Registered Doctors: उत्तराखंड राज्य पशु चिकित्सा परिषद के अध्यक्ष, डॉ. कैलाश उनियाल ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण प्रेस नोट जारी किया, जिसमें उन्होंने राज्य में अपंजीकृत पशु चिकित्सकों और झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई करने की घोषणा की। यह निर्णय राज्य में पशु स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता को बनाए रखने और अवैध चिकित्सकीय प्रथाओं को रोकने के उद्देश्य से लिया गया है।
पंजीकरण के बिना पशु चिकित्सा सेवाओं का संचालन अवैध
डॉ. कैलाश उनियाल ने स्पष्ट किया कि उत्तराखंड राज्य पशु चिकित्सा परिषद के नियमों और कानूनों के तहत केवल वे पशु चिकित्सक, जो परिषद में पंजीकृत हैं, ही राज्य में वैध रूप से पशु चिकित्सा सेवाएं प्रदान कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि अपंजीकृत चिकित्सकों और झोलाछाप डॉक्टरों द्वारा अवैध रूप से पशुओं का इलाज करना न केवल कानूनी उल्लंघन है, बल्कि यह पशु स्वास्थ्य के लिए भी अत्यधिक खतरनाक हो सकता है। ऐसे चिकित्सकों के इलाज से न केवल पशुओं की जान को खतरा होता है, बल्कि उनके द्वारा दी जाने वाली गलत दवाइयों और उपचारों से पशु स्वस्थ होने के बजाय और भी गंभीर रूप से बीमार हो सकते हैं।
कानूनी कार्रवाई की जाएगी Registered Doctors
उत्तराखंड राज्य पशु चिकित्सा परिषद के अध्यक्ष ने यह भी बताया कि परिषद अब से अधिक सख्त कदम उठाएगी और अपंजीकृत पशु चिकित्सकों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करेगी। उन्होंने कहा, “हमारी प्राथमिकता है कि राज्य में पशु स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता और मानक बनाए रखें। हम किसी भी अनधिकृत चिकित्सक को यह अनुमति नहीं दे सकते कि वह अवैध रूप से पशु चिकित्सा सेवाएं प्रदान करें।”
उन्होंने यह भी कहा कि ऐसे मामलों की निगरानी के लिए राज्य में विशेष टीमों का गठन किया जाएगा, जो अवैध चिकित्सकों और उनके द्वारा संचालित किए जा रहे क्लिनिकों पर कड़ी नजर रखेंगी। इसके अलावा, यदि कोई व्यक्ति या संस्था अपंजीकृत पशु चिकित्सकों से इलाज करवाती है, तो उन्हें भी कानूनी कार्यवाही का सामना करना पड़ सकता है।
सार्वजनिक अपील: केवल पंजीकृत पशु चिकित्सकों से लें इलाज Registered Doctors
डॉ. कैलाश उनियाल ने आम जनता से अपील की है कि वे अपनी पालतू जानवरों और मवेशियों के इलाज के लिए केवल पंजीकृत और अधिकृत पशु चिकित्सकों से ही संपर्क करें। उन्होंने कहा, “राज्य की जनता से अनुरोध है कि वे किसी भी स्थिति में अपंजीकृत चिकित्सकों के पास न जाएं। यह न केवल उनके पशु की सुरक्षा के लिए जरूरी है, बल्कि इससे पशु चिकित्सा सेवाओं की गुणवत्ता भी सुनिश्चित रहती है।” Registered Doctors
इसके अलावा, उन्होंने यह भी बताया कि पंजीकृत पशु चिकित्सक अपनी पेशेवर क्षमता और अनुभव के कारण पशु चिकित्सा के क्षेत्र में अत्यधिक दक्ष होते हैं और वे सही उपचार विधियों का पालन करते हुए पशुओं का इलाज करते हैं। इसके विपरीत, अपंजीकृत चिकित्सकों द्वारा दी जाने वाली सेवाएं खतरनाक हो सकती हैं और पशुओं की हालत बिगाड़ सकती हैं।
