Nehru Yuva Kendra Nainital: 26 नवंबर 1949 को हमारे संविधान का निर्माण हुआ था, जो भारतीय लोकतंत्र की नींव है। उसी दिन को संविधान दिवस के रूप में मनाने का आयोजन डीएसबी परिसर नैनीताल और नेहरू युवा केंद्र नैनीताल द्वारा संयुक्त रूप से किया गया। इस अवसर पर डीएसबी परिसर में एक भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें संविधान के महत्व पर चर्चा और विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम का संचालन कूटा अध्यक्ष प्रो. ललित तिवारी ने किया। उन्होंने सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए संविधान के महत्व और उसकी विशेषताओं पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि भारतीय संविधान ना केवल हमारे देश के शासन तंत्र को दिशा प्रदान करता है, बल्कि यह हमारे अधिकारों और कर्तव्यों का भी निर्धारण करता है। प्रो. तिवारी ने विशेष रूप से संविधान के प्रमुख बिंदुओं का उल्लेख किया और कहा कि संविधान हमें समानता, स्वतंत्रता और न्याय की गारंटी देता है, और यह हमारे लोकतंत्र की सबसे महत्वपूर्ण धरोहर है।
इस कार्यक्रम में मुख्य वक्ता श्रीमती डॉल्बी तेवतिया, युवा कल्याण अधिकारी, नेहरू युवा केंद्र नैनीताल रहीं। उन्होंने अपने भाषण में संविधान के विषय में विस्तार से बताया और इसके प्रभाव के बारे में युवाओं को जागरूक किया। साथ ही, उन्होंने बताया कि संविधान के निर्माण के बाद से इसके कई संशोधन भी हुए हैं, जो समय की जरूरतों और बदलते सामाजिक-राजनीतिक परिप्रेक्ष्य को ध्यान में रखते हुए किए गए। श्रीमती तेवतिया ने यह भी जानकारी दी कि नेहरू युवा केंद्र नैनीताल द्वारा भारतीय संविधान दिवस के अवसर पर चित्रकला प्रतियोगिता का आयोजन किया गया था, जिसमें 45 युवाओं ने हिस्सा लिया। प्रतियोगिता का विषय “भारत का संविधान” था, और यह मार्शल कॉटेज, नैनीताल में सुबह 11 बजे से आयोजित की गई। खराब मौसम के बावजूद प्रतियोगिता में युवाओं का उत्साह देखने योग्य था।
इस कार्यक्रम में जिला युवा अधिकारी ने “माय भारत इनिशिएटिव” के बारे में भी बताया। उन्होंने बताया कि इस पहल के तहत 25 नवंबर से “विकसित भारत यंग लीडर्स डायलॉग” कार्यक्रम का आयोजन माय भारत पोर्टल पर किया जाएगा। इस कार्यक्रम में चयनित युवा राष्ट्रीय युवा दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करेंगे और देश के भविष्य पर अपने विचार प्रस्तुत करेंगे। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने हाल ही में यह बयान दिया था कि युवाओं को विकसित भारत के निर्माण में अपनी अहम भूमिका निभानी होगी, और इस पहल से युवाओं को राष्ट्रीय विकास में अपनी सहभागिता बढ़ाने का एक अवसर मिलेगा।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि और वक्ता के रूप में उपस्थित रही डीएसबी परिसर की निदेशक प्रो. नीता बोरा शर्मा ने संविधान के निर्माण, इसके महत्व और समय-समय पर किए गए संशोधनों पर विस्तृत चर्चा की। उन्होंने संविधान के अनुच्छेदों में उल्लिखित अधिकारों और दायित्वों का उल्लेख किया, साथ ही यह भी बताया कि हमें संविधान के दायित्वों का पालन करते हुए अपने अधिकारों का सम्मान करना चाहिए। प्रो. बोरा शर्मा ने युवाओं से अपील की कि वे संविधान की शपथ लें और इसे अपने जीवन में लागू करें ताकि हमारे देश का विकास सही दिशा में हो सके।
कार्यक्रम के अंत में संविधान की शपथ ली गई, जिसमें उपस्थित सभी फैकल्टी सदस्यों, कर्मचारियों और विद्यार्थियों ने संविधान के प्रति अपनी निष्ठा और सम्मान व्यक्त किया। यह शपथ लोकतांत्रिक मूल्यों, समानता, न्याय और स्वतंत्रता की ओर एक महत्वपूर्ण कदम थी। कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान के साथ हुआ, जिसमें सभी उपस्थित जनों ने एकजुट होकर राष्ट्रगान गाया।
इस अवसर पर श्रीमती डॉल्बी तेवतिया ने सभी अतिथियों को नेहरू युवा केंद्र का प्रतीक चिन्ह प्रदान कर सम्मानित किया। प्रो. नीता बोरा शर्मा को शॉल उड़ाकर और प्रतीक चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया गया। इस सम्मान समारोह के दौरान कई अन्य प्रमुख हस्तियों को भी सम्मानित किया गया, जिनमें प्रो. पदम सिंह बिष्ट, संकायाध्यक्ष कला कुमाऊं विश्वविद्यालय नैनीताल, प्रो. गिरीश रंजन तिवारी, प्रो. अनिल बिष्ट, प्रो. आशीष तिवारी, डॉ. विजय कुमार, डॉ. दीपिका गोस्वामी, डॉ. शशि पांडे, डॉ. शिवांगी चनियाल, डॉ. सीमा चौहान, डॉ. दीपिका पंत, डॉ. हेम, डॉ. प्रभा, डॉ. नवीन, डॉ. हिमानी, डॉ. तेज प्रकाश, डॉ. हिमानी कार्की, डॉ. कुबेर गिन्ती, डॉ. गौतम रावत, और पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष पंकज भट्ट मेहरा जैसे सम्माननीय सदस्य शामिल थे।
Nehru Yuva Kendra Nainital: डीएसबी परिसर नैनीताल में संविधान दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में युवाओं की भागीदारी और संविधान के महत्व पर चर्चा
इस कार्यक्रम में छात्रों और शिक्षकों के बीच एक गहरी चर्चा का माहौल था, जहां संविधान की अहमियत और इसके कार्यान्वयन की आवश्यकता पर विचार विमर्श हुआ। इस कार्यक्रम ने न केवल संविधान के प्रति सम्मान को बढ़ाया, बल्कि युवाओं में संविधान और लोकतंत्र के बारे में जागरूकता भी फैलाई।
संविधान दिवस के इस कार्यक्रम का आयोजन निश्चित रूप से एक महत्वपूर्ण पहल था, जिसमें छात्रों और युवाओं को न केवल अपने अधिकारों और कर्तव्यों के बारे में जानकारी मिली, बल्कि उन्हें यह भी समझाया गया कि एक मजबूत और विकसित राष्ट्र की निर्माण में उनका योगदान कितना अहम है। ऐसे कार्यक्रमों का आयोजन आगे भी होना चाहिए, ताकि संविधान की भावना को जीवित रखा जा सके और सभी नागरिक इसे अपने जीवन में लागू कर सकें।