Uttarakhand Pavilion: भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में उत्तराखंड पवेलियन; एक नई फिल्म नीति के साथ आकर्षण का केंद्र
Uttarakhand Pavilion: भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (आईएफएफआई) विश्वभर के फिल्म निर्माताओं, निर्देशकों और कलाकारों के लिए एक प्रमुख मंच है। गोवा में आयोजित इस महोत्सव का फिल्म बाजार सिनेमा उद्योग से जुड़े लोगों को नई संभावनाओं और विचारों से जोड़ने का एक उत्कृष्ट अवसर प्रदान करता है। इस बार के महोत्सव में उत्तराखंड पवेलियन ने अपनी नई फिल्म नीति-2024 के साथ विशेष रूप से ध्यान आकर्षित किया। यह पवेलियन फिल्म (Uttarakhand Pavilion) निर्माताओं, निर्देशकों और अन्य रचनात्मक व्यक्तियों के लिए चर्चा का एक प्रमुख केंद्र बन गया।
उत्तराखंड पवेलियन (Uttarakhand Pavilion): सिनेमा प्रेमियों का आकर्षण
उत्तराखंड सरकार द्वारा स्थापित पवेलियन ने न केवल अपनी सौंदर्यपूर्ण प्रस्तुति से, बल्कि अपनी व्यावहारिक और रचनात्मक पहल से भी दर्शकों का दिल जीत लिया। उत्तराखंड के मंत्रमुग्ध कर देने वाले प्राकृतिक दृश्य, उत्कृष्ट बुनियादी ढांचे और आकर्षक फिल्म नीति ने फिल्म जगत से जुड़े लोगों को राज्य में शूटिंग और निवेश के लिए प्रेरित किया।
प्रमुख आकर्षण
- नई फिल्म नीति-2024 का विस्तृत विवरण।
- उत्तराखंड में शूटिंग की सुविधाओं और सरकारी प्रोत्साहनों की जानकारी।
- फिल्म निर्माताओं और निर्देशकों के लिए अनुकूल वातावरण।
- राज्य के प्राचीन स्थानों और सांस्कृतिक धरोहर की झलक।
नई फिल्म नीति-2024: फिल्म जगत के लिए एक बड़ा अवसर
उत्तराखंड सरकार द्वारा हाल ही में लागू की गई फिल्म नीति-2024 ने फिल्म उद्योग में एक नई ऊर्जा का संचार किया है। इस नीति के तहत राज्य में शूटिंग को बढ़ावा देने के लिए कई प्रोत्साहन दिए गए हैं।
नीति की प्रमुख विशेषताएं
- आर्थिक प्रोत्साहन:
- फिल्मों की शूटिंग के लिए सब्सिडी।
- स्थानीय कलाकारों और तकनीशियनों को प्रोत्साहन।
- सरकारी सहयोग:
- शूटिंग परमिट में तेजी।
- सिंगल विंडो क्लीयरेंस प्रणाली।
- सुविधाएं:
- फिल्म निर्माण के लिए आधुनिक उपकरण और स्टूडियो।
- शूटिंग के लिए विशेष स्थानों की उपलब्धता।
- पर्यावरणीय संवेदनशीलता:
- पर्यावरण के अनुकूल फिल्म निर्माण के लिए प्रोत्साहन।
- राज्य की जैव विविधता को संरक्षित करने के लिए विशेष दिशानिर्देश।
प्रमुख हस्तियों का उत्तराखंड पवेलियन में आगमन
उत्तराखंड पवेलियन ने भारतीय और अंतरराष्ट्रीय फिल्म जगत की कई प्रमुख हस्तियों को अपनी ओर आकर्षित किया। इन हस्तियों ने न केवल उत्तराखंड की फिल्म नीति की प्रशंसा की, बल्कि राज्य में शूटिंग करने की संभावनाओं पर भी विचार किया।
जाने-माने अभिनेता हेमंत पांडे
प्रसिद्ध अभिनेता हेमंत पांडे ने मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि उत्तराखंड सरकार की फिल्म नीति फिल्म उद्योग के लिए एक उत्कृष्ट पहल है। उन्होंने पवेलियन को फिल्म बाजार का सबसे आकर्षक केंद्र बताया।
Uttarakhand Pavilion: भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में उत्तराखंड पवेलियन; एक नई फिल्म नीति के साथ आकर्षण का केंद्र
अन्य प्रमुख हस्तियां
- मुकेश छाबड़ा: प्रसिद्ध कास्टिंग डायरेक्टर ने उत्तराखंड की नई नीति को सराहा और राज्य में शूटिंग की संभावनाओं पर चर्चा की।
- अभय सिन्हा: इम्पा के अध्यक्ष ने फिल्म नीति को फिल्म उद्योग के लिए एक महत्वपूर्ण कदम बताया।
- सुभाई नल्लामुथु: राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार विजेता सिनेमेटोग्राफर ने राज्य के प्राकृतिक सौंदर्य को फिल्म निर्माण के लिए उपयुक्त बताया।
- शिव सागर: रामानंद सागर के बेटे और सागर वर्ल्ड मल्टीमीडिया के निदेशक ने उत्तराखंड को फिल्म निर्माण के लिए आदर्श स्थान बताया।
