– सुशील कुमार जोश | www.uttrakhandjosh.com
“Be careful: Nothing is truly free!”
आज का सबसे बड़ा भ्रम यही है कि बहुत कुछ मुफ़्त में मिल रहा है – हवा, पानी, जीवन। लेकिन सच्चाई यह है:
जो ईश्वर का हिस्सा नहीं देता, उसे एक दिन डॉक्टर को एकमुश्त देना ही पड़ता है। Be careful
कुछ भी फ्री नहीं है!
जिसने तुम्हें रचा है – वह ईश्वर – उसी ने तुम्हारे जीवन, शरीर और भोजन की व्यवस्था भी की है। परन्तु यदि तुम उसे श्रद्धा, प्रेम और विश्वास के साथ उसका “पहला हिस्सा” नहीं देते, तो यह व्यवस्था टूटने लगती है – और मनुष्य दुखों, बीमारियों, तंगी और अशांति में गिरता चला जाता है।
चिड़िया का जीवन इसका साक्षी है –
वह बिना चिंता के जीती है, क्योंकि उसने अपने हिस्से का पहला अंडा ईश्वर को दे दिया।
और ईश्वर उसकी रक्षा करता है, उसके बच्चों को भोजन देता है।
वह आकाश का सुख भोगती है क्योंकि उसने अपना भाग रचयिता को अर्पित किया है।

जो ईश्वर को देता है, उसके लिए खुलती हैं आकाश की खिड़कियाँ! Be careful
“Nothing is free, but one must give for the kingdom of God and true righteousness.”
जो व्यक्ति सच्चे परमेश्वर के धर्म और राज्य के लिए देता है –
🔹 उसके लिए ईश्वर तरक्की, उन्नति, सुरक्षा, शांति और मोक्ष के द्वार खोलता है।
🔹 वह व्यक्ति न केवल धरती का सुख पाता है, बल्कि आकाश की आनंद-प्राप्ति की ओर भी बढ़ता है।
🔹 उसका जीवन आत्मिक शांति से भर जाता है क्योंकि उसने अपनी आत्मा को ईश्वर से जोड़ा है।
संसार को देना पड़ता दुख, पीड़ा, बीमारियाँ और तनाव के रूप में
जो ईश्वर को नहीं देता, उसे अंततः संसार को देना पड़ता है – दुख, पीड़ा, बीमारियाँ और तनाव के रूप में।
लेकिन जो प्रेम और श्रद्धा से अपना पहला भाग ईश्वर को देता है, उसके लिए आकाश की खिड़कियाँ खुल जाती हैं।
वह व्यक्ति “द्वारपाल” बनकर ईश्वर की व्यवस्था में प्रवेश करता है – और जीवन की यात्रा शांति और मोक्ष के साथ पूर्ण करता है।
Plak पलक झपकने में तेरी हो सकती है परन्तु मनुष्य के उद्धार में देर नही हो सकती है