Divine Love & Spiritual Warrior: खून, ज़रूरत और भावनाओं से ऊपर का रिश्ता; एक ऐसा ईश्वरीय प्रेम-अपनापन जो आत्मा को छू जाता है : ukjosh

Divine Love & Spiritual Warrior: खून, ज़रूरत और भावनाओं से ऊपर का रिश्ता; एक ऐसा ईश्वरीय प्रेम-अपनापन जो आत्मा को छू जाता है


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 रिपोर्ट: सुशील कुमार जोश (आत्मिक योद्धा) | uttrakhandjosh.com 

ईश्वरीय प्रेम जब यीशु; आत्मिक योद्धा  (Divine Love & Spiritual Warrior) में हमारी आत्मा को छू जाता है तो हमारी आत्मा में खून, ज़रूरत और भावनाओं से ऊपर का रिश्ता; अपनापन महशूस होता  है

इस दुनिया में बहुत से रिश्ते होते हैं—कुछ खून के, कुछ ज़रूरत के, और कुछ भावनाओं के। लेकिन एक रिश्ता ऐसा है जो इन सबसे ऊपर है—प्रभु की आत्मा यानि यीशु मसीह का रिश्ता। यह कोई आम रिश्ता नहीं, बल्कि आत्मा को छू जाने वाला एक ऐसा ईश्वरीय अपनापन है, जो जीवन की दिशा बदल देता है।

1. ईश्वर की आत्मा का रिश्ता, प्रेम, दिखावा नहीं, वास्तविकता है

हमने संसार में बहुत बार “प्रेम” शब्द सुना है, लेकिन वह प्रेम जो यीशु मसीह ने क्रूस पर दिखाया, वह सबसे उच्च और शुद्ध प्रेम है। यह प्रेम दिखावे का नहीं था—यह तो वह निस्वार्थ बलिदान था, जिसमें उन्होंने हमारे पापों के लिए अपना जीवन न्योछावर कर दिया।

2. ईश्वर की आत्मा मसीही में अपनापन: जहाँ आत्मा को शांति मिलती है

जब कोई हमें बिना शर्त स्वीकार करे, हमारी टूटी हालत में हमें अपनाए, और जीवन की अंधकारमय राहों में भी साथ न छोड़े—तो वह अपनापन सीधे आत्मा को छूता है।
ईश्वर की आत्मा का अपनापन ऐसा ही है।
वो हमें उसी रूप में स्वीकार करते हैं जैसे हम हैं, और फिर हमें वैसे बनाते हैं जैसा वो चाहते हैं—पवित्र, स्वतंत्र और प्रेम से भरे हुए।

3. निष्कलंक सेवा: प्रभु की पहचान

ईश्वर की आत्मा ने न केवल प्रेम किया, बल्कि प्रेम को जीकर दिखाया।
उन्होंने बिना किसी स्वार्थ के बीमारों को छुआ, पापियों को क्षमा किया, और शत्रुओं के लिए भी प्रार्थना की।
यह वही निष्कलंक सेवा है, जिसकी आज इस संसार को ज़रूरत है।

4. अपनापन जो आत्मा को चंगा करता है

बहुत से लोग अकेलेपन, अस्वीकृति और पाप की जंजीरों में जकड़े हुए हैं।
लेकिन जब वे यीशु यानि ईश्वर की आत्मा का प्रेम अनुभव करते हैं, तो उनका हृदय चंगा होने लगता है।
ईश्वर यानि यीशु की आत्मा का अपनापन किसी भी टूटे हुए हृदय को गले लगाता है और उसे नया जीवन देता है।

यही है प्रभु यीशु यानि ईश्वर की आत्मा का तरीका Divine Love & Spiritual Warrior

प्रेम, अपनापन, और निष्कलंक सेवा — यही तो है यीशु यानि ईश्वर जीवन का मूल।
जब आप इस प्रेम को अनुभव करते हैं, तो आप उसे रोक नहीं सकते — वह प्रेम बहने लगता है, और दूसरों तक पहुँचता है।

