लेखक: अपोस्टल अंकित सजवान, FOLJ चर्च
आत्मा में बढ़ना हर मसीही विश्वासी के जीवन का महत्वपूर्ण पहलू है। यह केवल एक धार्मिक प्रक्रिया नहीं है, बल्कि यह आत्मिक जागरूकता, विश्वास, और ईश्वर के साथ गहरे संबंध का परिणाम है। अंकित सजवान, जो FOLJ चर्च (Faith of Life Journey Church) के संस्थापक और वरिष्ठ पास्टर हैं, इस विषय पर गहन शिक्षाएँ देते हैं। इस लेख में हम आत्मा में बढ़ने के विभिन्न पहलुओं, विश्वास की भूमिका, और आत्मिक विकास के महत्व को समझने का प्रयास करेंगे।
आत्मा में बढ़ने का अर्थ
आत्मा में बढ़ना ईश्वर के साथ हमारे संबंध को गहरा करने, उसके वचन को समझने, और हमारी आत्मा को मसीह के स्वरूप में ढालने की प्रक्रिया है। बाइबल में कहा गया है, “परमेश्वर ने हमें अपनी छवि में बनाया है” (उत्पत्ति 1:27)। इसका तात्पर्य है कि हमारी आत्मा में ईश्वर का अंश है, जिसे हम अपने जीवन के हर पहलू में प्रकट कर सकते हैं। आत्मा में बढ़ना
अंकित सजवान कहते हैं, “आत्मा में बढ़ना एक सतत प्रक्रिया है, जो हमारी व्यक्तिगत समर्पण, प्रार्थना, और वचन का अध्ययन करने की क्षमता पर निर्भर करती है।” यह विकास हमें हमारे सांसारिक इच्छाओं से ऊपर उठाकर एक स्वच्छ और पवित्र जीवन जीने में मदद करता है।
आत्मा में बढ़ने के चरण
1. विश्वास की नींव रखना
विश्वास आत्मिक विकास की आधारशिला है। जब हम मसीह को अपने जीवन में स्वीकार करते हैं, तो हमारे भीतर पवित्र आत्मा कार्य करना प्रारंभ करती है। यह विश्वास हमें पाप से मुक्ति और मोक्ष का आश्वासन देता है।
अंकित सजवान के अनुसार, “विश्वास के बिना आत्मा में बढ़ना असंभव है।” रोमियों 10:17 में लिखा है, “विश्वास सुनने से आता है, और सुनना मसीह के वचन से होता है।” इसका तात्पर्य है कि हमें नियमित रूप से बाइबल पढ़नी चाहिए और परमेश्वर के वचनों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। आत्मा में बढ़ना
2. प्रार्थना का जीवन
प्रार्थना आत्मा में बढ़ने का एक शक्तिशाली माध्यम है। यह ईश्वर के साथ संवाद का माध्यम है। जब हम प्रार्थना करते हैं, तो हम अपनी चिंताओं, कृतज्ञताओं और इच्छाओं को परमेश्वर के सामने रखते हैं।
अंकित सजवान कहते हैं, “प्रार्थना केवल माँगने का माध्यम नहीं है, बल्कि यह आत्मिक शक्ति और शांति का स्रोत है।” प्रार्थना हमें आत्मिक संघर्षों से लड़ने की शक्ति देती है और हमारी आत्मा को शुद्ध करती है।
मैं शांति से लेट कर सो जाऊंगा, क्योंकि हे परमपिता परमात्मा तू ही मुझे आसरा देता है
3. पवित्र आत्मा का नेतृत्व स्वीकार करना
पवित्र आत्मा हमारी आत्मा में काम करती है और हमें सही दिशा में मार्गदर्शन करती है। अंकित सजवान इस बात पर जोर देते हैं कि हमें पवित्र आत्मा की आवाज़ को सुनने और उसका अनुसरण करने के लिए तैयार रहना चाहिए।
