि भारत डिजिटल उधार युग में तेज़ी से आगे बढ़ रहा है, अध्ययन लोन कंपनियों की ओर से अपने व्यक्तिगत डेटा के इस्तेमाल के बारे में उधार लेने वालों के बीच एक महत्वपूर्ण चिंता की ओर इशारा करता है। उधार लेने वालों में सिर्फ़ 18% डेटा गोपनीयता के नियमों के बारे में समझते हैं, उनमें से ज़्यादातर (88%) इस मामले में सिर्फ़ ऊपरी समझ रखते हैं। लगभग 60% उधार लेने वाले इस बात से चिंतित हैं कि उधार देने वाले ऐप से उनका व्यक्तिगत डेटा कैसे जमा और इस्तेमाल किया जाता है।

EMI Card (49%) सबसे पसंदीदा माध्यम बने  

इन चिंतित उधार देने वालों में से 58% का यह भी मानना है कि उधार देने वाले ऐप ज़रूरत से ज़्यादा डेटा जमा करते हैं। जेन-ज़ेड (जेनरेशन-ज़ेड) और छोटे शहरों के उधार लेने वाले उधार देने वालों के ऐप्स की ओर से जमा किए जा रहे डेटा की मात्रा के बारे में ज़्यादा चिंता दिखाते हैं। महानगरों में, चेन्नई के 78% उधार लेने वाले जमा किए गए डेटा की मात्रा के बारे में अपनी चिंता व्यक्त करते हैं।

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क्षेत्रवार, देहरादून में, 28% उधार लेने वालों का दावा है कि उन्हें इस बात की स्पष्ट समझ है कि लोन कंपनियों की ओर से उनके व्यक्तिगत डेटा का इस्तेमाल कैसे किया जाता है, जो शीर्ष पाँच शहरों में से एक है। इस बीच, 51% कस्टमर के व्यक्तिगत डेटा के इस्तेमाल में ज़्यादा पारदर्शिता की वकालत करते हैं। EMI Card 

महत्वपूर्ण 71% उधार लेने वाले डिजिटल उधार को जारी रखने के बारे में आशावादी बने हुए हैं, जो इसे चल रहे इंटरनेट और डेटा क्रांति के लिए ज़िम्मेदार ठहराते हैं। विशेष रूप से, शहर में कम डिजिटल लोन की गहरी पैठ है, लेकिन निम्न मध्यम वर्ग के बीच अगले लोन चैनल के रूप में उच्च वरीयता है, क्योंकि 21% लोगों का कहना है कि उन्होंने पिछले साल डिजिटल माध्यम से लोन लिया था; जबकि 61% ऑनलाइन लोन माध्यम अपनी भविष्य की लोन ज़रूरतों के लिए वरीयता बताते हैं।

एक चौथाई से भी कम (23%) उधार लेने वाले लोन ऐप्स की ओर से अपने व्यक्तिगत डेटा के इस्तेमाल के बारे में समझते हैं। चेन्नई से उधार लेने वाले ज़्यादा डिजिटल रूप से ऐडवांस मालूम होते हैं और उनमें से 76% व्यक्तिगत डेटा के इस्तेमाल को समझने का दावा करते हैं। भारत में लगभग 60% उधार लेने वाले आवाज़ उठाते हैं कि उनकी ओर से शेयर किए जा रहे डेटा पर उनका कोई नियंत्रण नहीं है, विशेष रूप से टियर 1 शहरों के उधार लेने वालों की ओर से यह शिकायत सामने आई है। EMI Card 

BSE Investors Protection Fund | बीएसई इन्वेस्टर्स प्रोटेक्शन फंड की ओर से जागरूकता संदेश

70% उधार लेने वाले व्यक्तिगत डेटा के इस्तेमाल पर पारदर्शी संचार की ज़रूरत महसूस करते हैं। यह ज़्यादातर पुरुषों की ओर से संचालित होता है और दक्षिण को छोड़कर भौगोलिक क्षेत्रों में जेन-ज़ेड उधार लेने वालों की एक समान राय है।

EMI Card (49%) सबसे पसंदीदा माध्यम बने

डिजिटल साक्षरता के संदर्भ में, 23% मध्यम वर्ग के उधार लेने वालों ने अतीत में चैटबॉट सर्विस के बारे में सुना/देखा है। 43% उधार लेने वालों को महिलाओं और जेन-ज़ेड के नेतृत्व में चैटबॉट सर्विस का इस्तेमाल करना आसान लगता है। वॉट्सऐप लोन के लिए एक उभरता हुआ डिजिटल चैनल है जिसमें 59% उधार लेने वालों को वॉट्सऐप पर लोन मेसेज मिले हैं। हालाँकि, सिर्फ़ एक-चौथाई उधार लेने वाले वॉट्सऐप पर मिलने वाले लोन ऑफ़र्स को भरोसेमंद मानते हैं, जेन-ज़ेड ने इसके प्रति ज़्याद भरोसा दिखाया है।

BSE Investors Protection Fund | बीएसई इन्वेस्टर्स प्रोटेक्शन फंड की ओर से जागरूकता संदेश

चूँकि देश में फ़ाइनैंशियल शिक्षा में दिलचस्पी बढ़ रही है, इसलिए 39% उधार लेने वालों ने कहा कि वे चाहते हैं कि एक प्रतिष्ठित संगठन उन्हें इंटरनेट पर फ़ाइनैंस से संबंधित कार्यवाहियों के बारे में शिक्षित करे और इसमें जेन-ज़ेड ने सबसे ज़्यादा दिलचस्पी दिखाई। लुधियाना (57%), पटना (55%) और भोपाल (48%) जैसे छोटे शहर फ़ाइनैंशियल शिक्षा में ज़्यादा दिलचस्पी दिखाते हैं।


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