Flight of dreams: नयारघाटी के 48 वर्षीय बेणी कौशल, जिन्होंने कांच के बेकार टुकड़ों को करीने से जोड़कर विश्व धरोहरों की हूबहू प्रतिकृतियां तैयार करने का अनोखा कौशल विकसित किया है, आज कला की दुनिया में एक विशेष पहचान बना चुके हैं। उनकी इस अनूठी कला को लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स ने सराहा है। अब उनका अगला लक्ष्य गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में स्थान बनाना है।
कांच के टुकड़ों से कला का जन्म
बेणी कौशल की कहानी सतपुली बाजार से शुरू होती है, जहां वह वॉल पेंटिंग और स्कूलों में रंग रोगन का काम करते हैं। उनकी कला की शुरुआत तब हुई, जब उन्होंने घड़ियों की मरम्मत के दौरान टूटे कांच के टुकड़ों को एकत्र कर उन्हें आकार देने का प्रयास किया। बेणी का यह शौक धीरे-धीरे जुनून में बदल गया। आज उनके पास कांच के टुकड़ों से ताजमहल, केदारनाथ, और कुतुबमीनार जैसे धरोहरों की प्रतिकृतियां तैयार करने का अनूठा हुनर है।
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लक्ष्य: ‘वसुधैव कुटुंबकम’ का संदेश
बेणी कौशल का अगला प्रोजेक्ट ‘वसुधैव कुटुंबकम’ के संदेश को लेकर है। इसके तहत वह दस लाख कांच के टुकड़ों से एक ऐसी कलाकृति तैयार कर रहे हैं, जो विश्व को शांति और एकता का संदेश दे। इस कृति को अगस्त तक पूरा करने का लक्ष्य है। उन्होंने बताया कि यह प्रोजेक्ट 22 जनवरी से शुरू हुआ है और इसमें उनकी पत्नी मंजू और तीन बेटे—आकाश, आश्विन, और प्रणव—उनका पूरा साथ दे रहे हैं।
कला के प्रति समर्पण
बेणी का परिवार उनके इस कार्य में उनका कंधे से कंधा मिलाकर साथ दे रहा है। शाम छह बजे से रात 11 बजे तक पूरा परिवार कांच के टुकड़ों को जोड़ने में जुटा रहता है। बेणी का दावा है कि वे एक मिनट में 40 कांच के टुकड़े जोड़ सकते हैं। उनकी इस मेहनत और लगन ने उन्हें आज कला जगत में अलग मुकाम पर पहुंचाया है।
पिछली उपलब्धियां और संघर्ष
बारह वर्ष पहले, बेणी ने 300 दिनों की मेहनत के बाद कांच के साढ़े चार लाख टुकड़ों से ताजमहल की प्रतिकृति बनाई थी। इस अद्वितीय कृति के लिए उनका नाम लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में दर्ज किया गया। मुफलिसी और कठिनाइयों के बावजूद, उन्होंने हार नहीं मानी और अपने जुनून को जिंदा रखा।
प्रदर्शनियों में मिला सम्मान
बेणी अब तक कांच के टुकड़ों से दर्जनों कलाकृतियां बना चुके हैं, जिन्हें विभिन्न राज्यों में प्रदर्शनियों के दौरान प्रदर्शित और पुरस्कृत किया गया है। उनकी कला को हर जगह सराहना मिली, जिससे उन्हें और अधिक प्रेरणा मिली।
सपनों की उड़ान (Flight of dreams) कांच के टुकड़ों से रची विश्व धरोहर: बेणी कौशल का अद्वितीय हुनर
बेणी कौशल की यह कहानी न केवल उनके कला कौशल को दर्शाती है, बल्कि यह भी सिखाती है कि कठिन परिस्थितियां भी एक सपने को पूरा करने में बाधा नहीं बन सकतीं। उनका अद्वितीय कौशल न केवल नयारघाटी, बल्कि पूरे देश के लिए गर्व का विषय है।
बेणी की कांच की कलाकृतियां इस बात का प्रमाण हैं कि रचनात्मकता और समर्पण के साथ कुछ भी संभव है। उनके आगामी प्रोजेक्ट के लिए उन्हें शुभकामनाएं।