सांप की औलादों के सर कुचल कर रख देगी ट्रम्प सरकार (Donald Trump Government)
धार्मिक विश्वासियाकें के अधिकारों की रक्षा के लिए ट्रम्प सरकार ने उठाये बड़े कदम।
यीशु ने कहा था कि मत डोर क्योंकि ईश्वर यहोवा तुम्हारे संघ है मत घबराओं कि यहोवा तुम्हें दृढ़ करेेगा क्योंकि मैं तुम्हारा परमेश्वर हूं। जी हां दोस्तों यीशु मसीह ने कहा कि मैंने उस टुष्ट सांप को पैरों के तले रौंदा है तुम्हें घबराने की जरूरत नही है और गर तुम भी निराकार ईश्वर यहोवा पर विश्वास करोंगे तुम भी उस सांप और उसकी औलाद को पैर तले रौंद चुके होंगे।
डोनाल्ड ट्रम्प सरकार (Donald Trump Government)
ट्रम्प प्रशासन ने धार्मिक विश्वासियों के अधिकारों की रक्षा के लिए एक ऐतिहासिक कदम उठाया है, जिसका उद्देश्य स्वर्ग और पृथ्वी को हिला देना है। इस दिशा में उठाए गए कदमों को लेकर यह कहा गया कि ट्रम्प सरकार उन शैतानी ताकतों के खिलाफ खड़ी होगी, जो ईसाई धर्म और धार्मिक विश्वासियों के खिलाफ भेदभाव करती हैं।
ईश्वर ने अपने विश्वासियों को यह आश्वासन..
यीशु मसीह के शब्दों का संदर्भ देते हुए, यह संदेश दिया गया है कि हमें डरने की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि ईश्वर यहोवा हमारे साथ हैं। ईश्वर ने अपने विश्वासियों को यह आश्वासन दिया है कि वह उन्हें मजबूत बनाए रखेंगे और संकटों से उबारेंगे। यीशु ने कहा था कि वह उस शैतान को पैरों तले रौंद देंगे, और जो लोग ईश्वर पर विश्वास रखते हैं, वे भी उसी शक्ति का अनुभव करेंगे और बुराई पर विजय प्राप्त करेंगे।
ट्रम्प सरकार ने इस पर जोर दिया कि उनके द्वारा बनाई गई टास्क फोर्स का मुख्य उद्देश्य ईसाई धर्म और धार्मिक विश्वासियों के खिलाफ सभी प्रकार के भेदभाव और उत्पीड़न को तुरंत रोकना है। इस टास्क फोर्स का कार्य यह सुनिश्चित करना होगा कि सरकार के अंदर ईसाई विरोधी गतिविधियों और भेदभावपूर्ण नीतियों का विरोध किया जाए, चाहे वह न्याय विभाग (DOJ), आयकर विभाग (IRS), एफबीआई, या अन्य एजेंसियां हों।
टास्क फोर्स का लक्ष्य न केवल ईसाई विरोधी हिंसा और उत्पीड़न को दंडित करना है, बल्कि देशभर में धार्मिक विश्वासियों के अधिकारों की रक्षा के लिए ठोस कदम उठाना है। इस दिशा में, ट्रम्प ने एक कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर किए हैं, जो एक मजबूत कदम के रूप में उभरा है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कोई भी धार्मिक उत्पीड़न और भेदभाव से बचने न पाए।
ट्रम्प का यह स्पष्ट संदेश था कि वह अपने विश्वासों के लिए खड़े रहेंगे और वह यह भी सुनिश्चित करेंगे कि उनके समर्थन से धर्मनिरपेक्षता और धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकारों की रक्षा की जाए।