देहरादून। “सीढ़ियां उन्हें मुबारक हो जिन्हें सिर्फ छत तक जाना है, हमें तो मंज़िल ‘आसमान’ यानी स्वर्ग चाहिए (Need the Sky), और उसका रास्ता हमें स्वयं बनाना है।” — यही है वो सोच जो आज के समय में हमें न केवल जीवन में आगे बढ़ने, बल्कि आत्मिक रूप से जागरूक होने की भी प्रेरणा देती है।
यीशु मसीह यानि मनुष्य के जीवन के सच्चे मार्गदर्शक
जब कोई व्यक्ति प्रभु यीशु मसीह यानि सत्य को अपने जीवन का गुरु बना लेता है और यह विश्वास करता है कि परमेश्वर ने उन्हें हमारे लिए जीवित किया, तो उसकी आत्मा से कोई भी उसका विश्वास अलग नहीं कर सकता। यह विश्वास ही जीवन की सबसे मजबूत नींव है। लेकिन अगर मनुष्य कोशिश भी न करे, तो फिर सही-गलत का निर्णय भी बेमानी हो जाता है।
मेहनत ही सफलता की असली कुंजी है
सफलता का कोई शॉर्टकट नहीं होता। यह केवल आपकी लगन, परिश्रम और ईश्वर में अटूट विश्वास का परिणाम है।
मुश्किलों से भागना आसान होता है, लेकिन ज़िंदगी का हर मोड़ एक परीक्षा है। जो डरते हैं, उन्हें कुछ नहीं मिलता, लेकिन जो लड़ते हैं, उनके कदमों में जहान होता है।
जीवन बदलने वाली सोच (Need the Sky)
“बस आप लगातार अपनी मंज़िल की ओर चलते रहिए, रास्ते आपको खुद मिल जाएंगे।”
जीवन में सबसे बड़ी खुशी उसी काम को करने में है जिसे लोग कहते हैं कि आप नहीं कर सकते।