Dev Bhoomi Entrepreneurship Scheme-भूमिका: उद्यमिता को बढ़ावा देने की दिशा में उत्तराखंड सरकार की महत्वाकांक्षी योजना
उत्तराखंड सरकार ने प्रदेश में स्टार्टअप और उद्यमिता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से “देवभूमि उद्यमिता योजना” की शुरुआत की है। यह योजना विशेष रूप से विद्यार्थियों को स्वरोजगार और उद्यमिता की दिशा में प्रेरित करने के लिए बनाई गई है। इस योजना के तहत, उत्तराखंड सरकार ने उद्यमिता विकास संस्थान, अहमदाबाद (EDII) के साथ समझौता किया है।
👉 इस योजना का मुख्य उद्देश्य राज्य के महाविद्यालयों और विश्वविद्यालयों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को उद्यमिता के लिए प्रशिक्षित करना और उन्हें स्वरोजगार के अवसर उपलब्ध कराना है।
इसी उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए, डीएसबी परिसर नैनीताल में दो दिवसीय बूट कैंप का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में कई विशेषज्ञों और उद्यमियों ने विद्यार्थियों को स्टार्टअप, उद्यमिता के अवसरों और चुनौतियों के बारे में विस्तार से जानकारी दी।
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डीएसबी परिसर, नैनीताल में दो दिवसीय बूट कैंप का आयोजन
उत्तराखंड सरकार की “देवभूमि उद्यमिता योजना” के अंतर्गत डीएसबी परिसर, नैनीताल में 2 दिवसीय बूट कैंप का आयोजन किया गया।
✔ कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य विद्यार्थियों को उद्यमिता के लिए प्रेरित करना और उन्हें इस क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए आवश्यक प्रशिक्षण प्रदान करना था।
✔ इस कार्यक्रम में विशेषज्ञों द्वारा छात्रों को स्टार्टअप, स्थानीय उत्पादों को नए रूप में प्रस्तुत करने, जियो-टैगिंग, और उद्यमिता में आ रही कठिनाइयों को दूर करने के उपाय बताए गए। Dev Bhoomi Entrepreneurship Scheme:
✔ इसमें लगभग 150 विद्यार्थियों ने भाग लिया और उन्होंने उद्यमिता के विभिन्न पहलुओं को समझा।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि एवं वक्ता Dev Bhoomi Entrepreneurship Scheme:
कार्यक्रम का शुभारंभ परिसर निदेशक प्रोफेसर नीता बोरा शर्मा द्वारा किया गया। उन्होंने विद्यार्थियों को उद्यमिता के महत्व को समझाने के साथ-साथ सभी आयोजकों और प्रतिभागियों को शुभकामनाएं दीं।
👉 कार्यक्रम का संचालन प्रोफेसर ललित तिवारी (विभागाध्यक्ष, वनस्पति विज्ञान) द्वारा किया गया।
👉 कार्यक्रम का समन्वय डॉ. विजय कुमार द्वारा किया गया, जिन्होंने सभी अतिथियों और विद्यार्थियों का स्वागत किया और कार्यक्रम की रूपरेखा प्रस्तुत की।
इस कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में डॉ. किरण तिवारी (महिला अध्ययन केंद्र, कुमाऊं विश्वविद्यालय, नैनीताल) ने विद्यार्थियों को उद्यमिता के महत्व के बारे में विस्तार से बताया।
✔ उन्होंने उत्तराखंड के स्थानीय उत्पादों को उद्यमिता के रूप में विकसित करने के तरीकों पर चर्चा की।
✔ इसके अलावा, उन्होंने “जियो-टैगिंग” के महत्व और इसके उद्यमिता से जुड़े पहलुओं पर भी प्रकाश डाला।
उत्तराखंड सरकार और अहमदाबाद उद्यमिता विकास संस्थान का सहयोग
उत्तराखंड सरकार ने अहमदाबाद स्थित उद्यमिता विकास संस्थान (EDII) के साथ करार किया है। इस समझौते के तहत, राज्य के विभिन्न महाविद्यालयों और विश्वविद्यालयों में उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रमों और कार्यशालाओं का आयोजन किया जा रहा है।
👉 इस कार्यक्रम में श्री अभिषेक नंदन (प्रोजेक्ट ऑफिसर, उद्यमिता विकास संस्थान, अहमदाबाद) ने उत्तराखंड सरकार और EDII की ओर से प्रतिभाग किया।
