नई दिल्ली: विश्व निद्रा दिवस के मौके पर हार्टफुलनेस और टीआईई ग्लोबल ने एक चौंकाने वाला सर्वेक्षण जारी किया है, जिसमें पता चला है कि भारतीय उद्यमियों में से 55% नींद की गंभीर समस्या (World Sleep Day) का सामना कर रहे हैं। पाँच प्रमुख शहरों – दिल्ली, मुंबई, हैदराबाद, बेंगलुरु और चेन्नई में किए गए इस सर्वे में 260 उत्तरदाताओं को शामिल किया गया, जिसमें 200 से अधिक स्टार्टअप संस्थापक और व्यवसायी तथा 50 से अधिक तकनीकी पेशेवर थे।
लंबे घंटों का काम, उच्च दबाव और तनाव दे रहे हैं बर्नआउट को बढ़ावा
इस सर्वेक्षण के अनुसार, नींद की कमी केवल थकान तक सीमित नहीं है, बल्कि यह निर्णय लेने, रचनात्मकता और कार्यस्थल संबंधों को भी बुरी तरह प्रभावित कर रही है। 26% पेशेवरों ने बताया कि वे प्रतिदिन छह घंटे से भी कम नींद लेते हैं, जिससे उनकी उत्पादकता और मानसिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है।
सर्वे के प्रमुख निष्कर्ष: World Sleep Day
- 40% उद्यमी तनाव, चिंता और नींद में रुकावटों से परेशान हैं।
- 83% लोग सोने से पहले मोबाइल फ़ोन का उपयोग करते हैं, जिससे उनकी नींद की गुणवत्ता प्रभावित होती है।
- 50% से अधिक उद्यमी मध्यम से उच्च स्तर के तनाव का अनुभव करते हैं।
- हर चौथा स्टार्टअप संस्थापक प्रति रात 6 घंटे से भी कम सोता है।
- 80% उत्तरदाताओं ने माना कि खराब नींद उनके कार्यस्थल प्रदर्शन को प्रभावित करती है।
नींद की कमी क्यों है खतरनाक?
अध्ययनों से पता चलता है कि हर 45 मिनट की कम नींद, निर्णय लेने की क्षमता में 5-10% की गिरावट ला सकती है। इसके अलावा, नींद की कमी रचनात्मकता, टीम प्रबंधन और अवसरों की पहचान जैसी व्यावसायिक क्षमताओं को बाधित करती है, जिससे स्टार्टअप्स और कंपनियों की सफलता पर सीधा असर पड़ता है।
क्या कहते हैं विशेषज्ञ?
हार्टफुलनेस के मार्गदर्शक श्रद्धेय दाजी ने नींद को सिर्फ आराम नहीं, बल्कि एक पवित्र यात्रा बताया। उन्होंने कहा,
“जो उद्यमी स्वस्थ नींद की आदतें अपनाते हैं, वे बेहतर निर्णय लेने, रचनात्मक सोच और नेतृत्व क्षमता में सुधार महसूस करेंगे।”
वहीं, टीआईई ग्लोबल के अध्यक्ष मुरली बुक्कापटनम ने कहा-
“सफलता की तलाश में नींद का त्याग करना एक आम गलती है। यह सर्वेक्षण बताता है कि यह रणनीति व्यवसाय के लिए उल्टी पड़ सकती है।”
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समाधान क्या है?
हार्टफुलनेस और TiE Global ने उद्यमियों को बेहतर नींद और मानसिक शांति प्रदान करने के लिए विशेष कार्यशालाएँ शुरू करने की घोषणा की है।
- पहली कार्यशाला 21 मार्च 2025 को रात 8:30 बजे (IST) वर्चुअली आयोजित की जाएगी।
- ये कार्यशालाएँ तनाव को कम करने, ध्यान और स्वस्थ नींद की आदतें विकसित करने में मदद करेंगी।
- साल 2025 में दुनिया भर के सभी TiE सम्मेलनों में यह कार्यशाला आयोजित की जाएगी।
क्या करें उद्यमी?
✔ सोने से 1 घंटे पहले डिजिटल स्क्रीन का उपयोग बंद करें।
✔ तनाव कम करने के लिए ध्यान और गहरी साँस लेने की तकनीक अपनाएँ।
✔ नींद का एक नियमित समय निर्धारित करें और उसका पालन करें।
✔ अल्कोहल और कैफीन के अधिक सेवन से बचें।
World Sleep Day
यह सर्वेक्षण साबित करता है कि स्वस्थ नींद, व्यवसाय की सफलता के लिए उतनी ही महत्वपूर्ण है, जितनी मेहनत और लगन। यदि भारतीय उद्यमी सही कदम उठाएँ, तो वे न केवल अपने स्वास्थ्य को सुधार सकते हैं, बल्कि अपने स्टार्टअप और कंपनियों को भी नई ऊँचाइयों तक ले जा सकते हैं।