परमेश्वर की पसंद का प्रमाण – सूखी छड़ी में जीवन (Certificate of Salvation)
क्या आपने कभी सोचा है कि ईश्वर अपने चुने हुए सेवकों की पहचान कैसे कराता है?
जब मनुष्य सवाल करता है, आलोचना करता है और परमेश्वर के जनों पर अंगुली उठाता है, तो ईश्वर चुप नहीं रहता — वह अपने सामर्थ्य से उत्तर देता है।
बाइबल में हारून की सूखी छड़ी का चमत्कार एक अद्भुत उदाहरण है।
जब विद्रोहियों ने हारून की याजकाई पर सवाल उठाया, तो परमेश्वर ने कहा:
“हर गोत्र की एक-एक सूखी छड़ी लेकर मेरी उपस्थिति में रख दो। जिस पर मेरी पसंद है, उसकी छड़ी में जीवन उगेगा।”
अगले दिन हारून की सूखी लकड़ी की छड़ी में कोपलें, फूल और पके बादाम निकल आए!
यह ईश्वर का प्रमाण था — “मेरे अभिषिक्त को मत छूना!”
मुक्ति का सर्टिफिकेट – Salvation Certificate
मुक्ति कोई मानव का दिया हुआ प्रमाण पत्र नहीं, यह परमेश्वर की उपस्थिति में मिलता है।
जैसे हारून की छड़ी में जीवन फूटा, वैसे ही जो व्यक्ति ईश्वर की उपस्थिति में आता है, उसके जीवन में चमत्कार होते हैं।
-
यह एक “Certificate of Salvation” है — मुक्ति का प्रमाण जो केवल ईश्वर की कॉन्फ्रेंस में मिलता है, न कि संसारिक आयोजनों में।
-
जब परमेश्वर हमें चुनता है, वह न केवल हमारी पहचान सिद्ध करता है, बल्कि हमारा नाम स्वर्गीय पुस्तक (Book of Life) में दर्ज कर देता है।
संसार चोर की पूजा करता है Certificate of Salvation
आज लोग अनाब-सनाब पैसा कमाकर मंदिर-मस्जिदों में चढ़ावा चढ़ाते हैं और सोचते हैं कि उन्होंने धार्मिक कार्य कर दिया।
लेकिन क्या ईश्वर रिश्वत स्वीकार करता है?
नहीं।
ईश्वर दिल को देखता है, आस्था को देखता है, पश्चाताप को देखता है।
जो पैसा चोरी से आया है, उससे लंगर या प्रसाद बांटना गरीबों को पाप का भागीदार बनाना है।
इसलिए भोजन से पहले ईश्वर का धन्यवाद करें।
धन्य है वह जो परमेश्वर से भय खाता है और सत्य की रोटी खाता है।
Life in a dry stick: सूखी छड़ी में जीवन; बड़ा चमत्कार- जब परमेश्वर ने अपनी पसंद को किया सिद्ध
स्वर्गीय स्वागत — जब आत्मा तृप्त होती है
जब कोई व्यक्ति सत्य स्वीकार करता है, मोक्ष का मार्ग अपनाता है, तब स्वर्ग के फाटक खुल जाते हैं।
स्वर्गदूत उसके स्वागत को तैयार खड़े होते हैं।
-
चर्चाओं से आत्मा तृप्त होती है
-
सत्य के प्रचार से दिल की अशांति दूर होती है
-
प्रेम का संदेश ही मोक्ष का द्वार खोलता है
समाप्ति का संदेश:
“मेरे अभिषिक्त को मत छूना!” — यह वचन आज भी जीवित है।
जो व्यक्ति ईश्वर के बुलावे पर चलता है, वह कोई सामान्य मनुष्य नहीं, वह ईश्वर के कार्य का प्रमाण है।
आप भी आज यह पूछें —
“क्या मेरा नाम स्वर्गीय पुस्तक में दर्ज है?”
अगर नहीं, तो आज ही यीशु मसीह को अपने जीवन का राजा स्वीकार करें और मुक्ति का प्रमाण पत्र पाएँ।