उत्तराखंड राज्य पशु चिकित्सा परिषद का कर्तव्य
उत्तराखंड राज्य पशु चिकित्सा परिषद के गठन का मुख्य उद्देश्य राज्य में पशु चिकित्सा सेवाओं की गुणवत्ता को बनाए रखना है। परिषद के तहत पंजीकरण प्रक्रिया में पशु चिकित्सकों को उनकी पेशेवर योग्यता, प्रशिक्षण और अनुभव के आधार पर मान्यता दी जाती है। इस व्यवस्था के अंतर्गत केवल वही चिकित्सक पशु स्वास्थ्य के क्षेत्र में सेवाएं प्रदान कर सकते हैं, जिन्होंने परिषद के नियमों का पालन किया हो और जो उच्च मानकों पर खरे उतरे हों।
राज्य पशु चिकित्सा परिषद यह सुनिश्चित करती है कि सभी पंजीकृत चिकित्सक समय-समय पर अपने कौशल और ज्ञान को अद्यतन करें और पशु चिकित्सा के नए शोध और उपचार विधियों से अवगत रहें। इससे राज्य में पशु चिकित्सा सेवाओं का स्तर उच्च रहता है और पशुओं के स्वास्थ्य को उचित ध्यान दिया जाता है।
झोलाछाप डॉक्टरों का खतरा
उत्तराखंड में जैसे-जैसे पशुपालन की गतिविधियाँ बढ़ी हैं, वैसे-वैसे झोलाछाप डॉक्टरों की संख्या में भी इजाफा हुआ है। ये चिकित्सक बिना किसी पेशेवर योग्यता और प्रशिक्षण के पशुओं का इलाज करते हैं, जिससे अनेक पशुओं की स्थिति बिगड़ चुकी है। झोलाछाप डॉक्टरों के इलाज से न केवल पशु की जान को खतरा होता है, बल्कि यह पशु मालिकों के लिए भी आर्थिक नुकसान का कारण बन सकता है।
इसके अलावा, इन चिकित्सकों द्वारा उपयोग किए जाने वाले दवाइयों और उपचार विधियों का कोई वैज्ञानिक आधार नहीं होता, जिससे पशु और भी बीमार हो सकते हैं। कई बार इनका इलाज करने से पशु की स्थिति और भी गंभीर हो जाती है और पशु मालिकों को इलाज के नाम पर अतिरिक्त खर्च उठाना पड़ता है।
जन जागरूकता अभियान की आवश्यकता
पशु चिकित्सकों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के अलावा, राज्य पशु चिकित्सा परिषद ने जन जागरूकता अभियान चलाने का भी निर्णय लिया है। इस अभियान के माध्यम से जनता को यह जानकारी दी जाएगी कि वे किस प्रकार के चिकित्सकों से इलाज करवाएं और कैसे अपंजीकृत चिकित्सकों से बचें। इसके लिए विभिन्न जागरूकता कार्यक्रमों, पोस्टरों और सोशल मीडिया प्लेटफार्मों का उपयोग किया जाएगा, ताकि लोग सही जानकारी प्राप्त कर सकें और अपने पशुओं के इलाज में कोई गलती न करें।
Registered Doctors: उत्तराखंड में अपंजीकृत पशु चिकित्सकों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई, पंजीकृत डॉक्टरों से ही लें पशु चिकित्सा सेवाएं
उत्तराखंड राज्य पशु चिकित्सा परिषद का यह कदम पशु चिकित्सा सेवाओं की गुणवत्ता को बनाए रखने और पशुओं के स्वास्थ्य को सुरक्षित रखने के उद्देश्य से उठाया गया है। राज्य में अपंजीकृत पशु चिकित्सकों और झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी, ताकि पशुओं के इलाज में कोई कमी न हो और उन्हें सही उपचार मिल सके। नागरिकों को केवल पंजीकृत और प्रमाणित पशु चिकित्सकों से इलाज लेने की अपील की गई है, ताकि उनके पशुओं की सेहत सही बनी रहे और किसी भी प्रकार के जोखिम से बचा जा सके।