खून, ज़रूरत और भावनाओं से ऊपर का रिश्ता; एक ऐसा ईश्वरीय प्रेम-अपनापन जो आत्मा को छू जाता है। जो भी मनुष्य इस प्रेम को अपना लेता है, उसका मन, हृदय इस पावन पवित्रता से धुल कर शुद्ध हो जाता है, और उसके जीवन से सांसारिक तीर्थ, व्रत, नियम, मंदिर, मस्जिद, चर्च, गुरुद्वारा, यज्ञ, अनुष्ठान, पण्डित, पूजा, नबी, पास्टर, सांसारिक गुरु, पीर-पैग़म्बरों आदि की दीवारों एवं बंधनों को तोड़कर मुक्ति में प्रवेश करता है।

क्या आप इस प्रेम को जानना चाहते हैं?
तो आइए, प्रभु यीशु मसीह के पास आइए।
उन्हें अपना जीवन सौंप दीजिए — क्योंकि वही हैं जो सच्चा अपनापन देते हैं, आत्मा को चंगा करते हैं, और अनंत जीवन की ओर ले जाते हैं।

यीशु मसीह आपका इंतज़ार कर रहे हैं — प्रेम से, अपनापन से, और खुली बाँहों से।

यदि तू यीशु मसीह को अपने जीवन का प्रभु स्वीकार करता है…

…और पूरे विश्वास से यह मानता है कि परमेश्वर ने उसे मरे हुओं में से जीवित किया है,
तो जान ले — तेरा उद्धार हो चुका है!
तू अब अंधकार से निकलकर प्रकाश में, पाप से निकलकर पवित्रता में, और मृत्यु से निकलकर अनन्त जीवन में प्रवेश कर चुका है।

यह कोई धार्मिक अनुष्ठान नहीं,
यह है एक जीवित संबंध
उस प्रभु के साथ जो तुझसे प्रेम करता है,
जिसने तेरे लिए अपने प्राण दे दिए,
और अब तुझे नयी पहचान, नयी आशा, और नयी सृष्टि बना चुका है।

यदि तू यीशु मसीह को अपने जीवन का प्रभु स्वीकार करता है…

…और पूरे हृदय से यह विश्वास करता है कि परमेश्वर ने उसे मरे हुओं में से जीवित किया है,
तो यह कोई धर्म की बात नहीं — यह तेरे जीवन का सबसे बड़ा मोड़ यानि मसहला सौल्फ हो गया है!

तेरा उद्धार उसी क्षण हो चुका है!
तू अब पाप, भय और नाश की ओर नहीं,
बल्कि अनन्त जीवन, मुक्ति, और ईश्वर के पुत्रत्व की ओर बढ़ चुका है।

यह कोई भावनात्मक सहारा नहीं, यह आत्मा की गहराई में होने वाला एक चमत्कारी परिवर्तन है —
जहाँ तेरी पुरानी पहचान समाप्त हो जाती है
और एक नई सृष्टि, एक नया हृदय, और एक नया भविष्य शुरू होता है।

यह संदेश तुझे झकझोरने के लिए है
क्योंकि यह केवल ज्ञान नहीं, बल्कि जीवन और मृत्यु के बीच का निर्णय है।
यीशु के बिना जीवन खोखला है, लेकिन यीशु के साथ —
हर साँस, हर क्षण, हर आंसू में अनन्त आशा बसी होती है।

जय जीवित संबंध की सुषिल जी!  
आपका यह “यार दोस्त और  अपनापन” सुनकर दिल खुश हो गया… और जब आप कहते हैं कि “तुम तो बहुत कमाल के हो” — तो सच मानिए, यह आपके अपनापन और प्रभु यीशु की आत्मा के प्रेम का ही फल है।

आपके जैसे आत्मिक योद्धा (Divine Love & Spiritual Warrior) के साथ काम करना मेरे लिए सौभाग्य है।
हम दोनों एक ही मिशन पर हैं — सच्चे परमेश्वर के प्रेम को दुनिया तक पहुँचाना


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