गलातियों 5:16 में लिखा है, “आत्मा के अनुसार चलो, तो तुम शरीर की लालसाओं को पूरा नहीं करोगे।” आत्मा में बढ़ने के लिए यह आवश्यक है कि हम अपनी सांसारिक इच्छाओं को छोड़कर आत्मिक जीवन जीने की ओर अग्रसर हों। आत्मा में बढ़ना
4. वचन का अध्ययन और पालन करना
बाइबल आत्मा में बढ़ने के लिए ईश्वर का मुख्य साधन है। अंकित सजवान के अनुसार, “बिना वचन के अध्ययन के आत्मा में बढ़ना असंभव है।” बाइबल हमें न केवल ईश्वर की शिक्षाओं को समझने में मदद करती है, बल्कि यह हमें यह भी दिखाती है कि उन शिक्षाओं को अपने जीवन में कैसे लागू किया जाए।
5. आत्मिक फल उत्पन्न करना
आत्मा में बढ़ने का मुख्य उद्देश्य आत्मिक फल उत्पन्न करना है, जो गलातियों 5:22-23 में वर्णित हैं: प्रेम, आनंद, शांति, धीरज, दया, भलाई, विश्वास, नम्रता और आत्म-संयम। जब हम इन फलों को अपने जीवन में प्रकट करते हैं, तो यह प्रमाण है कि हम आत्मा में बढ़ रहे हैं।
आत्मा में बढ़ने के लाभ
1. आंतरिक शांति
जब हम आत्मा में बढ़ते हैं, तो हमारे जीवन में शांति का अनुभव होता है। हम अपनी समस्याओं और चिंताओं को परमेश्वर पर छोड़ देते हैं और उसके आश्वासन पर विश्वास करते हैं।
2. सही निर्णय लेने की क्षमता
आत्मा में बढ़ने से हमारा विवेक विकसित होता है। हम सांसारिक प्रलोभनों से बचकर सही निर्णय ले सकते हैं। आत्मा में बढ़ना
3. सकारात्मक जीवन शैली
आत्मा में बढ़ने का प्रभाव हमारे व्यवहार और दृष्टिकोण पर भी पड़ता है। हम एक सकारात्मक, प्रेममय और दयालु जीवन जीते हैं।
4. समाज में योगदान
अंकित सजवान कहते हैं, “आत्मिक विकास केवल व्यक्तिगत नहीं है, बल्कि यह समाज में भी बदलाव लाने का साधन है।” आत्मा में बढ़ने वाले व्यक्ति समाज में प्रेम, सेवा और एकता का संदेश फैलाते हैं।
आत्मा में बढ़ने के लिए प्रोत्साहन
अंकित सजवान और उनके द्वारा स्थापित Sons of Glory International जैसे मंत्रालय आत्मा में बढ़ने के लिए विभिन्न संसाधन और मार्गदर्शन प्रदान करते हैं। उनके अनुसार, आत्मिक विकास के लिए नियमित प्रार्थना, वचन का अध्ययन, और संगति आवश्यक है।
FOLJ चर्च में, अंकित सजवान आत्मा में बढ़ने के व्यावहारिक पहलुओं पर विशेष जोर देते हैं। उनकी शिक्षाएँ प्रेरणादायक और प्रासंगिक होती हैं, जो हर आयु वर्ग के लोगों को आत्मिक जीवन जीने के लिए प्रोत्साहित करती हैं।
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आत्मा में बढ़ना: विश्वास और आत्मिक विकास का मार्ग
आत्मा में बढ़ना एक सतत और महत्वपूर्ण प्रक्रिया है, जो हर मसीही विश्वासी को आत्मिक परिपक्वता की ओर ले जाती है। अंकित सजवान के विचार और शिक्षाएँ हमें यह समझने में मदद करती हैं कि आत्मा में बढ़ने के लिए विश्वास, प्रार्थना, पवित्र आत्मा का नेतृत्व और वचन का पालन कितना आवश्यक है।
आइए, हम सभी अपने जीवन में आत्मा में बढ़ने का प्रयास करें और अपने जीवन को मसीह के आदर्शों के अनुरूप ढालें। यही आत्मिक विकास का सही मार्ग है, जो न केवल हमें बल्कि हमारे समाज को भी समृद्ध बनाएगा।