नैनीताल: कुमाऊं विश्वविद्यालय के राजनीति विज्ञान विभाग एवं विजिटिंग प्रोफेसर निदेशालय द्वारा आयोजित एक विशेष ऑनलाइन व्याख्यान में प्रख्यात अंतरराष्ट्रीय मामलों के विशेषज्ञ डॉ. रॉबर्ट जे. हैनलोन (Robert Hanlon) ने “अमेरिका प्रथम और कनाडा-दक्षिण एशिया संबंधों पर इसके प्रभाव” विषय पर अपनी गहन अंतर्दृष्टि साझा की।
डॉ. हैनलोन, जो कि थॉमसन रिवर यूनिवर्सिटी, कनाडा में प्रोफेसर हैं और वर्तमान में कुमाऊं विश्वविद्यालय के विजिटिंग प्रोफेसर के रूप में कार्यरत हैं, ने अमेरिका की “अमेरिका प्रथम” नीति के वैश्विक प्रभावों का विश्लेषण करते हुए, कनाडा की विदेश नीति विशेषकर दक्षिण एशिया के परिप्रेक्ष्य में उसके प्रभावों को व्याख्यायित किया।
व्याख्यान के प्रमुख बिंदु: Robert Hanlon
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अमेरिका-कनाडा के ऐतिहासिक और रणनीतिक संबंधों की विवेचना
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दक्षिण एशिया को लेकर कनाडा की विदेश नीति पर घरेलू राजनीति, प्रवासी समुदायों और लोकतांत्रिक दबावों का प्रभाव
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भू-राजनीतिक दृष्टिकोण से नीति निर्माण की चुनौतियाँ
कार्यक्रम का शुभारंभ कुलपति प्रो. दीवान सिंह रावत के संरक्षण में हुआ। विजिटिंग प्रोफेसर निदेशालय के निदेशक प्रो. ललित तिवारी ने डॉ. हैनलोन का स्वागत करते हुए व्याख्यान का संचालन किया। राजनीति विज्ञान विभाग की विभागाध्यक्ष एवं आयोजन सचिव प्रो. कल्पना एस. अग्रहरि ने डॉ. हैनलोन का परिचय प्रस्तुत करते हुए उनके शैक्षणिक और शोधात्मक योगदान को रेखांकित किया।
संवाद और सहभागिता:
व्याख्यान के उपरांत आयोजित प्रश्नोत्तर सत्र में प्रतिभागियों ने विषय से जुड़े महत्वपूर्ण प्रश्न पूछे। डॉ. हैनलोन ने तटस्थ, विश्लेषणात्मक और व्यावहारिक दृष्टिकोण से सभी प्रश्नों के उत्तर दिए, जिससे उपस्थित शोधार्थियों और विद्यार्थियों को विषय की गहरी समझ मिली।
डीएसबी परिसर की निदेशक प्रो. नीता बोरा शर्मा ने व्याख्यान के लिए औपचारिक धन्यवाद ज्ञापित किया।
प्रमुख उपस्थिति: Robert Hanlon
इस महत्वपूर्ण आयोजन में प्रो. रजनीश पांडे, प्रो. गीता तिवारी, डॉ. किरण तिवारी, आयोजन समिति के सदस्य डॉ. हरदेश शर्मा, डॉ. भूमिका प्रसाद, डॉ. रुचि मित्तल, डॉ. मोहित रौतेला, डॉ. पंकज सिंह सहित 100 से अधिक विद्यार्थी और शोधार्थी उपस्थित रहे।