हारून की सूखी छड़ी में जीवन (Life in a dry stick): एक चमत्कारी गवाही
परमेश्वर कैसे अपने चुने हुए लोगों की पुष्टि करता है
क्या आपने कभी सोचा है कि जब लोग परमेश्वर के चुने हुए सेवकों पर प्रश्न उठाते हैं, तब परमेश्वर कैसे उत्तर देता है? Book में वर्णित “हारून की सूखी छड़ी” (Life in a dry stick) का चमत्कार एक अद्भुत उदाहरण है जो दर्शाता है कि जब ईश्वर अपने किसी सेवक को चुनता है, तो वह उसे न केवल प्रमाणित करता है, बल्कि उसके द्वारा चमत्कार भी करता है।
ईश्वर की पसंद और मान्यता का प्रमाण
इस्राएलियों के बीच जब मूसा और हारून के नेतृत्व को लेकर सवाल उठने लगे, तो कोरह, दातान और अबीराम जैसे लोगों ने विरोध का बिगुल बजाया। उनका तर्क था — “क्या केवल हारून ही याजक हो सकते हैं? क्या हममें से कोई और नहीं हो सकता?”
मूसा और हारून ने इस विद्रोह का उत्तर देने के लिए खुद को नहीं उठाया, बल्कि यह निर्णय परमेश्वर पर छोड़ दिया। परमेश्वर ने मूसा से कहा कि प्रत्येक गोत्र के एक-एक प्रतिनिधि से एक सूखी लकड़ी की छड़ी ली जाए, और लेवी गोत्र की छड़ी पर हारून का नाम लिखा जाए। ये सभी छड़ियाँ मिलापवाले तम्बू में परमेश्वर की उपस्थिति में रखी गईं।
चमत्कार की रात
अगली सुबह जब मूसा तम्बू में गया, तो उसने देखा कि हारून की छड़ी में से कोपलें फूट आई थीं, उसमें फूल खिले थे और पके हुए बादाम लग चुके थे। यह एक सूखी, निर्जीव लकड़ी की छड़ी थी — लेकिन परमेश्वर ने उसे जीवन से भर दिया। यह किसी मनुष्य की शक्ति से नहीं, बल्कि सर्वशक्तिमान परमेश्वर की शक्ति से हुआ।
विद्रोहियों को मिला उत्तर
जब मूसा ने यह चमत्कारी छड़ी इस्राएलियों को दिखाई, तो भीड़ सन्न रह गई। उन्हें समझ में आ गया कि हारून को याजक बनाने का निर्णय किसी मनुष्य का नहीं, बल्कि परमेश्वर का था। परमेश्वर ने स्वयं अपनी मुहर उस पर लगा दी थी।
परमेश्वर की योजना और सुरक्षा
परमेश्वर ने मूसा से कहा कि इस छड़ी को साक्षी के रूप में वाचा के सन्दूक के पास रखा जाए ताकि यह उन विद्रोहियों को सदा याद दिलाता रहे कि जो परमेश्वर चुनता है, उसे कोई नहीं हटा सकता।
आज के जीवन में संदेश
आज भी, जब हमारे जीवन में लोग हमारी बुलाहट पर सवाल उठाते हैं, हमारी सेवकाई को नकारते हैं या हमारे मार्ग पर संदेह करते हैं — हमें हारून की सूखी छड़ी की याद रखनी चाहिए। ईश्वर जब किसी को चुनता है, तो वह उसके जीवन में चमत्कार करता है। जो लोग थके, टूटे, निराश, और अंधकार में भटक रहे हैं, परमेश्वर उन्हें भी अपने वचन के द्वारा नया जीवन दे सकता है।
परमेश्वर का प्रेम और पुष्टि
जिस तरह परमेश्वर ने एक मृत छड़ी में जीवन फूंक दिया, उसी तरह वह हमारे जीवन में भी चमत्कार कर सकता है। हम जो उसकी आज्ञा और बुलाहट को स्वीकार करते हैं, हमें वह न केवल तृप्त करता है बल्कि दूसरों को भी जीवन का जल हमारे द्वारा पिलाता है। यही वह चमत्कार है जो आज भी सत्य है, जीवित है और क्रियाशील है — यीशु के नाम में- Thankyou.