- आरुषि निशंक: अभिनेत्री और निर्माता ने राज्य सरकार के प्रयासों को महिला सशक्तिकरण और रचनात्मकता के लिए एक प्रेरक कदम बताया।
फिल्म उद्योग के लिए उत्तराखंड का महत्व
उत्तराखंड को “देवभूमि” के नाम से जाना जाता है, और इसकी प्राकृतिक सुंदरता, शांत वातावरण और अद्वितीय स्थल इसे फिल्म निर्माण के लिए आदर्श बनाते हैं।
प्राकृतिक सौंदर्य
उत्तराखंड के हरे-भरे जंगल, बर्फ से ढके पहाड़, बहती नदियां और ऐतिहासिक धरोहरें फिल्म निर्माताओं के लिए एक परफेक्ट बैकड्रॉप प्रदान करते हैं।
सांस्कृतिक धरोहर
उत्तराखंड की समृद्ध संस्कृति और परंपराएं न केवल स्थानीय कलाकारों को प्रोत्साहन देती हैं, बल्कि यह कहानियों और फिल्म स्क्रिप्ट के लिए नई प्रेरणाओं का स्रोत भी हैं।
आधारभूत सुविधाएं
राज्य सरकार द्वारा निर्मित फिल्म स्टूडियो, तकनीकी सहायता और आधुनिक बुनियादी ढांचा फिल्म निर्माण को सरल और कुशल बनाते हैं।
उत्तराखंड में फिल्म निर्माण की संभावनाएं
उत्तराखंड में फिल्म निर्माण का भविष्य उज्ज्वल है। राज्य सरकार की नई नीति और प्रतिबद्धता ने फिल्म निर्माताओं का ध्यान आकर्षित किया है।
भविष्य की योजनाएं
- राज्य में फिल्म सिटी का निर्माण।
- स्थानीय कलाकारों और तकनीशियनों के लिए प्रशिक्षण केंद्र।
- अंतर्राष्ट्रीय फिल्म निर्माताओं को आकर्षित करने के लिए वैश्विक प्रचार।
राज्य के लिए लाभ
- आर्थिक विकास: फिल्म निर्माण के जरिए रोजगार के नए अवसर।
- पर्यटन का बढ़ावा: फिल्मों के माध्यम से राज्य के स्थानों की पहचान।
- सांस्कृतिक संरक्षण: राज्य की परंपराओं और विरासत को वैश्विक स्तर पर पहचान।
उत्तराखंड की नई फिल्म नीति पर चर्चा
फिल्म बाजार में उत्तराखंड पवेलियन पर हुई चर्चाओं ने राज्य के फिल्म उद्योग के प्रति प्रतिबद्धता को उजागर किया।
फिल्म निर्माताओं के विचार
- फिल्म निर्माता श्रवण मोहत्रर ने कहा कि उत्तराखंड की नई नीति न केवल आर्थिक रूप से फायदेमंद है, बल्कि यह क्रिएटिविटी को भी प्रोत्साहित करती है।
- राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार विजेता सुभाई नल्लामुथु ने राज्य के अनुकूल वातावरण और बेहतर सुविधाओं की सराहना की।
सरकारी दृष्टिकोण
- मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य को फिल्म निर्माताओं के लिए सबसे पसंदीदा गंतव्य बनाने का लक्ष्य रखा है।
- पर्यटन विभाग के अधिकारियों ने फिल्म निर्माताओं को हरसंभव सहायता का आश्वासन दिया।
समाज और उद्योग पर सकारात्मक प्रभाव
उत्तराखंड की नई फिल्म नीति केवल फिल्म उद्योग के लिए ही नहीं, बल्कि राज्य के विकास के लिए भी लाभकारी है।
स्थानीय लोगों के लिए अवसर
- रोजगार: फिल्मों की शूटिंग से स्थानीय लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलेगा।
- स्थानीय प्रतिभाओं को प्रोत्साहन: कलाकारों, लेखकों और तकनीशियनों के लिए नए अवसर।
राज्य की ब्रांडिंग
- फिल्मों के माध्यम से उत्तराखंड को एक प्रमुख पर्यटन स्थल के रूप में स्थापित करना।
- अंतरराष्ट्रीय स्तर पर राज्य की पहचान बनाना।
Uttarakhand Pavilion: भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में उत्तराखंड पवेलियन; एक नई फिल्म नीति के साथ आकर्षण का केंद्र
भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव के फिल्म बाजार में उत्तराखंड पवेलियन ने अपनी नई फिल्म नीति-2024 के साथ जिस प्रकार का उत्साह उत्पन्न किया, वह राज्य के फिल्म उद्योग में एक नए युग की शुरुआत का संकेत देता है। मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व और राज्य सरकार की प्रतिबद्धता ने उत्तराखंड को सिनेमा प्रेमियों और फिल्म निर्माताओं के लिए एक प्रमुख गंतव्य के रूप में स्थापित किया है।
फिल्म निर्माण के क्षेत्र में उत्तराखंड की यह पहल न केवल राज्य के आर्थिक और सांस्कृतिक विकास को गति देगी, बल्कि यह भारत के फिल्म उद्योग के लिए भी एक प्रेरणादायक कदम साबित होगी।