✔ उन्होंने विद्यार्थियों को उद्यमिता में आने वाली चुनौतियों और अवसरों के बारे में बताया।
✔ उन्होंने यह भी समझाया कि कैसे विद्यार्थी अपने कॉलेज जीवन से ही एक सफल उद्यमी बन सकते हैं।
✔ इसके अलावा, उन्होंने स्टार्टअप स्थापित करने और अपने विचारों को व्यावसायिक रूप में बदलने की प्रक्रिया को भी साझा किया।
उत्तराखंड के स्थानीय उत्पादों को उद्यमिता से जोड़ने की पहल
उत्तराखंड की समृद्ध प्राकृतिक संपदा में कई ऐसे उत्पाद उपलब्ध हैं, जो राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में अत्यधिक लोकप्रिय हो सकते हैं।
✔ इस बूट कैंप में विद्यार्थियों को यह सिखाया गया कि वे उत्तराखंड के पारंपरिक और स्थानीय उत्पादों को उद्यमिता के माध्यम से कैसे विकसित कर सकते हैं।
✔ हस्तनिर्मित वस्त्र, जड़ी-बूटियां, जैविक उत्पाद, पारंपरिक खाद्य पदार्थ, और पहाड़ी क्षेत्रों में उपलब्ध दुर्लभ औषधीय पौधों को कैसे बाजार में बेचा जा सकता है, इस पर विस्तृत जानकारी दी गई।
👉 डॉ. किरण तिवारी ने “जियो-टैगिंग” के महत्व को भी समझाया, जिससे स्थानीय उत्पादों को विश्व स्तर पर प्रमोट किया जा सकता है।
कार्यक्रम में भाग लेने वाले विशेषज्ञ एवं शिक्षक
इस कार्यक्रम में कई विशेषज्ञों और शिक्षकों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई और विद्यार्थियों को मार्गदर्शन प्रदान किया।
✔ प्रो. नीता बोरा शर्मा (परिसर निदेशक, डीएसबी परिसर, नैनीताल)
✔ प्रो. ललित तिवारी (विभागाध्यक्ष, वनस्पति विज्ञान, कुमाऊं विश्वविद्यालय, नैनीताल)
✔ डॉ. विजय कुमार (नोडल ऑफिसर, देवभूमि उद्यमिता केंद्र, डीएसबी परिसर, नैनीताल)
✔ डॉ. शिवांगी चनियाल (कार्यक्रम समन्वयक, राष्ट्रीय सेवा योजना, कुमाऊं विश्वविद्यालय, नैनीताल)
✔ डॉ. तेज प्रकाश, डॉ. ममता जोशी, डॉ. निधि वर्मा, डॉ. पूजा जोशी, डॉ. गौतम रावत, डॉ. रितिशा शर्मा, डॉ. हृदेश शर्मा, डॉ. सीमा चौहान
विद्यार्थियों के लिए “देवभूमि उद्यमिता योजना” (Dev Bhoomi Entrepreneurship Scheme: ) के लाभ
✔ इस योजना के माध्यम से विद्यार्थियों को स्टार्टअप और उद्यमिता की बारीकियों को समझने का अवसर मिलेगा।
✔ उत्तराखंड सरकार विभिन्न योजनाओं के तहत वित्तीय सहायता भी प्रदान करेगी।
✔ विद्यार्थियों को एक्सपर्ट गाइडेंस, ट्रेनिंग, और मार्केटिंग सपोर्ट मिलेगा।
✔ स्थानीय उत्पादों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रमोट करने के अवसर मिलेंगे।
उत्तराखंड में स्वरोजगार और स्टार्टअप को मिलेगा बढ़ावा
“देवभूमि उद्यमिता योजना” (Dev Bhoomi Entrepreneurship Scheme: ) उत्तराखंड के विद्यार्थियों के लिए एक सुनहरा अवसर है, जिससे वे आत्मनिर्भर बन सकते हैं। इस योजना के तहत आयोजित डीएसबी परिसर, नैनीताल में दो दिवसीय बूट कैंप ने यह साबित कर दिया कि छात्रों के अंदर अपार उद्यमिता संभावनाएं हैं, जिन्हें सही दिशा और मार्गदर्शन की आवश्यकता है।
✔ उत्तराखंड सरकार का यह प्रयास युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने और रोजगार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
✔ स्थानीय संसाधनों के उपयोग से नए स्टार्टअप विकसित होंगे, जिससे राज्य की अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा मिलेगा।
✔ विद्यार्थी अपने नवाचार और स्टार्टअप आइडियाज को सही दिशा में ले जाकर एक सफल उद्यमी बन सकते हैं।
👉 यदि आप भी एक विद्यार्थी हैं और स्टार्टअप या उद्यमिता के क्षेत्र में कुछ नया करने का सपना देख रहे हैं, तो “देवभूमि उद्यमिता योजना” आपके लिए एक सुनहरा अवसर हो सकती है। 🚀